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Independent India’s History: 75 साल में पहली बार Made In India तोप ने दी सलामी, क्या है इसकी खासियत?
नई दिल्ली. जश्न-ए-आजादी के बीच सोमवार को हमारे देश ने एक नया इतिहास लिखा है। अभी तक द्वितीय विश्वयुद्ध की ब्रिटिश पाउंडर-गन से 21 तोपों की सलामी दी जाती थी। आज इस जश्न के हमारे राष्ट्रध्वज को सलामी देने वाली 21 तोपों में हमारी अपनी बनाई (Made In India) होवित्जर तोप भी शामिल रही। ऐसा 75 साल बाद संभव हुआ है, जिसके सम्मान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह आवाज सुनने के लिए कान तरस गए थे। आइए जानें इस खास तोप की खासियतों के बारे में…
- स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 15 अगस्त 2022 को लाल किले से पहली बार स्वदेशी हॉवित्जर तोपों से सलामी दी गई।
- इस तोप का नाम है एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) है। इसको चलाने के लिए 6 से 8 लोगों की जरूरत पड़ती है।
- DRDO के DG संगम सिन्हा ने बताया कि इन तोपों को डीआरडीओ की आर्मामेंट रिसर्च एंड डैवलपमैंट इस्टैबलिशमेंट (ARDE), टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, महिंद्रा डिफैंस नेवल सिस्टम और भारत फोर्ज लिमिटेड ने मिलकर बनाया है।
- ATAGS परियोजना को 2013 में DRDO ने भारतीय सेना में इस्तेमाल हो रही पुरानी तोपों को आधुनिक 155 mm/52 कैलिबर की आर्टिलरी गन से बदलने के लिए शुरुआत की थी।
- हॉवित्जर तोप पहला परीक्षण साल 2016 में हुआ था। रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार के मुताबिक वर्ष 2018 में रक्षा मंत्रालय ने 150 अटैग गन खरीदने को मंजूरी दी थी।
- हॉवित्जर तोप या एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) बर्स्ट मोड में 15 सैकंड में 3 राउंड, इंटैस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करती है।
- फिलहाल इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है और इसे बढ़ाकर 52 किलोमीटर करने की कोशिशें जारी हैं।
- भारतीय सेना के पास मौजूदा स्थिति में इस कैलिबर की 7 हॉवित्जर तोप हैं। 40 तोपों का ऑर्डर किया हुआ है, वहीं 150 तोप और बनाई जाएंगी।