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कुरुक्षेत्र लाठीचार्ज को लेकर खट्टर सरकार को घेरा पूर्व CM हुड्‌डा ने, कहा-प्रदेश को लठ के जोर पर चलाना चाहता है BJP-JJP गठबंधन

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्‌डा ने कहा-किसान समेत समाज का हर वर्ग खट्टर सरकार से नाराज और इस नाराजगी का हिसाब 2024 के चुनावों में चुकता होगा

चंडीगढ़. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली हरियाणा की मौजूदा भाजपा-जजपा सरकार प्रदेश को सिर्फ लठ के जोर पर चलाना जानती और चाहती है। हुड्‌डा ने यह बात बीते दिन कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी की फसल की MSP मांग रहे किसानों पर लाठीचार्ज किए जाने के प्रतिक्रियास्वरूप कही है। हुड्‌डा ने पूछा-इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या होगी कि देश के अन्नदाता को अपना हक मांगने पर भी नहीं मिल रहा। इस सरकार ने किसानों को उनका हक तो क्या देना था, उल्टा उन पर लाठियां और बरसाई जा रही हैं। किसान हो या समाज के दूसरे वर्ग, कोई भी तो इस सरकार से खुश नहीं है। इस नाराजगी का हिसाब हरियाणा की जनता 2024 के चुनावों में चुकता करेगी और एक बार फिर से प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार लोगों को उनके बनते हक दिलाने की दिशा में काम करेगी। चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के आंदोलन में लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को तुरंत रिहा किया जाए और सूरजमुखी की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए।

किसानों पर लाठीचार्ज की घटना की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे सूरजमुखी हो, चाहे गेहूं या फिर दूसरी फसल, ये किसान की संतान की तरह होती हैं। कोई आंधी-बारिश, गर्मी-सर्दी और आए दिन बढ़ती महंगाई के बीच प्रदेश का किसान रोज तिल-तिल करके मरता है। कुदरती प्रकोप के खतरे से थोड़ा-बहुत कुछ बचता है तो उस पर भाजपा के पाले हुए जमाखोर पूंजीपति डालने में कोई कसर नहीं छोड़ते। किसान का दर्द समझना इस सरकार को चला रहे लोगों के बस की बात नहीं है। वो तो पूर्व में रही कॉन्ग्रेस की सरकार ही थी, जब किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिले। आज भले ही हरियाणा की सत्ता को बदले 9 साल होने वाले हैं, लेकिन लोग कॉन्ग्रेस के राज को भूले नहीं हैं। आज भी लोगों को यह कहते सुना जा सकता है-‘हुड्डा तेरे राज में जीरी गई जहाज में…’। इसके उलट मनोहर सरकार में धान की फसल कितनी बुरी तरह से पिटी, यह बात भी किसी से छिपी नहीं है। अब सूरजमुखी को ही देख लें तो 6400 रुपए समर्थन मूल्य सिर्फ कहने भर को है। प्रदेश का किसान सूरजमुखी की फसल को 4-साढ़े 4 हजार रुपए क्विंटल के भाव में बेचने के लिए मजबूर है। दूसरी ओर जब किसान अपनी फसल का उचित मूल्य मांग रहे हैं तो फिर खट्टर सरकार उन पर लाठियां चलवाती है।

अच्छे दिनों के दावे पर भी उठाया सवाल

उधर, भाजपा के सुशासन के दावों पर सवाल उठाते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने पूछा कि क्या अच्छे दिन ऐसे ही होते हैं। एक तरफ केंद्र की सत्ता में बैठी नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी सरकार जुल्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, वहीं हरियाणा की मनोहर लाल सरकार भी केंद्र के इशारों पर नाचने वाली कठपुतली से बढ़कर और कुछ भी नहीं है। इन साढ़े 8 साल में भाजपा-जजपा सरकार ने हरियाणा की जनता की जिंदगी नर्क बना डाली। कॉन्ग्रेस के समय में जो राष्ट्रीय संस्थान खड़े किए गए थे, उनका निजीकरण करके पूंजीवादी हाथों में दे दिया गया। सुशासन की जगह तानाशाही शासन ने ले ली है। किसानविरोधी कानून पास करके उनकी फसल-नस्ल को बर्बाद करके रोटी को पूंजीपतियों की तिजोरी में बंद करने का काम भाजपा सरकार ने किया है। एक साल से अधिक समय तक आंदोलन और हज़ारों किसानों की शहादत के बाद वो कानून वापस लेने पड़े। फिर अग्निवीर के नाम पर सेना के स्वरूप को बर्बाद करने का कार्य किया गया। इनके बहुत से नेता बड़े अपराधों में नामजद हुए और सरकार उन पर कार्रवाई की बजाय, उन्हें बचाने मे लगी रही। क्या ऐसे ही होते हैं अच्छे दिन।

भाईचारे को तोड़ने का काम कर रही है भाजपा: हुड्‌डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा की सरकार हरियाणा और देश के बाकी हिस्सों में आपसी भाईचारे की डोर को तोड़ने का काम कर रही है। यह बात हर कोई जानता है कि हाल में दुनिया में देश की शान बढ़ाने वाली हमारी पहलवान बेटियों के साथ कितनी नाइंसाफी हो रही है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर सिर्फ इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही कि वह खुद भाजपाई हैं। जिसने गलत किया है, उसे सजा मिलनी ही चाहिए, और जब इस मांग को लेकर किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों के साथ आन खड़े हुए तो फिर बदले की राजनीति करके भाजपा ने हरियाणा में सूरजमुखी की फसल के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को निशाना बना डाला। यह देश की लोकतांत्रिक मर्यादाओं के पतन की शुरुआत है।

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