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वाह री चंडीगढ़ पुलिस! स्कूटर को पैदल ही वर्कशॉप ले जा रहे 2 बच्चों के बाप मैकेनिक को Under Age बता काट दिया चालान; जानें Court का फैसला

  • चंडीगढ़ के सैक्टर-52 में अपनी वर्कशॉप चला रहा है मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का निवासी 33 वर्षीय राजू

चंडीगढ़. पुलिस चाहे कहीं कि भी हो, बस आम लोगों को कानून का पाठ पढ़ाना ही जानती है। दूसरी ओर पुलिस वाले खुद ये भूल जाते हैं कि कानून है किस चिड़िया का नाम। आए दिन कहीं न कहीं से लापरवाही का कोई न कोई मामला सामने आता ही रता है। हाल ही में चंडीगढ़ पुलिस का एक कारनामा सामने आया है, जो कायदे-कानून के मामले में खासी संजीदा मानी जाती है। कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचे एक मामले के अनुसार चंडीगढ़ पुलिस ने 33 साल के मोटर मैकेनिक को नाबालिग (Under Age) बताकर उसका चालान काट दिया। इससे भी ज्यादा बेशर्मी वाली बात तो यह भी है कि वह स्कूटर को चला भी नहीं रहा था। वह तो पैदल ही घसीटकर स्कूटर को अपनी वर्कशॉप पर लेकर जा रहा था। ऐसे में उसने कौन सा यातायात नियम (Traffic Rule) तोड़ दिया, यह अपने आप में एक विचारणीय प्रश्न है। बहरहाल, पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया। इस मामले में अदालत ने प्रस्तुत किए गए जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को देखते हुए अंडर एज ड्राइविंग के चालान को रद्द कर दिया।

चंडीगढ़ पुलिस को कोर्ट में खड़ा कर देने वाले इस शख्स की पहचान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के 33 वर्षीय राजू (1 जनवरी 1990 को जन्मा) के रूप में हुई है। पेशे से स्कूटर मैकेनिक यह शख्स चंडीगढ़ के सैक्टर-52 में अपनी वर्कशॉप चला रहा है।

हालांकि नियम की बात करें तो भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो उसके माता-पिता या अभिभावक को 3 साल तक की जेल और 25 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। साथ ही वह खुद 25 साल का होने तक ड्राइविंग लाइसैंस नहीं बनवा सकता। अब अगर हालिया मामले की मानें तो यह साफ तौर पर पुलिस वालों की लापरवाही का परिणाम है। इस बारे में याची राजू के वकील सुदेश कुमार खुर्चा ने बताया कि मार्च 2023 में राजू एक स्कूटर को पैदल ही घसीटकर मरम्मत के लिए अपनी वर्कशॉप पर ले जा रहा था। पुलिस ने उसे रोका और स्कूटर को सैक्टर-61 पुलिस चौकी में बंद कर दिया। बिना ड्राइविंग लाइसैंस और अंडर एज ड्राइविंग समेत अन्य नियमों के उल्लंघन के आरोप में चालान भी कर दिया।

वकील के मुताबिक पुलिस ने उसके मुवक्किल राजू के पास मौजूद स्कूटर को गलत तरीके से जब्त किया है। उसके पास स्कूटर की वैध आरसी और बीमा था, लेकिन चालान अधिकारी ने इसे अनदेखा कर दिया। पीड़ित वाहन को चलाकर नहीं, बल्कि घसीटकर ले जा रहा था। इसके बावजूद उसका बिना ड्राइविंग लाइसैंस का चालान कर दिया। हद तो चालान अधिकारी ने तब कर दी, जब पीड़ित के वाहन को जब्त करने के साथ ही उसका अंडर-एज ड्राइविंग का भी चालान कर दिया, जबकि इसके उलट राजू की जन्मतिथि 1 जनवरी 1990 है। इस वक्त 33 साल से भी अधिक उम्र का राजू दो बच्चों का पिता हैं, जो अपनी मां और दादा दादी के साथ गांव में रहते हैं। इस मामले में अदालत ने प्रस्तुत किए गए जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को देखते हुए अंडर एज ड्राइविंग के चालान को रद्द कर दिया। हालांकि दूसरे नियमों के उल्लंघन पर तीन हजार का जुर्माना भरने के लिए कहा है।

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