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Heman को हमेशा रुलाएगी इन बहनों की याद; एक के लिए 12 साल की उम्र में 30 KM दौड़ाई बाइक, दूसरी ने Hero बनने से पहले दिया था सहारा

साहनेवाल (लुधियाना). रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहन के अगाध स्नेह का प्रतीक होता है। जरूरी नहीं कि बहन-भाई एक ही कोख के जाए हों। यह संबंध गांव या देश-दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाला एक महिला और पुरुष मन से एक-दूसरे को भाई-बहन मान सकता है। ठीक वैसे ही जैसे अर्से पहले शिकागो के धर्मसम्मेलन में स्वामी विवेकानंद जी (Swami Vivekanand) ने वहां मौजूद तमाम अमेरिकावासियों को संबोधित किया था। यह सब भावनाओं का खेल है और इस खेल से फिल्मी दुनिया भी नहीं बची है। राखी जैसे इस पावन असवर पर हिंदी फिल्मों के सुपरहीरो धर्मेंद्र देओल (Dharmendra Deol) का जिक्र न आए ऐसा कैसे हो सकता है। आइए जानते हैं उन बहनों के बारे में जिन्हें Heman हमेशा याद करते रहेंगे…

एक बार एक इंटरव्यू में धर्मेंद्र ने बताया था कि जब वह कोई 11-12 साल के थे तो टीबी से पीड़ित ड़ी बहन की अचानक देर रात तबीयत बिगड़ गई। मां ने धर्मेंद्र को दवा लाने के लिए भेजा। करीब 30 किलोमीटर साइकिल चलाकर वह दवा लेकर घर पहुंचे तो देखा कि उनकी बहन की मौत हो गई थी। धर्मेंद्र अपनी बहन की मौत से इतने आहत हुए थे कि कई दिनों तक जिस जगह वह लेटी थी, वहीं टकटकी लगाकर देखा करते थे। धर्मेंद्र का कहना था पुराने घर में जाकर उन्हें फिर से सारी यादें ताजा हो जाती हैं, लेकिन वक्त वापस नहीं लौटता।

दूसरी बहन की बात उस वक्त की है, जब 1935 में पंजाब के लुधियाना महानगर से सटे साहनेवाल गांव में जन्मे धर्मेंद्र जब हीरो बनने की चाहत में मुंबई गए थे और वहां सिर पर छत तक नहीं थी। उस वक्त धर्मेंद्र को एक ऐसी बहन मिली, जिसने धर्मेंद्र को हमेशा भाई की तरह माना। उसी ने अपने घर में पनाह दी थी। यह कोई और नहीं, बल्कि धर्मेंद्र के अपने गांव साहनेवाल से ताल्लुक रखती थी। मुंबई के माटुंगा रोड इलाके में स्थित रेलवे के 75 नंबर क्वार्टर में रहती थी।

2019 में रक्षाबंधन के मौके पर धर्मेंद्र ने अपनी उसी बहन को याद किया था। धर्मेंद्र ने लिखा था कि उनका निधन हो चुका है। इसके बाद 2020 में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें वह अपनी उसी बहन से राखी बंधवा रहे हैं। इसके साथ धर्मेंद्र ने लिखा था, इस प्यारी बहन ने…मेरे कड़े संघर्ष के दिनों में मेरी देखभाल की थी… इतने बड़े शहर में मैं अकेला था… उन्होंने मुझे पनाह दी थी।

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