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राजस्थान में तमिलनाडु के 12 Police वाले गिरफ्तार, 52 लाख की Gold Robbery से नाम निकालने के एवज में मांगी थी 25 लाख की घूस

अजमेर. राजस्थान के अजमेर में दक्षिणी छोर के राज्य तमिलनाडु की पुलिस के एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 12 कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये पुलिस वाले लगभग 52 लाख रुपए की सोने की लूट के एक मामले में यहां आए थे और संबंधित आरोपी पक्ष से इन्होंने 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। पता चलने पर भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो (ACB) की टीम ने इन सभी को धर-दबोचा। बहरहाल, मामले की जांच का क्रम जारी है।

ACB के DIG समीर कुमार सिंह ने बताया कि रविवार देर रात ब्यूरो के डीएसपी प्रभु दयाल और राकेश वर्मा के नेतृत्व में दो टीमें अजमेर रेलवे स्टेशन के पास पहुंची, जहां बाहर के राज्य की पुलिस के कुछ लोगों के आए होने की सूचना मिली थी। टीमों ने तमिलनाडु पुलिस के 12 पुलिसकर्मियों को पकड़ लिया। पूछताछ में तमिलनाडु के पुलिस जवानों ने बताया कि वो 105 (करीब 52 लाख) तोले सोना चोरी के मामले में बरामदगी के लिए अजमेर आए थे। इस मामले में यहां का एक दंपति आरोपी है।

DIG समीर कुमार सिंह ने यह भी बताया कि 4 मार्च 2023 को तमिलनाडु पुलिस की एक टीम द्वारा भिनाय थाना क्षेत्र के सोनिया पत्नी पन्नालाल सोनी को घर से उठाकर ले जाने संबंधी शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता पक्ष का कहना था कि इस दंपति का चोरी के एक कथित मुकदमे में आया हुआ है। इन दोनों के नाम इस केस से निकालने के लिए 25 लाख रुपए की डिमांड रखी गई है। ब्यूरो ने इस शिकायत की वैरिफिकेशन की तो घूस मांगने के आरोप की पुष्टि हुई।

इसके बाद बताई गई जबह पर ठहरे तमिलनाडु के पुलिस जवानों को गिरफ्तार करने के लिए ट्रैप लगाया गया। अभी तक की जांच में पता चला है कि तमिलनाडु में चार मुकदमे दर्ज हैं, जहां से 105 (करीब 52 लाख) तोला सोना चोरी हुआ था। इस वारदात में भिनाय के भैरूखेड़ा के कुछ लोग शामिल थे। इनसे बरामदगी के लिए पुलिस टीम आई थी।

इस संबंध में पुलिस टीम की ओर से रिकॉर्ड भी उपलब्ध कराया गया। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाई हुई है। पूछताछ के दौरान रिकॉर्ड के मुताबिक फिलहाल सब कुछ सही पाया गया। स्थानीय अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम में शामिल पुलिसकर्मियों में से अधिकांश तमिल ही बोलते है, ऐसे में एसीबी को पूछताछ में परेशानी हुई, लेकिन इसमें से कुछ को हिंदी आती थी। ऐसे में एसीबी ने उनसे बातचीत कर पूरा मामला जाना। उनकी ओर से उपलब्ध कराए रिकॉर्ड की जांच की।

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