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नाबालिग बच्चियों के शोषण का मामला: फिरोजपुर पुलिस ने क्यों टेक दिये दुराचारी टीचर के आगे घुटने; किस रसूख या दबाव ने पकड़े कानून के लंबे हाथ? किसने सील दिये पीड़ितों, समाजसेवी के होंठ?

  • भाजपा के फिरोजपुर छावनी मंडल प्रधान इंदर गुप्ता ने 25 जून को व्हाट्सऐप्प ग्रुप्स में पोस्ट किया था स्कूल टीचर द्वारा नाबालिग बच्चियों के शोषण के मामले संबंधी मैसेज
  • न तो पुलिस ने स्वयं संज्ञान लिया और न ही फिरोजपुर ग्रामीण हलके के विधायक रजनीश दहिया की तरफ से एसएसपी को फोन किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई हो रही
  • इलाके में छोटी सोच वाले स्कूल टीचर की बड़ी पहुंच को लेकर हो रही बातें; पीड़ित बच्चियों के परिवार, समाजसेवी और पुलिस सब दबाव में, एक-एक करके हटते जा रहे न्याय मांगने वाले

मनीष रोहिल्ला/फिरोजपुर

वह मासूम बच्चियों को छेड़ता है। बरसों बीत गए, लेकिन कोई उसके खिलाफ आवाज उठाने की हिमाकत नहीं कर पाता। पीड़ित तो पीड़ित, समाजसेवी और यहां तक कि पुलिस सब के सब खामौश हो चले हैं। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि फिरोजपुर की बेटियों के शोषण की दास्तां है। हैरानीजनक पहलू है कि एक निजी स्कूल के टीचर द्वारा नाबालिग बच्चियों के शारीरिक और मानसिक शोषण की कथित घटना को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें होते एक हफ्ता बीत चुका है और इसके बावजूद अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि यह गुरु-शिष्य के नाते को कलंकित करने वाला यह घटिया आदमी है कौन? ऐसा कौन सा रसूख रखता है ये हरामी, जिसने हर किसी के होंठ सील दिये? कहीं यह किसी बड़े देह व्यापार का चलावनहार तो नहीं? फिरोजपुर की बेटियों के हक में इन तमाम सवालात के जवाब सामने आने बेहद जरूरी हैं।

ध्यान रहे, 25 जून को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फिरोजपुर छावनी मंडल प्रधान इंदर गुप्ता ने व्हाट्सऐप्प ग्रुप्स में एक मैसेज पोस्ट किया था। इसमें लिखा गया था कि फिरोजपुर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल का टीचर पिछले करीब 8-9 बरस से यहां पढ़ती नाबालिग बच्चियों का शारीरिक और मानसिक शोषण कर रहा है। हर बार बच्चियां अपनी और घर वालों की बदनामी होने के डर से, पढ़ाई पर फर्क पड़ने के डर से इस जुल्म के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाती थी, मगर अब कुछ लड़कियों ने हिम्मत करके एक समाजसेवक के सामने अपनी पूरी बात रखी है। जल्द ही इस हैवान स्कूल टीचर को लेकर पूरा खुलासा किया जाएगा कि किस तरह यह बड़ी ऊंची पहुंच रखता है।

यहां इस मामले में खास बात यह है कि मासूम बच्चियों की आबरू से खेलने वाला हैवान बहुत बड़ा रसूख रखता बताया जा रहा है। दूसरी ओर जिस समाजसेवी के सामने कुछ पीड़ित बेटियों के परिवारों ने न्याय की गुहार लगाई थी, वह कोई और नहीं, बल्कि खुद भाजपा नेता इंदर गुप्ता हैं। गुप्ता ने जल्द ही इस हैवान स्कूल टीचर के घटिया रूप को सबसे सामने लाने की बात कही थी। अब एक ओर घोर ईमानदारी छवि रखते भाजपा नेता एवं समाजसेवी इंदर गुप्ता इस मामले के संबंध में कोई जानकारी सांझा नहीं कर पा रहे हैं, दूसरी ओर फिरोजपुर पुलिस भी इस मामले में एकदम गूंगी वाला गुड़ खाकर बैठी है। गजब शर्मनाक बात तो यह भी है कि आम आदमी पार्टी के विधायक एडवोकेट रजनीश दहिया भी हस्तक्षेप कर चुके हैं, मगर बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ।

गौरतलब है कि इंदर गुप्ता की तरफ से सोशल मीडिया पर फैलाए गए मैसेज के 4 दिन बाद यानि 29 जून को विधायक दहिया ने फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP Ferozepur) भूपिंदरजीत सिंह को खुद फोन करके कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कथित आरोपी टीचर चाहे कितना भी बड़े रसूख वाला क्यों न हो, वह और उसके रसूखदारों की खैर नहीं है। यह बात उस वक्त सिर्फ एक राजनैतिक दावा साबित होती नजर आ रही है, जब हम इस मामले में कार्रवाई की आस पर बात करने लगते हैं। सूत्रों की मानें तो न सिर्फ हवस के अंधे स्कूल टीचर (ट्यूशन पर बच्चियों के साथ छेड़खानी करने वाला) के खिलाफ फिरोजपुर पुलिस किसी दबाव की वजह से कार्रवाई नहीं कर रही। यही वजह है कि पुलिस एक हफ्ते बाद भी समाजसेवी एवं भाजपा नेता इंदर गुप्ता से इस मामले में जानकारी हासिल कर पाने में नाकाम है। इतना ही नहीं, सवाल इंदर गुप्ता पर उठना लाजमी है। उन्होंने जल्द ही बहुत बड़ा खुलासा करने का दावा किया था। समझ में नहीं आता कि आखिर उनका जल्द और कितने समय बाद आएगा?

अब इलाके में कई तरह की बातें उठने लग गई हैं। सूत्रों की मानें तो लोगों यहां तक भी कहना है कि इस छोटी सोच वाले टीचर ने बड़े रसूख के कारण ही हर वर्ग (पीड़ित बच्चियों के परिवार, समाजसेवी और पुलिस तंत्र) किसी न किसी गहरे दबाव में ले रखा है। अब यह दबाव क्या है? ऐसे ही कई और सवालों के बीच एक इस बहुत बड़ी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि समय-समय पर फिरोजपुर के इस नामी स्कूल में बहुत बड़े अफसरान आते रहते हैं और शोषण का आरोपी और रसूखदार यह टीचर लंगोटी के कच्चे अफसरों को लड़कियां सप्लाई तो नहीं कर रहा।

इन तमाम सवालाता का जवाब तो तब ही मिलना संभव है, जब फिरोजपुर पुलिस ईमानदारी से अपना काम करे। इसके लिए सबसे पहले तो भाजपा नेता इंदर गुप्ता से जितनी भी जानकारी मिल सके, उतनी हासिल करके पुलिस को जांच आगे बढ़ानी चाहिए। गुप्ता को भी फिरोजपुर की हर बेटी के हक के लिए हर हाल में इस दरिंदे को बेनकाब करने की दिशा में हर संभव कदम उठाना चाहिए, एकदम बेखौफ होकर। इसके बाद पता चलेगा कि इस गंदे खेल में आखिर कितने बड़े और कितनी संख्या में मगरमच्छ शामिल हैं। किस पार्टी के नेता की शह है इस गंदे शिक्षक को और आने वाले वक्त में क्या कार्रवाई होगी?

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