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DWC के फर्जीवाड़े पर LG का एक्शन; 40 की जगह भर्ती किए गए 223 कर्मचारियों को घर भेजने का आदेश

नई दिल्ली : अक्सर राजनीति का अखाड़ा बने रहने वाले केंद्र शासित प्रदेश एवं राज्य दिल्ली में गुरुवार को उस वक्त फिर बड़ी हलचल मच गई, जब यहां महिला आयोग के 200 से ज्यादा कर्मचारियों को लैफ्टिनैंट गवर्नर (LG) ने घर भेजने का आदेश दे दिया। आरोप हैं कि इन कर्मचारियों को आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना LG की मंजूरी के भर्ती किया था। हालांकि इस बर्खास्तगी को दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालवाल ने एक तुगलकी फरमान करार दिया है।

LG वीके सक्सेना की तरफ से जारी बर्खास्तगी संबंधी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली महिला आयोग में 40 स्टाफ की भर्ती होनी थी। इसके उलट बिना LG से मंजूरी लिए 223 कर्मचारी भर्ती कर लिए गए। हालांकि आयोग के पास संविदा के आधार पर मर्जी से ज्यादा कर्मचारी भर्ती करने की शक्ति मौजूद नहीं है। यही वजह है कि इन नियुक्तियों को अवैध करार देते हुए कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। आयोग को इन कर्मचारियों की सेवाएं जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उधर, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बर्खास्तगी के आदेश को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। स्वाति ने कहा कि महिला आयोग में 90 कर्मचारी हैं, लेकिन सिर्फ 8 ही काम कर रहे हैं। सरकार को स्टाफ देना चाहिए, लेकिन छीनकर आयोग को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। जब तक मैं जिंदा हूं, दिल्ली महिला आयोग को बंद नहीं होने दूंगी। चाहे मुझे जेल में डाल दो, लेकिन महिलाओं पर अत्याचार नहीं होने दूंगी।

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