Latest News

गन्ना उखाड़कर खेत से बाहर हो जाने वाली लड़कियां हो जाएं सावधान!, अब नहीं चलेगा लड़कों को बलात्कारी बनाने का धंधा

पानीपत. खाओ-पीओ ऐश करो मित्रो, दिल पर किसे दा दुखायो ना…। इस गाने के अंदर छिपे एक खास संदेश को उन लड़कियों को समझने की जरूरत है, जो बराबर की गलती होते हुए भी सिर्फ और सिर्फ अपने मतलब के लिए लड़कों को बलात्कारी बना डालती हैं। हिंदी भाषा में ‘गन्ना उखाड़कर खेत से बाहर हो जाना’ एक मुहाबवरा है, इसका सीधा-सीधा सा मतलब समझ में आता है कि बरसों मटरगश्ती करने के बाद पुलिस में केस दर्ज करवाकर लड़की का रेप पीड़ित बन जाना। अब वक्त बदल गया है। अब ऐसा नहीं चलने वाला। अब ऐसे केस दर्ज कराने वाली लड़कियों को सावधान होने की जरूरत है, जो IPC की धारा 376 के दुरुपयोग (Misuse) पर उतर आती हैं। केरल हाईकोर्ट की जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस की बैंच ने बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार एक वकील की जमानत पर सुनवाई के दौरान कहा है कि एक पुरुष और एक महिला के बीच यौन संबंध केवल तभी बलात्कार (Rape) की श्रेणी में आ सकता है, जब वह उसकी इच्छा के विरुद्ध हो या फिर सहमति भी धोखे से ली गई हो, लेकिन दो वयस्कों के बीच मर्जी से शारीरिक संबंध बनाने के बाद अगर शादी नहीं होती तो मामला IPC की धारा 376 के दायरे में नहीं आता।

ऐसे-ऐसे केसों पर ध्यान देना जरूरी है…

वैसे तो आपसी सहमति से फिजीकल रिलेशन बनाकर बाद में अनबन होने पर रेप के आरोप के केस एक ढूंढेंगे तो सैकड़ों मिल जाएंगे, पर शब्द चक्र न्यूज हरियाणा के गुड़गांव के दो मामले आपके सामने रख रहा है। एक मामले में महानगर की एक युवती ने अलग-अलग थानों में 7 लड़कों पर रेप का केस दर्ज करवाया था। छानबीन हुई तो पता चला कि वह सोशल मीडिया के जरिये लड़कों से दोस्ती करती। कुछ समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी का दवाब बनाती। ऐसा नहीं करने पर रेप केस दर्ज करवा देती। 2021 में उसने महेश नामक एक लड़के को आठवां शिकार बनाया। शादी का दवाब बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू किया तो महेश ने डर से शादी भी कर ली, लेकिन दस दिन के अंदर ही कलह की वजह से घर छोड़ दिया। युवती ने रेप का केस दर्ज करवाया। आखिर पूरी जांच-पड़ताल के बाद लड़की की ही गिरफ्तारी हुई।

इसी तरह 2017 में रेप केस में चर्चा में रहे अर्नब गांगुली ने गुड़गांव में बिजनैस शुरू किया था। उन पर ऑफिस की ही एक शादीशुदा महिला ने रेप का केस दर्ज करा दिया। 8 महीने जेल में रहने और 6 साल की कानूनी लड़ाई के बाद अर्नब निर्दोष साबित हुए। अर्नब ने PM से लेकर वुमन चाइल्ड एंड डेवलपमैंट मिनिस्ट्री तक को चिट्ठी लिखकर सवाल उठाया था कि अगर कोई महिला किसी पुरुष से शादी का वादा करके रिलेशनशिप में आए और बाद में मुकर जाए तो क्या महिला के खिलाफ रेप का केस दर्ज होगा?

ध्यान रहे, बीते बरसों में हरियाणा के यमुनानगर, हिसार और गुड़गांव की अदालतों में ऐसे बहुत से मामलों में वादी लड़कियों को फटकार लग चुकी है, वहीं अब केरल हाईकोर्ट से भी दुष्कर्म के एक मामले में (Kerala Highcourt On Rape) बड़ा ही सराहनीय फैसला आया है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

  • इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की वकील सितवत नबी कहती हैं कि केरल हाईकोर्ट का फैसला गलत नहीं है। आजकल भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 का आयाम बदलता जा रहा है। जब दो लोग रिश्ते में होते हैं तो उनके बीच क्लोजनैस होती है। बरसों तक साथ रहने के बाद रिश्ता उम्मीद के हिसाब से शक्ल नहीं ले पाता तो लड़कियां खट से रेप चार्ज लगवा देती हैं, जो नहीं बनता है।
  • सोशल एक्टिविस्ट, पत्रकार और डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर दीपिका नारायण भारद्वाज का कहना है कि इस समय भारत में रेप के नाम पर कुछ चीजें हो रही हैं, वो असली रेप विक्टिम की स्थिति कमजोर बनाती है। सालों तक फिजिकल रिलेशन में रहने के बाद एक महिला अपने पार्टनर पर रेप का चार्ज लगाती है तो दुनिया के किसी भी कानून या सामाजिक नजरिये से उसे रेप नहीं माना जाएगा। पहले ऐसे मामलों में जमानत तक नहीं मिलती थी, लेकिन बहुत से मामले फर्जी पाए जाने के चलते अब ऐसा नहीं है।
  • दिल्ली हाईकोर्ट के वकील कमलेश कुमार का कहना है कि IPC की धारा 376 का मिसयूज करना उन लड़कियों के साथ गलत करना है, जो सच में रेप पीड़ित हैं। कमलेश कहते हैं कि मैंने कई ऐसे केस देखे हैं या हैंडल किए हैं, जहां लड़कियां बदले की भावना से रेप का चार्ज लगाती हैं। कई बार वो ट्रायल में भी नहीं आती। उनकी कोशिश न्याय पाने की नहीं, बल्कि लड़के को जेल पहुंचाने की होती है। लड़का-लड़की दोनों में इतनी समझ तो होनी ही चाहिए कि ब्रेकअप होने पर आप अपनी लाइफ में आगे बढ़ सकें।
  • महिलावादी लेखिका और AIPWA सचिव कविता कृष्णन कहती हैं कि यह फैसला सही है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि लड़कियों के साथ गलत नहीं होता। कई बार लड़के बिना बताए दूसरी शादी कर लेते हैं, रिश्ता तोड़ देते हैं या लड़कियों को गलत तरीके से ट्रीट करते हैं। रिश्ते में चीटिंग कानूनी मसला नहीं, बल्कि सामाजिक और पितृसत्तात्मक नजरिये का मामला है। अगर रिश्ते में लड़कियों के साथ धोखेबाजी हो रही है तो उसका हल शादी कराना या रेप का आरोप लगाना नहीं है।

Show More

Related Articles

Back to top button