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DC ऑफिस पर धरना देकर फिरोजपुर के भाजपाई बोले-पंजाब की आबकारी नीति में भी आ रही भ्रष्टाचार की बू; होनी चाहिए CBI जांच

  • पार्टी के जिला अध्यक्ष अवतार सिंह जीरा, IT सैल के कन्वीनर विकास ग्रोवर और अन्य ने बताई दिल्ली और पंजाब की आबकारी नीति बहुत सी समानताएं

  • आईटी सैल के जिला कन्वीनर विकास ग्रोवर ने पूछा-मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार ने वैबसाइट से क्यों हटाया लाइसैंस रिन्यूअल फॉर्म

मनीष रोहिल्ला/फिरोजपुर

पंजाब के फिरोजपुर में शुक्रवार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कमिश्नर ऑफिस पर धरना दिया। भाजपाइयों का कहना है कि दिल्ली की तरह ही पंजाब की आबकारी नीति में भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। पंजाब और दिल्ली की आबकारी नीति में अनेक समानताएं हैं, ऐसे में पंजाब की आबकारी नीति की सैंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टीगेशन (CBI) से जांच कराई जानी चाहिए। अपनी इस मांग को लेकर जिला फ़िरोजपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज DC के माध्यम से प्रदेश के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित के नाम एक मांगपत्र भेजा है।

फिरोजपुर डीसी ऑफिस पर दिए गए धरने में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे पार्टी के जिला अध्यक्ष अवतार सिंह जीरा ने सवाल उठाया कि पंजाब सरकार का अतिरिक्त राजस्व इकट्ठा करने लिए अधिक शराब बेचना क्या पंजाबवासियों खासकर महिलायों के लिए परिवार संभालने में एक बड़ा सिरदर्द बन रहा है? पंजाब सरकार की नई आबकारी नीति के तहत बीयर और देश में निर्मित होने वाली विदेशी शराब को सस्ता किया जाएगा। राजस्व प्राप्ति के लिए बीते साल के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक राजस्व का लक्ष्य तय किया गया है। पंजाब की आबकारी नीति के तहत एक बड़े राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। यह साफ करता है कि मुख्यमंत्री का उद्देश्य करोड़ों रुपए एकत्रित करना है, जबकि इससे प्रभावित होने वाला पंजाब का युवा अपने परिवार के लिए सहारा न बनाकर बोझ बनेगा।

उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति का उद्देश्य शराब कारोबार में लगे माफिया के गठजोड़ को प्रोत्साहन देना है। नई आबकारी नीति की आवंटन प्रणाली भी निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं है। पंजाब और दिल्ली की आबकारी नीति में बड़े कारोबारियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है। छोटे व्यापारियों की उपेक्षा किए जाने से सिद्ध होता है कि पंजाब सरकार राजस्व के नाम पर अपने चहेतों खुश करने के लिए इस नीति का प्रयोग कर रही है।

इस दौरान भाजपा आईटी सैल के जिला कन्वीनर विकास ग्रोवर के मुताबिक पंजाब सरकार ने अपनी वैबसाइट पर एक लाइसैंस रिन्यूअल फॉर्म अपलोड किया था, जिसे मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को हटा दिया गया। उन्होंने पूछा कि ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि पीएमएल को छोड़कर हर किस्म की शराब की आबकारी ड्यूटी थोक कीमत की एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली जाएगी। उसी तर्ज पर आईएफएल की मूल्यांकन की गई फीस भी थोक कीमत के एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली जाएगी। इस नीति में पहली बार ही की माल्टा स्प्रिट का उत्पादन भी रखा गया है। इन दोनों नेताओं के अलावा धरने में अन्य ने भी अपने विचार रखे।

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