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Mary Kom का इतिहास दोहराना चाहती थी हरियाणा की ये बेटी, दोहराकर लौटी तो लोगों ने ऐसे बिठाया पलकों पर

भिवानी. इंग्लैंड के बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल (Commonwealth Games) मंगलवार को औपचारिक रूप से संपन्न हो गए। इसमें भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 33 मैडल देश की झोली में डाले हैं, वहीं 20 अकेले हरियाणवी खिलाड़ियों के ही हैं। इन्हीें में से एक भिवानी की बेटी नीतू घणघस भी हैं, जिन्होंने बॉक्सिंग में गोल्ड मैडल हासिल किया है। घर लौटने पर इलाके के लोगों ने नीतू को पलकों पर बिठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान नीतू ने कहा कि वह मैरिकॉम (Mary Kom) का इतिहास दोहराना चाहती थी, सो कर दिखाया।

कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलो भार वर्ग में गोल्ड मैडल विनर बॉक्सर नीतू घणघस के भिवानी पहुंचने पर परिजनों और खेल प्रेमियों ने शहर में विजय जुलूस भी निकाला। जगह-जगह नीतू को लड्डू खिलाकर और फूल मालाएं डालकर सम्मानित भी किया। नीतू ने अपने गोल्ड को पूरे देशवासियों को समर्पित किया और गोल्ड जीतने का श्रेय अपने परिजनों और कोच जगदीश को दिया।

नीतू ने कहा कि मुझे अपनी मेहनत और अपने गुरु जगदीश के गुर पर पूरा भरोसा था कि गोल्ड ही मिलेगा। नीतू ने कहा कि वह आगे और कड़ी मेहनत करके देश को एशियन और ओलिंपिक में गोल्ड मैडल दिलाएगी। साथ ही एक बात और भी गोल्डन गर्ल नीतू घणघस ने कही कि पिछली बार मैरीकॉम ने गोल्ड जीता था, इसलिए जब वह कॉमनवेल्थ गेम में खेलने के लिए गई तो उन पर मानसिक दबाव रहा कि वह वही इतिहास दोहराएं, सो कर दिखाया।

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