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अपने हक के लिए प्रदर्शन की राह पर उतरे फिरोजपुर के पत्रकार; DPRO के अड़ियल और पक्षपाती रवैये के खिलाफ लगाए नारे, हर सरकारी प्रैस कॉन्फ्रैंस के बायकॉट का ऐलान

  • बड़ी संख्या में मीडिया कर्मियों को Whatsapp Group से बिना सूचना निकाल दिया फिरोजपुर के जिला लोक संपर्क अधिकारी ने
  • कार्यालय पर जमा होकर प्रदर्शन कर रहे मीडिया कर्मियों ने कहा-राजनैतिक प्रभाव में आकर मीडिया को अपनी मर्जी से मैनेज कर रहा अधिकारी
  • डीपीआरओ फिरोजपुर एस अमरीक सिंह सामा ने कही बेकार लोगों को निकालकर नया ग्रुप बनाने की बात, सवाल-कौन हैं ये बेकार लोग?

महावीर झोंक/फिरोजपुर

पंजाब के फिरोजपुर में बीते दिन एक ऐसा वर्ग अपने हक के लिए लड़ता देखा गया, जिसे अक्सर अपनी जान जोखिम में डालकर आम आवाम के हक की लड़ाई लड़ते देखा जा सकता है। पत्रकारों ने यहां जिला लोक संपर्क अधिकारी (DPRO) के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। जहां तक इस नाराजगी की वजह की बात है, आरोप है कि फिरोजपुर का DPRO मीडियाकर्मियों के साथ पक्षपात की छोटी राजनीति पर उतरा हुआ है। नाराज पत्रकारों की मानें तो यह सब ऐसे ही नहीं हो रहा। इसके पीछे राजनैतिक हस्तक्षेप जिम्मेदार है। कुछ कथित सफेदपोशों के प्रभावी में आकर पत्रकारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसी नाराजगी के चलते पत्रकारों ने यहां नारेबाजी करते हुए फिरोजपुर के जिला लोक संपर्क अधिकारी (DPRO Ferozepur) के तबादले की मांग की और ऐसा नहीं होने पर हर सरकारी प्रैस कॉन्फ्रैंस का बहिष्कार करने का ऐलान किया। हालांकि यह बात अलग है कि संबंधित अधिकारी अपनी सफाई भी देता नजर आया।

इस बात में कोई दो राय नहीं कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। विभिन्न संस्थानों से जुड़े पत्रकार साथी अपनी और अपने परिवार की परवाह किए बिना समाज के दबे-कुचले वर्ग के हक के लिए लड़ता है। सरकार द्वारा जनहित के लिए विभिन्न योजनाओं को उजागर करने में मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही वजह है कि सरकार द्वारा मीडियाकर्मियों को जोड़े रखने के लिए जनसंपर्क विभाग भी स्थापित कर रखा है। हर जिले में जनसंपर्क अधिकारियों की नियुक्ति कर रखी है।

इन्हीं में से एक लोक संपर्क अधकारी फिरोजपुर जिले का भी है, जिस पर आरोप है कि हर वक्त जिले के मीडिया को अपनी मर्जी से चलाने की कोशिश में रहता है। यह यहां के ज्यादातर पत्रकारों को अछूत मानता है। फिरोजपुर का जिला लोक संपर्क अधिकारी (DPRO) कथित तौर पर राजनैतिक प्रभावी में काम कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को इसी राजनैतिक प्रभाव की वजह से संबंधित अधिकारी ने एक-एक करके बड़ी तादाद में पत्रकार साथियों के नंबर व्हाट्सऐप्प ग्रुप से बाहर करना शुरू कर दिया। इनमें पीले कार्ड धारकों के अलावा वैब चैनल और रजिस्टर्ड न्यूज पेपर्स के दूसरे मान्यता प्राप्त पत्रकार भी शामिल थे। जिला लोक संपर्क अधिकारी की गतिविधि के खिलाफ पत्रकार साथियों में आक्रोश फैल गया। सभी एकजुट होकर जिला लोक संपर्क कार्यालय पहुंचे और यहां अधिकारी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।

दि डिस्ट्रिक्ट प्रैस क्लब फिरोजपुर के समर्थन के साथ मीडिया कर्मियों ने एक सुर में पंजाब सरकार और लोक संपर्क विभाग के निदेशक चेतन सिंह (मंत्री) से मांग की कि इस अड़ियल रवैये वाले पक्षपाती अफसर का जल्द से जल्द यहां से तबादला कर दिया जाए। प्रदर्शनकारी मीडिया कर्मियों ने सख्त लहजे में चेतावनी भी दी है कि इस अधिकारी का तबादला नहीं होगा तो सभी पत्रकार साथी हर सरकारी प्रैस कॉन्फ्रैंस का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।

इस संबंध में डीपीआरओ फिरोजपुर एस अमरीक सिंह सामा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस ग्रुप में बहुत ही बेकार लोग शामिल थे। जल्द ही सोशल मीडिया के सक्रिय पत्रकारों का एक नया ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें उन्हें समय-समय पर योग्य जानकारी भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रैस कॉन्फ्रैंस में केवल पीले कार्ड धारकों और दूसरे मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही बुलाया जाएगा।

उधर, भले ही जिला लोक संपर्क अधिकारी अपनी सफाई दे चुके हैं, लेकिन उनके खिलाफ मीडिया कर्मियों का गुस्सा बरकरार है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि ये कथित बेकार लोग कौन-कौन हैं और अगर ये बेकार हैं तो इन्हें किसके कहने पर ग्रुप में जोड़ा गया था? अब किसके कहने पर ग्रुप से निकाला गया है?

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