Knowledge

लगता है आबकारी विभाग के फीते के इंच कुछ ज्यादा ही छोटे हैं…, स्कूल की दीवार से ठेके की महज 15 गज और अफसर बता रहे हैं 250 मीटर

सुलखनी (हिसार). कई बार प्रशासन आंख और कान दोनों बंद कर लेता है। शायद यही वजह है कि हिसार जिले के गांव सुलखनी में स्कूल की दीवार के ठीक पास दारू का ठेका खोल दिया। इतना ही नहीं इस राह से जिले के 4 गांवों के महिला-पुरुषों और विद्यार्थियों का आना-जाना रहता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों ने डीसी से इस ठेके को उठवाने की मांग की है। हालांकि आबकारी एवं कराधान विभाग की बेशर्मी बड़ी चिंता का विषय है कि स्कूल से महज 15 गज की दूरी को विभाग 250 मीटर बता रहा है। समझ में नहीं आता कि विभाग के फीते के इंच छोटे हो गए या उस जगह का रकबा बढ़ गया। ग्रामीणों ने बैठक करके अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में स्थित सीनियर सैकंडरी स्कूल की दीवार के पास खोले केेे शराब ठेके को ग्रामीणों की बिना रजामंदी के खोला गया है। जहां ठेका खोला गया है यहां पर 4 गांव को जाने वाले रास्ते हैं, खेतों के भी रास्ते हैं, यहां महिलाओं का आना जाना है और आमजन भी यहीं से गुजरता है। शराबी फब्तियां कसते हैं प्रशासन इस पर गौर करें और शीघ्र ही शराब ठेके को हटवाने की प्रक्रिया को तेज करें। स्कूल के पास दीवार के बिलकुल सटाकर खोले गए शराब ठेके को हटवाने की मांग को लेकर जिला उपायुक्त को लिखकर दिया था, लेकिन उस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं होने के चलते ग्रामीणों ने सोमवार को एक बैठक की। इसमें निर्णय लिया गया कि अगर प्रशासन ठेके को हटवाने पर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीण जल्द ही अनिश्चितकालीन धरना करने को लेकर अगली रणनीति बनाएंगे।

लगता है आबकारी विभाग के फीते के इंच कुछ ज्यादा ही बड़े हैं..., स्कूल की दीवार से ठेके की महज 15 गज और अफसर बता रहे हैं 250 मीटर

इस मामले में मीडिया ने कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त आरके सिंगला से बात की तो उनका कहना था कि स्कूल के गेट से ठेके की दूरी लगभग 250 मीटर है। ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों और ग्रामीणों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, जबकि मौका देखकर कोई भी कह सकता है कि स्कूल की दीवार से इस ठेके की दूरी हर मारकर 15 गज ही होगी। अब परेशान होकर डीसी से अपील करते हुए ग्रामीणों ने कहा है कि अभी 12वीं का स्कूल सरकार ने बना कर दिया है, हम नहीं चाहते गांव के बच्चों को शराब के ठेके की वजह से पढ़ाई खराब करनी पड़ सके। ग्रामीणों ने साथ ही यह भी कहा कि अगर ठेका नहीं हटा तो आने वाले समय में बेटियां स्कूल जाना भी छोड़ सकती है। अब आप भी नहीं सुनेंगे तो हम कहां जाएंगे। यह ठेका हटाइए वरना हम हमारे गांव की बेटियों व बेटों की पढ़ाई कैसे करवाएंगे।

स्कूल प्रशासन लिख चुका है ठेका हटवाने को पत्र

इस बारे में स्कूल के प्रिंसिपल सूबे सिंह दहिया ने बताया कि उन्होंने भी शराब ठेका हटवाने को लेकर शिक्षा विभाग को पत्र लिख दिया है, लेकिन अभी तक शराब ठेका हटाने को लेकर कोई भी कानूनी प्रक्रिया तेज नहीं हुई है। स्कूल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अगर ठेका हट जाए तो ठीक है बच्चे पढ़ लेंगे, नहीं तो हमें कोई दिक्कत भी नहीं है, क्योंकि हम तो अगले गांव पढ़ाने चल जाएंगे। आपके गांव के बच्चे हैं। गांव के ही लोग जब ख्याल नहीं रखेंगे तो कौन रखेगा। हम तो 6 घंटे आपके बच्चों को पढ़ाने आते हैं उसके बाद तो जिम्मेदारी गांव के लोगों की बनती है की स्कूल की दीवार के पास ठेका कैसे खोल गया, जिन लोगों ने खुलवाया है उन्हें भी शर्म आनी चाहिए।

Show More

Related Articles

Back to top button