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चाय-कॉफी पीना अच्छी बात है, लेकिन पहले जान लें कि आप एक दिन में कितने कप ही पी सकते हैं…

लाइफस्टाइल डैस्क. रोजमर्रा की भागमभाग वाली जिंदगी और इसे जीने के तरीके बहुत मायने रखते हैं। काम के बढ़ते बोझ और तनाव से गुजर रहे आधे से ज्यादा लोग थकान मिटाने के लिए चाय-कॉफी के आदी हो चुके हैं। उन्हें यह तक भी भान नहीं कि हमारे बड़े-बुजुर्ग चाय का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह देते थे तो उसके पीछे जरूर कोई वजह रही होगी। अजी जनाब! वजह भी कोई आम नहीं, बल्कि बड़ी ही खास है। हमें यह जानना जरूरी है कि चाय या कॉफी हमारे लिए कितनी नुकसानदायक है। सेहत संभाल की कड़ी में शब्द चक्र न्यूज आज अपने पाठकों को बताने जा रहा है कि हमें एक दिन में ज्यादा से ज्यादा कितने कप चाय या कॉफी का सेवन करना चाहिए और क्यों? …तो आइए जानते हैं जरा विस्तार से

दरअसल, शरीर में आयरन, कैल्शियम और ऐसे ही दूसरे मिनरल्स की तरह ही एक और चीज बेहद जरूरी होती है और वो है कोलैस्ट्रॉल। कोलैस्ट्रॉल कोशिकाओं में मोम जैसा एक पदार्थ होता है, जो शरीर में एस्ट्रोजन और टैस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन, विटामिन डी आदि के लिए उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही यह भोजन को पचाने में भी मदद करता है। अंडे की जर्दी, मांस और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों में कोलैस्ट्रॉल पाया जाता है। वैसे तो कोलैस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए बुरा नहीं है, लेकिन जब हम फैट का अधिक सेवन करते हैं, खासतौर पर ट्रांस फैट का तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

यह चाय, कॉफी या कोका आदि के सेवन से भी प्रभावित होता है। जहां तक इसकी वजह की बात है, चाय या कॉफी में मौजूद कैफीन भले ही सीधे तौर पर कोलैस्ट्रॉल को नहीं बढ़ाता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से असर डालता है। साधारण शब्दों में कहें तो कैफीन तनाव पैदा कर सकता है, जिससे कोर्टिसोल और कोलैस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। इसके अलावा कैफीन इंसुलिन में भी बढ़ोतरी का कारण बन सकता है, जो एलडीएल यानि खराब कोलैस्ट्रॉल को बढ़ाता है और एचडीएल यानि अच्छे कोलैस्ट्रॉल के कम करता है। कई अध्ययनों ने सामने आया है कि कॉफी में मौजूद डाइटरपैनस (Diterpenes) नामक तत्व शरीर में उन तत्वों को बनने से रोकता है, जो बैड कोलैस्ट्रॉल को ब्रेकडाउन करते हैं।

ये हैं बढ़े कोलैस्ट्रॉल के लक्षण

अगर आपका कहीं मन नहीं लगता है। आपको भूख लगती है, मगर खाने-पीने की चीज करीब आते ही अंदर से फील आता है कि छोड़ यार, मत खा तो यह कोलैस्ट्रॉल बढ़ने की निशानी है। कुछ खा भी लेते हैं तो खाते ही उबकाई आने लगे तो यह भी बढ़े कोलैस्ट्रॉल का नजीजा हो सकता है। इसकी वजह से शुगर और बीपी भी प्रभावित हो सकते हैं।

…तो फिर क्या करें?

अब सवाल उठता है कि क्या करें तो आपके पास विकल्प है। कोशिश करें कि चाय या कॉफी की बजाय दूध पीने की आदत डालें। अगर ऐसा संभव न हो तो फिर भी चाय-कॉफी का कम से कम इस्तेमाल करें। एक रिसर्च के मुताबिक दिन में एक या दो कप कॉफी पीना सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं है, लेकिन फ्रैंच प्रैस ब्रूइंग विधि से लगातार चार हफ्ते दिन में 5 कप कॉफी पीने से ब्लड कोलैस्ट्रॉल लेवल 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। दूसरी ओर कॉफी पीनी ही पड़ जाए तो इंस्टैंट कॉफी और फिल्टर कॉफी उपयोग में लाएं। अनफिल्टर्ड कॉफी और फ्रैंच प्रैस कोलैस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जबकि इंस्टैंट कॉफी और फिल्टर कॉफी से कोलैस्ट्रॉल के प्रभावित होने की संभावना कम होती है।

 

Disclaimer: यहां इस लेख में दी गई सलाह सिर्फ सामान्य जानकारी के रूप में दी गई है। इसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ की दृष्टि न देखकर किसी भी तरह की परेशानी को हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही हल करें।

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