घूमती सूचनाएंधर्म चक्रभरत चक्रराजनीतिविश्व चक्र

अपना झंडा और करंसी तक तैयार कर ली थी खालिस्तानी अमृतपाल ने, Police की तरह देता था ATF और AKF के सिपाहियों को Belt Number

  • 18 मार्च को दिन में जालंधर जिले में एक प्रोग्राम की बजाय डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पकड़े जाने की अफवाह उड़ी तो रात में पुलिस ने कही थी फरारी की बात
  • पकड़े गए गनमैन तेजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा से हुई पूछताछ के आधार पर हुए बड़े खुलासे, खन्ना की SSP अमनीत कौंडल ने प्रैस कॉन्फ्रैंस में दी जारी जानकारी
  • विक्रमजीत सिंह खालसा नामक व्यक्ति ने कराया तो फिर नशामुक्ति केंद्र से उठाकर अमृतपाल ने अपना गनमैन बना दिया तेजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा को

खन्ना (लुधियाना). राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगने के बाद बहुत से लोग कहते हैं कि अमृतपाल देश के लिए खतरा नहीं था। ऐसे लोगों की जुबान बंद कर देने के लिए हाल ही में हुआ एक खुलासा काफी है। खन्ना पुलिस जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अमनीत कोंडल ने प्रैस कॉन्फ्रैंस के जरिये खुलासा किया है कि खालिस्तानी अमृतपाल ने न सिर्फ आनंदपुर खालसा फोर्स, बल्कि आनंदपुर टाइगर फोर्स नामक संगठन भी बना रखा था। नशा छोड़ने के चाहवान युवाओं को वह इन संगठनों से जोड़ता था और अपने पास से तनख्वाह भी देता था। इतना ही नहीं, पुलिस अधिकारी बताया कि खालिस्तानी अमृतपाल ने अपना झंडा और करंसी नोट तक तैयार कर लिए थे।

इस निजी रंजिश के बाद कार्रवाई के विरोध में थाने पर किया था हमला

बता दें कि खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक एक और कट्‌टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके 29 साथियों पर आरोप है कि अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर 15 फरवरी की रात को रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के बरिंदर सिंह नामक एक युवक को किडनैप किया और अमृतसर जिले में जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बुरी तरह पीटा था। इस मामले में पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान को गिरफ्तार किया तो अमृतपाल ने 23 फरवरी को हजारों समर्थकों के साथ अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। बड़ा आरोप यह भी है कि यह हमला पंजाब के वारिस होने का ढोंग करने वाले इस गुट ने धर्म ग्रंथ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब) की आड़ में किया, ताकि पुलिस कोई सख्त एक्शन न ले सके। इस घिनौनी वारदात के बाद पंजाब पुलिस ने घुटने टेक दिए और अमृतपाल के दाहिने हाथ तूफान को छोड़ दिया।

ये हैं फरारी की दास्तां और नए-नए खुलासे

थाने पर हमले के मामले में अमृतपाल और उसके साथियों पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी, वहीं इसी बीच शनिवार 18 मार्च को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नैशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में प्रोग्राम रखे थे। कड़ी नाकाबंदी और समर्थकों के जुटने के बीच दोपहर लगभग 1 बजे अमृतपाल का काफिला जैसे ही मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। कई को तो हथियारों के साथ मौके से ही धर-दबोचा, वहीं अब तक अमृतपाल के सवा सौ के लगभग समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अभी तक अमृतपाल का कोई अता-पता नहीं है। यह अलग बात है कि 18 मार्च के घटनाक्रम में लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिए जाने की सूचनाएं दिनभर चलती रही, लेकिन देर रात पुलिस की तरफ से प्रैस नोट जारी करके बताया गया कि संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पता यह भी चला है कि जालंधर से भागने के बाद वह लुधियाना के शेरपुर चौक तक पहुंचा और वहां से बस पकड़कर हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद मारकंडा में पहुंचा था। यहां एसडीएम के रीडर के घर रुकने के सबूत मिलने के बाद से उसका अभी तक कोई अता-पता नहीं है। हालांकि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब की सरकार से जवाब मांग चुका है कि आपके 80 हजार पुलिस वाले आखिर कर क्या रहे हैं?

यह भी पढ़ें
फरारी में सबसे पहले किसने, क्यों और कैसे की थी खालिस्तानी अमृतपाल की मदद

 

शुक्रवार को प्रशासनिक तौर पर लुधियाना जिले में पड़ते खन्ना पुलिस जिले की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अमनीत कोंडल ने प्रैस कॉन्फ्रैंस में बताया है कि अमृतपाल दो नामों से फोर्स बना रहा था। एक का नाम आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) तो दूसरी का नाम आनंदपुर टाइगर फोर्स (ATF) रखा था। उसने खालिस्तानी झंडे और कंरसी भी तैयार कर लिए थे। अमृतपाल का साथी तेजिंदर सिंह उर्फ ​​गोरखा बाबा को लेकर भी पुलिस ने बड़े खुलासे किए है। SSP अमनीत कोंडल ने बताया कि ​​गोरखा बाबा ने पूछताछ में बताया है कि अमृतपाल द्वारा आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) एक फौज तैयार की गई थी, जिसमें उन लोगों को शामिल किया जाता था जो नशा छोड़ना चाहते थे।

ध्यान रहे, अमृतपाल की इस फौज में कभी ड्रग एडिक्ट रहा गोरखा बाबा भी शामिल था। पुलिस पूछताछ में गोरखा बाबा ने बताया कि अमृतपाल के नेतृत्व में खालिस्तान के गठन के लिए हथियारबंद संघर्ष छेड़ने की योजना बनाई जा रही थी। इसमें गोरखा बाबा सक्रिय सदस्य था। अमृतपाल से उसका संपर्क विक्रमजीत सिंह खालसा नामक व्यक्ति ने कराया था और फिर नशामुक्ति केंद्र से उठाकर अमृतपाल ने उसे अपना गनमैन बना दिया। गोरखा बाबा ने बताया कि इस फ़ौज में शामिल होने के लिए लोगों को पुलिस की तरह बैल्ट नंबर दिए जाते थे और अमृतपाल उनको तनख्वाह भी अपने पास से देता था।

Show More

Related Articles

Back to top button
Hacklinkholiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
marsbahis
tarafbet
marsbahis giriş
tarafbet giriş
extrabet
extrabet giriş
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
https://www.oceancityboardwalkhotels.com/
https://guvenilir-secilmis-liste.com/
adana escort
Betpas
Vaycasino Güncel Giriş
Vaycasino
Tarafbet güncel giriş
Tarafbet
Marsbahis
Marsbahis güncel giriş