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सिर्फ मर्दों का इलाज करती थी Nurse आयशा, बुर्का हटा तो अंदर से निकला जावेद; ये है दिलचस्प वजह

नागपुर. महाराष्ट्र के नागपुर से एक बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां इंदिरा गांधी गवर्नमैंट मैडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक नर्स सिर्फ मर्दों का इलाज करती थी। शक होने पर जब बुर्का हटाया गया तो अंदर से कुछ और ही निकला। हैरानी की बात सिर्फ यही नहीं है कि एक औरत के कपड़ों में मर्द छिपा हुआ था, बल्कि इसके पीछे की वजह इससे भी दिलचस्प है। आइए, शब्द चक्र न्यूज के साथ इस पूरे मामले को थोड़ा विस्तार से समझते हैं…

दरअसल, नागपुर के इंदिरा गांधी गवर्नमैंट मैडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में काम कर रही एक नर्स पर यहां तैनात महाराष्ट्र सुरक्षा बल (MSF) के जवानों को शक हो रहा था। वजह बड़ी बढ़िया थी कि वह सिर्फ पुरुष मरीजों का ही इलाज करती थी। MSF की संतोषी नाम की एक महिला ने आयशा सिद्दिकी नामक इस नर्स को हिजाब उतारकर चेहरा दिखाने के लिए कहा तो अस्पताल में पुरुषों की मौजूदगी का हवाला दे उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। संतोषी बाकी सहयोगियों की मदद से आयशा को एक अलग रूम में ले गई। वहां गैर मर्दों की मौजूदगी का बहाना नहीं चल सका और जब आयशा ने हिजाब हटाया तो पलक झपकने भर की देर में वह जावेद बन गया। यह देखकर वहां मौजूद हर कोई चौंक गया।

आधा सच पुलिस के सामने हुआ बेपर्दा

सच सबके सामने आ गया तो बचने के लिए जावेद ने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया। ऐसे में आखिरकार इस घटना की जानकारी पुलिस को दे दी गई और जब पुलिस ने अस्पताल में पहुंचकर जावेद से ऐसा करने की वजह के बारे में पूछा तो बाकी का आधा सच और सामने आ ही गया। पता चला कि वह एक समलैंगिक पुरुष है, इसलिए उसकी दिलचस्पी पुरुषों में ज्यादा है। 20 दिन पहले ही आयशा बनकर उसने यहां एंट्री मारी थी। इस रूप में उसने कई पुरुष मरीजों को अपने जाल में फंसा लिया था। नंबर तक भी लेना-देना हो गए थे। इतना ही नहीं, उसने एक पुरुष का नंबर My Love के नाम से सेव कर रखा था। जब पुलिस ने कॉल किया तो सामने वाले शख्स के भी होश फाख्ता हो गए। उसने पुलिस को बताया कि वह भी अभी तक यही समझ रहा था कि उसकी किसी लड़की से बात हो रही है। फिलहाल पुलिस ने शख्स पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी जावेद न सिर्फ मेकअप करके आता था, बल्कि बुर्का और हिजाब पहनने के साथ-साथ चश्मा भी लगाकर आता था, ताकि किसी को उस पर शक न हो।

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