कृषि चक्र

…और अब बालसमंद का आंदोलन रंग लाया, चिलचिलाती गर्मी में 64 दिन से शांतिपूर्वक चल रहा था धरना; जानें कब और कैसे मिलेगा मुआवजा

बालसमंद(हिसार). हिसार जिले के किसानों के सितारे दो दिन से बुलंदियों पर हैं। हरियाणा सरकार को बीते दिन जहां खेदड़ पावर प्लांट पर चल रहे आंदोलन के आगे घुटने टेकने पड़े थे, वहीं गुरुवार को बालसमंद के धरने से भी जनता की आवाज की जीत की खबर आई है। फर्क सिर्फ इतना है कि खेदड़ के आंदोलन में हिंसा में एक जान चली गई, मगर बालसमंद के धरने में ऐसा कुछ नहीं हुआ। चिलचिलाती गर्मी में पिछले 64 दिन से इलाके के कई गांवों के किसान बारी-बारी से धरने पर बैठ रहे थे, वह भी शांतिपूर्वक तरीके से। साथ ही खास बात यह भी रही कि धरने पर रोज एक-एक गांव के लोगों की तरफ से लंगर लगाया जाता रहा है।

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मामला मामला खराब हो चुकी फसल के मुआवजे की मांग का है। बता दें कि मुआवजे की मांग को लेकर बीती 12 मई को बालसमंद इलाके के 19 गांवों के किसानों ने बालसमंद तहसील के गेट पर आंदोलन की शुरुआत की थी। 19 मई को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 150 किसानों को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में छोड़ दिया गया था।

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इसी के साथ तहसील कार्यालय के गेट पर किसानों का धरना जारी रहा। 8 जून को धरना कमेटी ने घोषणा की कि अगर मुआवजे की मांग नहीं मानी गई तो सभी विधायकों और एमपी और डिप्टी सीएम के निवास स्थान पर जाकर मांगपत्र सौंपा जाएगा। 16 जून को धरनास्थल पर पक्की गिरफ्तारियां दी जाएंगी। 11 जून को नेताओं के घर पर जाकर मांगपत्र सौंपा गया। कोई समाधान नहीं हुआ, लेकिन आंदोलनकारियों का हौसला कम नहीं हुआ।

16 जून को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पक्की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आखिर आंदोलनकारी पुलिस चौकी की ओर बढ गए। काफी मशक्कत के बाद बैरिकेड्स तोड़कर चौकी के अंदर जाकर भी वही पक्की गिरफ्तारी की बात दोहराई। यहां पुलिस प्रसाशन ने लीपा-पोती करने की कोशिश की, पर आंदोलनकारी नहीं माने और चौकी के अंदर ही टैंट लगाकर शांतिपूर्ण धरना शुरू कर दिया।

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गुरुवार को इस धरने और क्रमिक अनशन का 64वां दिन था। आज डिप्टी स्पीकर रणवीर गंगवा सरकारी प्रतिनिधि के तौर पर धरनास्थल पहुंचे। गंगवा ने वादा किया है कि किसानों के खरीफ 2021 का मुआवजा एक हफ्ते के अंदर उनके खाते में आ जाएगा, खेड़ी चौपटा तहसील की तर्ज पर 6500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाएगा। इसके बाद आंदोलनकारियों में जीत की खुशी है। 65वें दिन बालसमंद धरने पर पूरे हिसार के सभी किसान-मजदूर संगठन, सभी टोल बैरियर्स पर चल रहे धरनों के प्रदर्शनकारी और खापों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके बाद धरने का समापन किया जाएगा।

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