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Amritpal’s Letter: ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल ने डिब्रूगढ़ जेल से खालसा पंथ के नाम लिखी चिट्ठी

  • अमृतपाल के परिजन, एसजीपीसी के सदस्य और वकीलों समेत 10 लोग पहुंचे डिब्रूगढ़ जेल में मिलने

डिब्रूगढ़. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) में गिरफ्तार होने के बाद खालिस्तानी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के परिजन और कई अन्य सिख व्यक्ति अमृतपाल समेत असम की डिब्रूगढ़ जेल में मिलने पहुंचे हैं, वहीं आज अमृतपाल ने खालसा पंथ के नाम एक चिट्ठी लिखी है। डिब्रूगढ़ जेल से वकील सिमरनजीत सिंह के माध्यम से सार्वजनिक की गई इस चिट्ठी में अमृतपाल ने लिखा है कि सरकार ने संगठन के कार्यकर्ताओं और अन्य सिख नौजवनों पर जुल्म करते हुए उनके खिलाफ झूठे पर्चे दर्ज किए हैं। आइए अब जरा विस्तार से बताते हैं कि अमृतपाल ने अपनी इस चिट्ठी में क्या संदेश कौम को देना चाहा है…

अमृतपाल सिंह के परिजन और कई अन्य सिख व्यक्ति अमृतपाल समेत असम की डिब्रूगढ़ जेल में मिलने पहुंचे हैं। 10 लोगों में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के कार्यकारी सदस्य और कानूनी सलाहकार भगवंत सिंह सियालका के अलावा एक अन्य वकील सिमरनजीत सिंह भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों के खिलाफ एक जैसे आरोप लगाए गए हैं, जबकि कई का पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है, ऐसे में यह मामला साजिश लगता है। मिलने पहुंचे इन्हीं लोगों में शामिल वकील सिमरनजीत सिंह के माध्यम से अमृतपाल ने एक पत्र सावर्जनिक किया है।

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डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल और उसके साथियों से मिलने पहुंचे अमृतपाल के परिजन। साथ में एसजीपीसी के पदाधिकारी और वकील भी थे।

इसमें लिखा है, ‘वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह’। गुरुप्यारी साध संगत जी! मैं अकाल पुरुष की कृपा से सही-सलामत हूं। मैं खालसा पंथ से अपील करता हूं कि सरकार की तरफ से ‘वारिस पंजाब दे’ और पंथ का दर्द समझने वाले हर सिख पर भारी जुल्म किया है। पंजाब के विभिन्न जिलों कई झूठे केस दर्ज किए गए हैं। ये सारा मसला खालसा पंथ का है और मैं पंथ से अपील करता हूं कि जल्द ही सिख जज्बा रखने वाले तथा काबिल वकीलों का एक पैनल बना लिया जाए, जो सारे मुकद्दमों की पैरवी करे। कोई व्यक्ति निजी तौर पर दावा न करे।

यहां एक बात और काबिल-ए-जिक्र है कि कुछ दिन पहले बठिंडा के वकील ईमान सिंह खारा ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक रिट फाइल की थी। बाद में हाईकोर्ट ने इस खारिज कर दिया और साथ ही कई सवाल खड़े करते हुए कड़ी फटकार लगाई थी। इसकी वजह से खारा की इज्जत को खासी ठेस पहुंची है। वकील खारा के सामने आने के बाद सिख कौम की दुख-चिंताओं को समझते कई वकील पीछे हट गए। इसके अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अधीन बंद सिख नौजवानों की पैरवी कर रही है। कमेटी ने इस संबंध में पहले ही वकीलों का एक पैनल बनाया हुआ है’।

खालिस्तानी अमृतपाल अमित शाह और भगवंत मान काे भी दे चुका अंजाम भु्गतने की धमकी

ध्यान रहे, 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला करने, पंजाब के मुख्यंत्री भगवंत मान का हाल पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह जैसा करने की धमकी देने, आनंदपुर खालसा फोर्स और आनंदपुर टाइगर फोर्स जैसे संगठन बनाने के अलावा बहुत से आरोपों के साथ-साथ ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल (अमृतसर जिले के गांव जल्लूपुर खेड़ा निवासी) पर पाकिस्तानी की खुफिया एजैंसी आईएसआई के साथ मिले हुए होने का भी आरोप सुरक्षा एजैंसियों की तरफ से लगाया जा चुका है। उसकी पत्नी किरणदीप कौर पर भी प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनैशनल (BKI) के लिए फंड जुटाने का आरोप है। केंद्र सरकार के कड़े निर्देश के बाद 18 मार्च को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को जालंधर-मोगा के बीच पड़ते मलसियां में गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए, मगर वह भाग निकला। इसके 37 दिन बाद उसे मोगा जिले में स्थित खालिस्तानी विचारधारा के जनक जरनैल सिंह भिंडरांवाला के गांव रोडे में गुरुद्वारे से उसे गिरफ्तार कर लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) में गिरफ्तार होने के बाद खालिस्तानी अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल में भेजा गया है।

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