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डूबकर मर जाना चाहिए योगी के इस बेशर्म मंत्री और इसके चमचों को; शहादत का इतना बड़ा अपमान

आगरा : दुनियाभर में भारत की शान बढ़ाने वाली उत्तर प्रदेश की ताज नगरी से एक बहुत ही शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। एक शहीद वीर सैनिक की मां की आंखों से बह रही आंसुओं की गंगा-जमुना रुकने का नाम नहीं ले रही थी और बावजूद इसके शो ऑफ के शौकीन उसके आंसुओं को दरकिनार कर फोटाे खिंचवाने में ही मशगूल रहे। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की अब हर तरफ कड़ी आलोचना हो रही है। कोई इन नेताओं को हृदयहीन, कोई बेशर्म तो कोई गिद्ध तक कह रहा है।

राजौरी एनकाउंटर में हुए थे पांच जवान शहीद

बता देना लाजमी है कि हाल ही में बुधवार 22 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के वनीय क्षेत्र में आतंकी मुठभेड़ में कैप्टन रैंक के दो अफसरों समेत पांच सैनिक शहीद हो गए। शहीद हुए सैन्य अधिकारियों में कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लांस नायक संजय बिष्ट और पैराट्रूपर सचिन लौर शामिल हैं। हालांकि सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक कमांडर समेत दो आतंकवादियों को भी मार गिराया। इस मामले में उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के घर पर घटी एक घटना समाज में आलोचना का कारण बन गई।

वाकया उस वक्त का है, जब योगी आदित्यनाथ के एक मंत्री योगेंद्र उपाध्याय 2015 में सेना में भर्ती हुए सरकारी वकील के बेटे शुभम गुप्ता (2018 से सेना की विशिष्ट पैराशूट रेजिमेंट की नौवीं बटालियन में कैप्टन के पद पर तैनात) के घर सम्मानराशि का चेक देने पहुंचे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस दौरान के एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि शहीद शुभम की शोकसंतप्त मां बार-बार ‘यह प्रर्दशनी मत लगाओ’ की अपील कर रही हैं, लेकिन बावजूइ इसके नेता और उनके चहेते फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं।

अब इस वीडियो न सिर्फ आगे से आगे शेयर किया जा रहा है, बल्कि इसको लेकर आलोचनात्मक टिप्पणियां भी खूब सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के कांग्रेस के आधिकारिक हैंडलर पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, ‘गिद्ध।

शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस गतिविधि को हृदयहीन बताते हुए लिखा है, एक गमगीन मां ‘यह प्रर्दशनी मत लगाओ’ की गुहार लगा रही है, फिर भी मंत्री अपना फोटो सेशन जारी रखे हुए हैं। यह कैसी बेशर्मी है? हम कैमरे के सामने शहीद के परिवार की शांति भंग करने को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहरा सकते’।

उधर, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा ने आपत्ति जताई है, ‘बीजेपी में बी का मतलब बेशर्म और पी का मतलब पब्लिसिटी होना चाहिए।कैप्टन शुभम गुप्ता ने राजौरी सेक्टर में एक मुठभेड़ के दौरान कर्तव्य का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनकी मां दुखी हैं और बेसब्री से अपने बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रही हैं। उनके गमगीन दुख के बीच, यूपी सरकार के भाजपा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय बेशर्मी से अपनी बात पर कायम हैं। अपने पीआर के लिए एक मां की उसके दुख को तमाशा न बनाने की अपील के बावजूद ऐसी तस्वीर खींचना शर्म की बात है’।

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