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गवर्नर साहब ने चाय की दुकान से कुर्सी खींची और बैठ गए धरने पर, जानें क्या है पूरा वाकया

नई दिल्ली. राज्यपाल, जैसा कि यह शब्द है, ‘राज्य का पालक’ बावजूद इसके अगर एक राज्यपाल को आम आदमी की तरह धरने पर बैठना पड़ जाए तो! भैया फिर तो राम ही रखवाला है। यह अलग बात है कि पंजाब में बड़े लंबे समय से गवर्नर साहब और मुख्यमंत्री के बीच खींचतान चल रही है, लेकिन अभी तक यहां इतनी खतरनाक हालत पैदा नहीं हुई है। …तो फिर इतने बुरे हालात हुए किस राज्य में हैं, आपको जरूर जानना चाहिए। यह राज्य है केरल। ऐसा क्या हुआ कि एक राज्यपाल को धरने पर बैठना पड़ गया? आइए जानें।

ये है लंबा विवाद

बता दें कि 10 दिसंबर को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान काे तिरुवनंतपुरम में वज़ुथाकौड के पास काले झंडे दिखाए गए थे, जब राज्यपाल भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। इसके बाद कालीकट यूनिवर्सिटी में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जिस गेस्ट हाउस में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ठहरे हुए थे, उसके बाहर भी काले बैनर और पोस्टर लगाए गए।

टीवी चैनलों पर राज्यपाल को अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ बैनरों की तरफ इशारा करते भी देखा गया, जिनमें उन्हें (राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को) ‘संघी’ बताते हुए वापस जाने की मांग की गई थी। इसके बाद से प्रदेश के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन और राज्यपाल खान के बीच लगातार खींचतान चल रही है। दूसरी ओर स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) की तरफ से लगातार राज्यपाल खान के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

अब गुस्साए गवर्नर ने उठाया ये कदम

हाल ही में शनिवार को भी कोल्लम जिले के निलमेल में इसी तरह का कुछ हुआ तो नाराज राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान तुरंत अपनी गाड़ी से उतरे और सड़क किनारे चाय की एक दुकान से कुर्सी खींचकर वहीं पर धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं यहां से नहीं जाऊंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन मिलाओ। गृह मंत्री अमित शाह से बात कराओ’। जैसे-तैसे समझा-बुझाकर उन्हें सड़क किनारे बिठाकर ट्रैफिक बहाल कराया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक वह अपनी बात पर अड़े हुए थे।

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