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वाह री UP गवर्नमैंट! जिसने जिंदगी बचाई, उसी पर कर डाली FIR दर्ज; अब हर कोई उठा रहा है सवाल

  • फरवरी 2022 में सारस को कुत्तों से छुड़वाया था अमेठी जिले के गांव मांडका निवासी मोहम्मद आरिफ ने
  • वीडियो वायरल होने के बाद छोड़ा गया बरेली के पक्षी विहार में, मगर उड़ गया; फिर पकड़ा तो हो गया मायूस
  • सारस पक्षी को अब कानपुर के चिड़ियाघर स्थित पक्षी विहार में 15 दिन के लिए किया गया है क्वारैंटाइन

अमेठी. उत्तर प्रदेश से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो न्याय और कार्रवाई के लिए जानी जाती उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर सवालिया निशान है। सवाल ये है कि जिसने जिंदगी को बचाया, जिसे सम्मानित किया जाना चाहिए था, उसे ही अपराधी बना दिया गया। मामला एक घायल सारस को कुत्तों से छुडवाकर उसका उपचार करने वाले एक शख्स का है, जिसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश में विपक्षी राजनीति सरगर्म हो गई है। पूरा मामला समझने के लिए आइए थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं…

घटना फरवरी 2022 की है। दरअसल, अमेठी जिले के जामो विकास खंड में आते मांडका के रहने वाले मोहम्मद आरिफ (इस वक्त 31 साल उम्र है) ने एक खेत में घायल सारस को कुत्तों से छुड़वाया था। उसके बाद सारस और आरिफ एक दोस्त की तरह रहने लग गए। इसके बाद करीब सालभर से ये दोनों जय-वीरू की तरह गहरे दोस्त बनकर रह रहे थे। साथ खा-पी और मस्ती कर रहे थे। महीनेभर पहले इनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव ने आरिफ के घर पहुंचकर उसे बधाई दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर सारस को बरेली के पक्षी विहार में छोड़ दिया गया।

यह भावनाओं का ही तो खेल है जनाब…

 

यह भावनाओं का ही खेल है कि अभी थोड़े ही दिन पहले आरिफ से अलग करके पक्षी विहार में छोड़ा गया सारस 22 मार्च को आखिरी बार देखा गया और फिर अचानक कहीं चला गया। वन विभाग की टीम ने उसे खोजकर फिर से पक्षी विहार में छोड़ दिया, लेकिन वह गुम-सुम रहा। फिलहाल इस सारस को कानपुर के चिड़ियाघर स्थित पक्षी विहार में 15 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया गया है। इसके बाद इसे चिड़ियाघर के उस बड़े हिस्से में छोड़ा जाएगा, जहां वो पेड़ों पर बैठ सके। इस बारे में चिड़ियाघर प्रशासन की तरफ से बताया जा रहा है कि सारस पक्षी एकदम स्वस्थ है और प्रोटोकॉल के चलते 15 दिन की निगरानी में है। यहां केयर टेकर के अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं है।

योगी सरकार ने किया ये जुल्म

दूसरी ओर गजब तो इस बात का हो गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पक्षीप्रेमी आरिफ के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करा दिया। इसके बाद न सिर्फ सोशल मीडिया पर, बल्कि प्रदेश की राजनीति में टीक-टिप्पणियों का दौर शुरू हो चुका है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक प्रैस वार्ता के जरिये प्रदेश की सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, ‘FIR दर्ज करके उत्तर प्रदेश सरकार जान बचाने वाले को डराना चाहती है। एक बार मैंने एक्सप्रैस-वे पर चल रहे एक हाथी की फोटो ट्वीट कर दी तो उसके महावत को गिरफ्तार कर लिया। यहां तक तो ठीक है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर होनी ही चाहिए, पर आरिफ के खिलाफ FIR दर्ज किया जाना कहां का न्याय है’।

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