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‘शिक्षित युवा और आत्मनिर्भर भारत’ पर आधारित 7 दिवसीय निर्माण शिविर में निखरेगी Personality

चंबा(राजेन्द्र ठाकुर). हिमाचल प्रदेश के चंबा में नए साल की उमंग के साथ रविवार को राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के 7 दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ हो गया है। ‘शिक्षित युवा और आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर आधारित इस विशेष शिविर में अब युवाओं को अपने व्यक्तित्व को निखारने का मौका मिलेगा। इससे पहले यहां विशेष अतिथियों ने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान को बेहतरीन मौका बताते हुए स्वयंसेवियों से पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चम्बा के ‘निर्माण 2022’ के शुभारंभ के मौके पर आयोजित समारोह में महाविद्यालय के सह प्रोफैसर परविंद्र कुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफैसर अविनाश ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने प्रोफैसर निशा के साथ मिलकर मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को बैज लगाकर उनका स्वागत-सत्कार किया। इसके बाद शिविर का शुभारंभ हो गया। उन्होंने बताया कि इस शिविर का समापन 7 जनवरी को समापन होगा।

उधर, आज के कार्यक्रम में डॉ. प्रोमिला ठाकुर ने एनएसएस के इतिहास, लक्ष्य, ध्येय, गीत और राष्ट्रनिर्माण में योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान को बेहतरीन मौका बताते हुए पूरी निष्ठा से कार्य करने का आह्वान स्वयंसेवियों से किया। अकादमिक सत्र में प्रोफैसर निशा ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव एवम् दूरगामी दुष्परिणामों के विषय में अपनी बात रखी। उन्होंने इस अवसर पर स्वयंसेवियों को बताया कि क्यों प्लास्टिक के प्रयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए और इससे होने वाले स्वास्थ्य सम्बंधित नुकसान से बचा जाए।

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चंबा के गवर्नमैंट कॉलेज में एनएसएस कैंप की शुरुआत के मौके पर सामूहिक फोटो में स्वयंसेवी और अतिथिगण।

बतौर मुख्य अतिथि पधारे प्रोफैसर परविंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्र की सेवा और समाज की सेवा ही सही स्वयंसेवा है। समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व निर्माण होता है। निःस्वार्थ सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कार्य करने में आनन्द की अनुभूति होनी चाहिए। व्यक्तित्व विकास के बिना जीवन में सफलता मुश्किल है। जीवन में काम करने की आदत होनी चाहिए। सभी लोग अपने घर से शुरू करें, गांव से होते हुए देश सेवा तक ले कर जाएं। विषम परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अपने आप को सशक्त बनाएं। राजकीय महाविद्यालय चम्बा के स्वयंसेवियों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने भारत के गौरवमयी इतिहास, तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालय, अखंड भारत की खूबियां, जिम्मेदार नागरिक के नैतिक मूल्यों, राष्ट्र निर्माण के किसी भी रूप में योगदान देने को बात कही।

इनके अलावा इस अवसर पर डॉ. मनेश वर्मा, प्रोफैसर विजय कुमार राठौर, स्वयंसेवियों में पंकज, कल्पना शर्मा, सोनू खान, लक्ष्मी वशिष्ठ, संजीव, ज्योति, सुनीता, लाजमी, निहारिका, प्रियंका, अंजली, हिमानी, विशाल, ईशा, वंदना, शिवानी, हुम देई, हसन बीबी, पलक, हितेन, नरेंद्र इत्यादि भी उपस्थित रहे।

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