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अमेरिका में आखिर क्यों Gun Culture आए दिन पड़ रहा है जिंदगी पर भारी, क्यों नहीं लग रही लगाम?

वाशिंगटन. अमेरिका में बुधवार को एक पार्टी में फायरिंग की घटना सामने आई है, इसमें 3 लोगों की जान चली गई। वहीं इससे एक दिन पहले भी एक घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी। आज फिर एक पार्टी में किसी सनकी ने गोलियां चलाई तो 3 लोगों की मौत हो गई, वहीं 7 लोग घायल हो गए। ज्यादा पुरानी नहीं, हाल ही में पिछले करीब डेढ़ महीने में इस तरह पब्लिक प्लेस पर गोलीबारी की पांच घटनाओं में 34 लोगों की जान जा चुकी हैं और अगर बात करें अमेरिकी प्रशासन की तो सिर्फ चिंताएं जताने के अलावा कुछ नहीं हो रहा।

अमेरिका के इंडियाना में हुई फायरिंग की ताजा घटना मंगलवार की है। मिली जानकारी के अनुसार गैरी इलाके में एक हॉलिडे पार्टी चल रही थी। इसी दौरान किसी ने अचानक गोलियां चला दी। गैरी पुलिस का कहना है कि इस घटना में 10 लोगों को गोली लगी है। इनमें से 3 की मौत हो गई है, जबकि 7 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बीते डेढ़ महीने में जा चुकी 34 लोगों की जान

  • उल्लेखनीय पहलू है कि अमेरिका में सरेआम गोलीबारी की वारदातों में पिछले डेढ़ महीने में 32 लोगों की जान जा चुकी है। सबसे पहले 24 मई 2022 को अमेरिका के टैक्सास प्रांत के एक स्कूल में फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें 19 बच्चों और 2 टीचर समेत 21 लोगों की मौत हो गई थी। हत्यारा उसी स्कूल में पढ़ाई कर रहा था।
  • करीब एक महीने पहले मैरीलैंड में दो लोगों ने एक मशीन फैक्ट्री में घुसकर फायरिंग कर दी। हमले में दो मजदूरों की मौत हो गई थी तो 4 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक आरोपी को पकड़ा जा चुका है।
  • 13 जून को भी गैरी में ही एक नाइट क्लब में हुई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में 4 लोग घायल भी हुए थे। शूटिंग के बाद गैरी के नाइट क्लब बंद कर दिए गए थे।
  • सोमवार 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस पर शिकागो के उपनगर हाईलैंड पार्क में फ्रीडम परेड में भी गोलिया चली। इलेनॉय राज्य के गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने इस घटना 6 लोगों की मौत और 16 के घायल होने की जानकारी दी थी। साथ ही हाईलैंड पार्क में रहने वाली डेबी ग्लिकमैन नामक इस घटना की चश्मदीद महिला ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ परेड फ्लोट पर मौजूद थी। अचानक लोगों के चीखने की आवाज सुनी। लोग बदहवास होकर अपनी जान बचाकर भाग रहे थे। वो कह रहे थे-यहां से भागो…कोई शूटर है…कोई शूटर है…गोलियां बरसा रहा है। हालांकि ग्लिकमैन ने किसी भी घायल को नहीं देखा, लेकिन लोगों का डर दुखद बता रही हैं।

इन वजहों से खत्म नहीं हो रहा गन कल्चर

ज्यादा पुरानी नहीं, हाल ही में पिछले करीब डेढ़ महीने में इस तरह पब्लिक प्लेस पर गोलीबारी की पांच घटनाओं में 34 लोगों की जान जा चुकी हैं और अगर बात करें अमेरिकी प्रशासन की तो सिर्फ चिंताएं जताने के अलावा कुछ नहीं हो रहा। मई में जब 21 लोगों की मौत हो गई थी तो अमेरिकी राट्रपति जो बाइडेन ने कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। बावजूद इसके ऐसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। चौंकाने वाली बात है कि 230 साल बाद भी अमेरिका गन कल्चर को नहीं खत्म कर सका है। हालांकि कई अमेरिकी राज्य भी बंदूक से जुड़े प्रतिबंधों को हटाते रहे हैं। जून 2021 में टैक्सास ने एक बिल पारित करते हुए अपने नागरिकों को बिना लाइसेंस और ट्रेनिंग के हैंडगन रखने की इजाजत दे दी थी। अप्रैल 2021 में एक और अमेरिकी राज्य जॉर्जिया ने बिना परमिट और लाइसेंस के ही नागरिकों को हथियार रखने की इजाजत दे दी थी

गन कल्चर खत्म नहीं होने के पीछे की वजह पर गौर करें तो साफ है कि एक तो थियोडेर रूजवेल्ट से लेकर फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट, जिमी कार्टर, जॉर्ज बुश सीनियर, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और डोनाल्ड ट्रंप तक राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो चुके कई लोगों से लेकर विभिन्न राज्यों के गवर्नर तक इस कल्चर को बनाए रखने की वकालत करते रहे हैं। दूसरा हथियार बनाने वाली कंपनियां यानी गन लॉबी भी इस कल्चर के बने रहने की प्रमुख वजह है। अमेरिका में सबसे ताकतवर गन लॉबी नेशनल राइफल एसोसिएशन (NRA) गन कल्चर को खत्म करने के लिए प्रस्तावित संविधान संशोधनों का विरोध करती रही है। यही कारण है कि 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 63 हजार लाइसेंस्ड गन डीलर थे, जिन्होंने उस साल अमेरिकी नागरिकों को 83 हजार करोड़ रुपए की बंदूकें बेची थीं। 2020 के चुनाव में भी गन समर्थक लॉबी ने करीब 3.2 करोड़ डॉलर खर्च किए थे, जबकि गन का विरोध करने वाली लॉबी 2.2 करोड़ डॉलर खर्च कर पाई थी।

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