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नुपुर शर्मा पर दर्ज सारी FIR अब Delhi Police के हाथ, जांच पूरी होने तक नहीं होंगी Arrest

नई दिल्ली. ढाई महीने में दिल्ली की दिग्गज नेता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के खिलाफ जितने भी केस दर्ज हुए हैं, सभी को अब दिल्ली पुलिस ही देखेगी। साथ ही जांच पूरी होने तक उन्हें गिरफ्तार भी नहीं किया जाएगा। यह आदेश है देश की सर्वोच्च अदालत का। पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान को लेकर घिरी नूपुर शर्मा को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की स्पैशल बैंच ने सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दे दिया है।

ध्यान रहे, बीती 27 मई को एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने पैगंबर को लेकर एक सच्ची बात कही थी, मगर वह मुस्लिम समुदाय को नीम की तरह कड़वी लगी और नतीजा यह हुआ कि देश बहुत से हिस्सों में नुपुर का विरोध शुरू हुआ तो भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। दूसरी ओर नुपुर के खिलाफ एक के बाद एक 8 अलग-अलग राज्यों में बहुत से आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।

इस मामले में 1 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हिंसा के लिए अकेले नुपुर को ही जिम्मेदार ठहराया था। कोर्ट ने कहा था कि नूपुर ने टैलीविजन पर धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने वाली टिप्पणी की है। उन्होंने लोगों की भावनाएं भड़काई हैं और देशभर में जो कुछ भी हो रहा है, उसकी जिम्मेदार नूपुर ही हैं। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया है। कोर्ट ने कहा कि अपने बयान पर माफी भी उन्होंने शर्तों के साथ ही मांगी, वह भी तब, जब लोगों का गुस्सा भड़क चुका था। यह उनकी जिद और घमंड दिखाता है। कोर्ट ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है कि वह एक पार्टी की प्रवक्ता हैं। वह सोचती हैं कि उनके पास सत्ता का समर्थन है और वह कानून के खिलाफ जाकर कुछ भी बोल सकती हैं।

इसके बाद 19 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 10 अगस्त तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने 8 राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया था कि नूपुर शर्मा के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। बुधवार को इस मामले की फिर से सुनवाई हुई तो सर्वोच्च अदालत ने नुपुर को राहत दी है। अदालत ने कहा है कि अब दिल्ली पुलिस ही सभी मामलों की जांच करेगी, वहीं जांच पूरी होने तक नूपुर की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई है। दरअसल, नूपुर ने जान का खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज की गई सभी FIR को क्लब और ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। अदालत ने नूपुर को अपने खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की अनुमति भी दे दी है।

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