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How Shameful: जिस Kanha रैस्टोरैंट में रोज सैकड़ों लोग खाते हों, उसका Employee भूखा मर गया…

जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। जिस कान्हा रैस्टोरैंट में रोज सैकड़ों लोग खाने-पीने आते हों, उसका खुद का इम्प्लाई भूख से मर गया। मरने से पहले लिखकर छोड़े नोट में और एक वीडियो में इस कर्मचारी ने रैस्टोरैंट के मैनेजमैंट की वर्किंग की कलई खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां तक मरने के लिए मजबूर होने की वजह की बात है, वो छोटी नहीं है। एक तो इस कर्मचारी की कद्र करते हुए काम के पैसे नहीं दिए जा रहे थे। दूसरा इसकी बीवी के बारे में गंदी-गंदी बातें की जाती थी और ऊपर से दो दिन से खाना भी नहीं खाया था। बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

घटना बीती 17 दिसंबर की है, जब भरतपुर के भुसावर इलाके के रहने वाले 42 वर्षीय अभिनंदन पांडेय ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। वह जयपुर के क्वींस रोड स्थित कान्हा रैस्टोरैंट में काम करता था। अभिनंदन पिछले 22 महीन से कान्हा रेस्टोरेंट में ड्राइवर था। रैस्टोरैंट के ऊपर बनी रिहायश में रहता था। उसकी पत्नी ममता पांडेय (36), बेटी कुमकुम (13), खुशी (10) और बेटा यश (8) भरतपुर के भुसावर में रहते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार बड़ा भाई कुलदीप कान्हा रैस्टोरैंट की दुर्गापुरा ब्रांच में 6 साल से काम कर रहा है। उसने ही अभिनंदन को बतौर ड्राइवर यहां लगवाया था। शनिवार को चित्रकूट शाखा पर कोई ड्राइवर नहीं था, इसलिए दुर्गापुरा शाखा से अभिनंदन के भाई कुलदीप को बुलाया गया था। शनिवार को कुलदीप चित्रकूट में ही था। शाम को अभिनंदन ने अपने कमरे में सुसाइड नोट लिखा और वीडियो बनाकर जहर खा लिया। इसके बाद वह भाई कुलदीप के पास पहुंचा और बेहोश हो गया। कुलदीप उसे सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल ले गया। इलाज के दौरान अभिनंदन की मौत हो गई।

ध्यान से पढ़ें मरने से पहले का एक-एक शब्द

एक वीडियो और हाथ से लिखे नोट में अभिनंदन ने अपना दर्द बयां किया है, ‘मैं अभिनंदन पांडेय, गांव भुसावर जिला भरतपुर का रहने वाला हूं। मैं सांवरिया स्वीट्स प्राइवेट लिमिटेड कान्हा वैशाली नगर में 2 साल से ड्राइवर हूं। मुझे यहां बहुत परेशान किया जा रहा है। मुझे यूनिट हैड अंकित मेहता, मैनेजर मोहन स्वामी, सुपर वाइजर चांद बाबू खां, हैड कैशियर अभिमन्यु दुबे और धर्मेंद्र ने बहुत परेशान और टॉर्चर किया है। ये लोग मेरी पत्नी के लिए गलत बोलते थे।

मैंने कई बार इनकी शिकायत की, लेकिन इन्हें पता लगने पर इन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा। मेरे बाएं हाथ को काट लिया। जिसका निशान बना हुआ है। मेरे पैर में डंडा मारा। जिसका फोटो मेरे फोन में है। क्या मजदूर इसी तरह मरता रहेगा। मैं एक मिडल क्लास इंसान हूं। क्या मेहनत करके खाना गलत है। मैं अपने मालिक से निवेदन करता हूं कि इतनी बड़ी कंपनी को ऐसे लोगों के हाथों में मत दो, जिससे कि आपका नाम खराब हो। मैं हमेशा सच्चाई के लिए लड़ा हूं। आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा। जो आपके यहां 5 साल, 10 साल, 15 साल से कम काम कर रहे हैं, उनकी सभी की वीडियो मेरे फोन में सेव है। मैं हमेशा मजदूरों के हित के लिए लड़ा हूं। इस दुनिया में कभी तो इंसाफ मिलेगा। जब तुम सही नहीं हो तो, दूसरों को क्या सही करोगे?

मेरा निवेदन मुख्यमंत्री और यहां के आला अधिकारियों से है कि सभी अपना काम ईमानदारी से करें। मुझे सभी के साथ की जरूरत है। मेरी दो छोटी बच्चियां और एक छोटा बेटा है। मैं अपने परिवार को जैसे-तैसे पाल रहा हूं। मैं काम करना चाहता हूं। मैंने GM सरोज सहित सभी के हाथ-पैर जोड़े, लेकिन उन्होंने मेरी एक न मानी। मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया है, इन लोगों की पहुंच ऊपर तक है। हो सकता है कि मेरी आवाज को दबा दिया जाए। इन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया है। इतना परेशान किया है कि कुछ कह नहीं सकता, इसलिए बहुत ज्यादा परेशान होकर मैं सुसाइड कर रहा हूं। मेरे पास और कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डीजी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि इस गरीब इंसान को इंसाफ दिला दीजिए। मेरे परिवार में दो बेटियां और बेटे का ध्यान रखना। धन्यवाद’।

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