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व्यवसायी के बेटे कनव ने RIMC Exam में पाया देशभर में 7वां रैंक, बढ़ाया हरियाणा का मान; मां ने Job छोड़कर पहुंचाया लाडले को इस मुकाम तक

पानीपत. देश के लिए फौजी अफसर तैयार करने वाले भारतीय राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज (Rashtriya Indian Military College) ने सोमवार देर रात दाखिला परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इसमें 7वां रैंक हासिल करने वाला पानीपत का कनव छोकरा हरियाणा राज्य से चयनित होने वाला इकलौता विद्यार्थी है। कनव ने न सिर्फ अपना और अपने माता-पिता का नाम रौशन किया है, बल्कि पूरे हरियाणा की शान में भी इससे चार चांद लगे हैं। खास बात यह है कि जैसे हर कामयाब विद्यार्थी के पीछे उसके अभिभावकों और गुरुजनों की मेहनत होती है, वैसे ही कनव को भी इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए इसकी मां ने भी बहुत संघर्ष किया है। यहां तक कि उन्हें अपनी जॉब तक भी छोड़नी पड़ी। आइए कनव के परिवार के बारे में थोड़ा करीब से जानते हैं…

समालखा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) में पढ़ते भारतीय राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज RIMC की परीक्षा पास करने वाले 12 साल के कनव की फैमिली पानीपत के अंसल सुशांत सिटी में रहती है। कनव के पिता नवनीत छोकरा का हैंडलूम एक्सपोर्ट का बिजनेस है, वहीं मां मोनिका दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) में अंग्रेजी की अध्यापिका थीं। बेटे की तैयारी के चलते ही उन्हें यह नौकरी छोड़नी पड़ी। कनव शुरू से इतना मेधावी बालक है कि उम्र के हिसाब से उसे इस वक्त छठी कक्षा में होना चाहिए था, पर वह अपने से 2 साल बड़ी बहन रिदम के साथ आठवीं कक्षा में है। रिदम अभी IIT की तैयारी कर रही है।

व्यवसायी के बेटे कनव ने RIMC Exam पास करके बढ़ाया हरियाणा का मान, मां ने Job छोड़कर पहुंचाया लाडले को इस मुकाम तक
माता-पिता और बड़ी बहन के साथ कनव छोकरा।

इस बारे में शब्द चक्र न्यूज से फोन पर बात करते हुए कनव की मां मोनिका ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज में बच्चों को पढ़ाने के लिए बहुत कम अभिभावक अवेयर हैं। यह एक ऐसी परीक्षा है, जिसे मिनी आईएएस भी कहा जाता है। कारण, 7वीं कक्षा में ही 12वीं तक का सिलेबस कवर करना हर किसी के बस की बात नहीं है। उन्होंने भी कनव के जन्म के साथ ही ठान लिया था कि बेटे को हर हाल में RIMC में ही पढ़ाना है। जब वह नर्सरी में गया तो मोनिका ने कॉलेज में बात की। हालांकि उस वक्त उन्हें जवाब दिया गया कि अभी तो कनव बहुत छोटा है। इसके बाद चौथी कक्षा से ही कनव को RIMC की तैयारी शुरू करवा दी गई। दिसंबर 2021 में नेशनल लेवल की यह परीक्षा आयोजित हुई तो कनव इसमें बैठा। सोमवार रात को ही इस परीक्षा का परिणाम जारी किया गया है। इसमें कुल 400 नंबर की परीक्षा में कनव ने 304.5 अंक हासिल किए हैं।

ये भी हैं कनव की उपलब्धियां

कनव छोकरा जूनियर क्रिकेट में 2019 में नेशनल तक खेल चुका है। ताइक्वांडो में स्टेट लेवल सिल्वर मैडल हासिल किया था, वहीं क्विज ओलंपियाडस में भी उसके पास कई सारी उपलब्धियां हैं।

क्या है RIMC में दाखिले की प्रक्रिया?

दरअसल, RIMC दून घाटी में लड़कों के लिए एक उत्तम किस्म का निजी संस्थान है। 1922 में इसकी स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य ने भारतीय छात्रों (कैडेटों) को रॉयल मिलिट्री अकादमी, सैंडहर्स्ट में एंट्री के लिए की थी। प्रिंस ऑफ वेल्स, एडवर्ड अष्टम ने इसका उद्घाटन किया था, इसलिए इसे प्रिंस ऑफ वेल्स रॉयल इण्डियम मिलिट्री कॉलेज के नाम से जाना गया। 1947 के बाद से यह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और अन्ततः भारतीय सेना का फीडर संस्थान है। इसका नाम भी बदलकर भारतीय राष्ट्रीय मिलिट्री कॉलेज हो गया। इसमें 8वीं कक्षा में दाखिले के लिए बच्चों को दो स्टेज की परीक्षा पास करनी होती है। पहले लिखित परीक्षा होती है। इसमें अंग्रेजी (English) के 125 नंबर के लिए 2 घंटे, गणित (Maths) के 200 नंबरों के लिए डेढ़ घंटा और सामान्य ज्ञान (विज्ञान और सामाजिक अध्ययन को मिलाकर) के 75 नंबरों के 1 घंटे का वक्त मिलता है। लिखित परीक्षा पास करने के बाद 50 नंबर की मौखिक परीक्षा होती है। इसके बाद जब दाखिला मिल जाता है तो 40 हजार रुपए सालाना की फीस होती है, जो राज्य सरकार वहन करती है।

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