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फ्री में मिले Tabs पर गंदी-गंदी चीजें देख रहे Students; चिंता में पड़े लाखों मां-बाप, अब Haryana Govt. से की गई ऐसी डिमांड

चंडीगढ़. तकनीकी तरक्की जितनी फायदेमंद होती है, उतने ही इसके नुकसान भी होते हैं। अब हरियाणा सरकार द्वारा विद्यार्थियों को दिए गए टैबलेट्स को ही ले लीजिए, जो एक सरकार का एक गलत फैसला साबित होने लग गए हैं। असल में फ्री में मिले ये उपकरण बंदर के हाथ में बंदूक वाली कहावत को सही साबित करने लग गए हैं। विद्यार्थी न सिर्फ नए-नए ऐप्प डाउनलोड करके सारा दिन गेम खेलते हैं, बल्कि दूसरी असभ्य चीजें भी देखते हैं। यही वजह है कि प्रदेश के लाखों अभिभावकों को अपने लाडलों के भविष्य की और अपनी इज्जत की चिंता सताने लग गई है। आइए इस मामले को जरा तफसील से समझते हैं…

उल्लेखनीय है कि हरियाणा की मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा-जजपा सरकार ने प्रदेश कक्षा 9वीं से 12वीं तक 8 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट दिए थे, ताकि वो सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए तकनीक की दौड़ में पीछे न रहें। अब इसके दुरुपयोग केे किस्से सामने आने लगे हैं। ताजा मामला जींद जिले के गांव ढिगाना का है, जहां की पंचायत की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गृहमंत्री अनिल विज और शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्टूडैंट्स को दिए गए टैब वापस ले लिए जाने की मांग की गई है।

पत्र में लिखा गया है, ‘सरकार! हमारे बच्चों से टैब वापस ले लो, बच्चे रोजाना नए-नए ऐप्प डाउनलोड करके गेम खेलते रहते हैं। यहीं नहीं इन टैब पर वो अश्लील चीजें भी देखते है। वो सारा दिन टैब पर लगे रहते है और पढ़ने की बजाय बिगड़ रहे है. बच्चे टैब का सदुपयोग करने की बजाय दुरुपयोग कर रहे हैं’। इसकी पुष्टि के लिए जब मीडिया की तरफ से जींद जिले की शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि टैबलेट के दुरुपयोग की शिकायत अभी मुझे नहीं मिली है। यदि ऐसा हो रहा है तो इसके समाधान के प्रयास किए जाएंगे। शिकायत आने पर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में इस मामले को लाया जाएगा। दूसरी ओर, ढिगाना के सरपंच विनोद कुमार ने कहा कि उन्होंने कई बच्चों को खुद टैबलेट पर आपत्तिजनक साइट देखते हुए पाया। इसके अलावा कई बच्चे सारा दिन गेम खेलते देखे गए। इससे उन्हें चिंता हुई। उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे अपनी मर्जी से ऐसे ऐप्प डाउनलोड कर लेते हैं, जो असभ्य होते हैं। उन्होंने खुद कई बच्चों के टैबलेट में ऐसे ऐप्प देखे हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भी उन्हें इस प्रकार की शिकायतें की।

अकेले ढिगाना गांव या जींद जिले की नहीं है ये चिंता

अब सोचने वाली बात यह है कि यह एक अकेले ढिगाना गांव या जींद जिले की चिंता नहीं है, बल्कि पूरे हरियाणा के लाखों अभिभावकों का यही एक दुखड़ा है। हालांकि सरकार ने टैबलेट देते समय एमडीएम यानि मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट प्रणाली लागू करने की बात कही थी। एमडीएम ऐसी सुविधा है, जो टैबलेट में अनेक प्रकार की साइट्स को प्रतिबंधित कर देती है। इससे बच्चे आपत्तिजनक सामग्री नहीं देख सकते, लेकिन ऐसा अभी तक लागू नहीं हुआ है। एक ओर माना जा रहा है कि एमडीएम के लागू होने से अभिभावकों को इतनी परेशानी नहीं होगी, वहीं दूसरी ओर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि तकनीक समझ चुके स्टूडैंट्स इसका तोड़ निकालने में भी पीछे नहीं हैं। सरपंच विनोद कुमार के मुताबिक भले ही सरकार प्रतिबंध को लेकर कुछ भी दावा करती रहे, लेकिन आजकल बच्चे इतने तेज हो गए हैं कि वह एमडीएम का भी कोई न कोई तोड़ ढूंढ लेते हैं।

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