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Bathinda Cantt. Firing: अपने ही साथी ने ली थी 4 आर्मी जवानों की जान; वजह-यौन उत्पीड़न

बठिंडा. बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में 4 आर्मी जवानों के कत्ल के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ये सामूहिक कत्ल किसी और ने नहीं, बल्कि इनके अपने ही साथी ने की थी। इतना ही नहीं, कत्ल भी वारदात से दो दिन पहले गार्ड रूम से चोरी हुई इंसॉस राइफल से किया है। जहां तक वजह की बात है, इस खतरनाक वारदात के पीछे यौन उत्पीड़न जैसी निजी रंजिश को जिम्मेदार बताया जा रहा है। बहरहाल, आरोपी गनर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बता दें कि पंजाब के बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में 12 अप्रैल को 4 जवानों सागर बन्ने, कमलेश आर, योगेश कुमार जे और संतोष कुमार नागराल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अफसर मैस में काम करने वाले जवान गनर नागा सुरेश निचले कमरे में रहता था। ऊपर के 2 कमरों में से एक में गनर सागर बन्ने और गनर योगेश कुमार तो दूसरे कमरे में गनर संतोष और गनर कमलेश रहते थे। ये 2-2 घंटे बिना हथियार के वॉचमैन की ड्यूटी करते थे। 12 अप्रैल की रात सभी ड्यूटी खत्म करके कमरे में चले गए।

इस बारे में सबसे पहले सूचना 80 मीडियम रैजिमैंट के मेजर आशुतोष शुक्ला को मिली थी और यह जानकारी गनर देसाई मोहन ने दी थी। मेजर शुक्ला को गनर देसाई ने बताया था, ‘सुबह 4.30 बजे मैस की बैरक में फायरिंग हुई है। वहां सफेद कुर्ता-पायजामा पहने 2 अज्ञात व्यक्ति आए, जिनके मुंह-सिर कपड़े से ढके हुए थे। दोनों फायरिंग के बाद ऑफिसर मैस में गनर के सोने वाली जगह से बाहर आ रहे थे। इनमें से एक के हाथ में इंसॉस राइफल और दूसरे के हाथ में कुल्हाड़ी थी। वो मुझे देखकर जंगल की तरफ भाग निकले’।

एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने बताया कि आर्मी की तरफ से इस मामले को पंजाब पुलिस को सौंपा गया और जांच के दौरान चश्मदीद गनर देसाई मोहन पूछताछ की गई तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हालांकि पहले उसने गुमराह करने की पूरी कोशिश की, लेकिन झूठ आखिर पकड़ा गया।

ऐसे पकड़ा गया झूठ

  • पुलिस के मुताबिक एक तो मारे गए चारों जवानों के शरीर पर कुल्हाड़ी से चोट का कोई निशान नहीं था। सिर्फ राइफल से गोलियां मारी गई थी, जिसकी वजह से पुलिस को देसाई पर शक हुआ।
  • दूसरा देसाई के दावे के मुताबिक 2 अज्ञात लोग सादे कपड़ों में आए थे। जब आसपास के तमाम सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तो कैंट के भीतर या बाहर से ऐसा कोई संदिग्ध नहीं नजर आया। यह भी कथित चश्मदीद पर शक की वजह रही।
  • तीसरा देसाई ने संदिग्धों के जंगल की तरफ भागने का दावा किया था। आर्मी ने सर्च ऑपरेशन तो कहीं कोई संदिग्ध नहीं मिला।
  • चौथा मौका-मुआयने के दौरान पहले कमरे में गनर सागर बन्ने और योगेश कुमार और दूसरे कमरे में संतोष और कमलेश की डैड बॉडीज के पास से बरामद गोलियों के बहुत सारे खोल की जांच की गई तो ये 9 अप्रैल को चोरी हो चुकी यूनिट के लांस नायक हरीश के नाम पर अलॉट इंसास राइफल से मैच कर गए।
  • पांचवां इस मामले में देसाई मोहन समेत 12 जवानों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था। जब सभी जवान पूछताछ में शामिल होने पहुंचे तो देसाई मोहन को हिरासत में लेकर देर रात तक उससे पूछताछ का दौर चला। आखिर कड़ाई से पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

अभी वजह को लेकर नहीं आया आधिकारिक बयान

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गनर देसाई मोहन ने जांच में बताया कि चारों जवान कथित तौर पर उसे जलील करते थे। शारीरिक उत्पीड़न करते थे। इसके चलते वह निराश हो गया था। उन सबको जवाब देने की ठानी। हत्या के लिए पहले राइफल चोरी की, फिर उसी राइफल से चारों की गोलियां मारकर हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने अभी वजह को लेकर आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

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