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मानव एकता दिवस पर चम्बा में DC रेपसवाल समेत 34 महिलाओं और 67 पुरुषों ने किया रक्तदान, संतों के आशीर्वचन से हुए भाव विभोर

राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा

देश-दुनिया के साथ-साथ बुधवार को हिमाचल प्रदेश के चम्बा में भी मानव एकता दिवस पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर मुगलां स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में संत समागम और रक्तदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें जिलेभर से आए निरंकारी श्रद्धालुओं ने अनेक संत-महात्माओं के प्रवचन का आनंद माना, वहीं रक्तदान शिविर में 101 लोगों ने इस महादान का पुण्य कमाया। इनमें उपायुक्त मुकेश रेपसवाल समेत 67 पुरुष शामिल थे, वहीं 34 महिलाएं भी समाजसेवा के लिए आगे आईं। उधर, इस समारोह में उपायुक्त की धर्मपत्नी प्रियंका के अलावा इलाके के कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वावधान में महात्मा डॉ. राजेन्द्र जी की अध्यक्षता में आयोजित यादगार समारोह में रक्तदान शिविर का उद्घाटन उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने किया। इसके बाद पंडित जवाहर लाल नैहरू मैडिकल कॉलेज से आई टीम यहां रक्दानियों के पुण्य की साक्षी बनी। हालांकि शिविर में 106 लोगों ने अपना पंजीकरण कराया था, लेकिन इनमें से 101 का रक्त ही लिया गया। उपायुक्त मुकेश रेपसवाल समेत 67 पुरुष तो 34 महिलाओं में बनीखेत, डल्हौजी, बकलोह, चुवाड़ी, भरमौर, होली, साहो, जडेरा, धरवाला, सामरा, मंगला और दूर-दराज के दूसरे इलाकों से आए श्रद्धालु भी शामिल रहे।

ये है त्याग की अमर कहानी

संत समागम में दूर-दराज से आए अनेक संतों-महात्माओं ने सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षाओं को अपने विचारों और भजनों द्वारा व्यक्त किया। अंत में मंच पर विराजमान महात्मा डॉ. राजेंद्र जी ने साध-संगत को भाव-विभोर करते हुए याद दिलाया कि 1980 में आज ही के दिन यानि 24 अप्रैल को किस तरह कुछ असामाजिक तत्वों ने युग प्रवर्तक बाबा गुरुबचन सिंह को शहीद कर दिया था। उन्होंने बताया कि मानवता के दुश्मनों ने जब बाबा गुुरुबचन सिंह पर गोलियां चलाई तो उनके चरणों में जीने और देह त्यागने का आशीर्वाद ले चुके निरंकारी मिशन के अनन्य भक्त चाचा प्रताप सिंह अचानक आगे आ गए और बाबा जी की तरफ चलाई गई गोलियां अपने ऊपर झेल गए। हालांकि दुर्भाग्य से वह बाबा गुरुबचन सिंह को बचाने के मकसद में कामयाब नहीं हो सके। उन्होंने बाबा जी के साथ ही अपने प्राणों की आहूति दे दी।

महात्मा डॉ. राजेंद्र जी ने बताया कि बाबा गुरुबचन सिंह और चाचा प्रताप सिंह की शहादत के बाद जब बेहद गमगीन माहौल के बीच बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को गुरु गद्दी सौंपी गई मिशन के लाखों अनुयायियों ने एक सुर में खून का बदला खून से लेने की बात कही। बाबा जी ने मंच से कहा कि खून का बदला खून से ही लिया जाएगा, लेकिन खून नालियों में नहीं, अपितु मानव कल्याण हेतु मानव की नाड़ियों में बहाया जाएगा। इसके बाद से इस दिन को पूरे निरंकारी जगत में मानव एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अब तक किया जा चुका 13,31,906 यूनिट रक्तदान

महात्मा राजेन्द्र जी ने बताया कि आज तक मिशन की तरफ से हर साल आयोजित किए जा रहे रक्तदान शिविरों में मानवमात्र की भलाई के लिए 13,31,906 यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। युग प्रवर्तक बाबा गुरुबचन सिंह जी ने सत्य के बोध द्वारा मनान जीवन को सभी प्रकार के भ्रमों से मुक्त करवाया। सामाजिक उत्थान हेतु अनेक कल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वयित किया, जिनमें सादा शादियां, नशामुक्ति एवं खेलों के प्रति युवाओं को प्रेरित किया।

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