कहीं भंवरी देवी की तरह तो नहीं निपट गई Sonali, मां से हुई ये आखिरी बात उठा रही मौत पर सवाल
हिसार. Sonali Phogat Death: भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेत्री सोनाली फोगाट की मौत को भले ही हार्ट अटैक का नाम दिया जा रहा है, लेकिन इस आशंका से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि कहीं सोनाली हरियाणा की भंवरी देवी (Bhanwari Devi) तो नहीं बन गई। हो सकता है कि यह एक राजनैतिक हत्या हो, क्योंकि एक तो सोनाली के विवाद बहुत थे, दूसरा वह महत्वाकांक्षी भी कुछ ज्यादा ही बड़ी थी। और कोई पहलू तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगा, लेकिन इससे पहले जांच का इतना आधार तो काफी है कि आखिरी बार मां से हुई बात में सोनाली ने खाने में कुछ गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
बता दें कि 11 बरस पहले राजस्थान में भंवरी देवी नामक एक महिला को निपटा दिया गया था। वह पहले बेहद लापरवाह किस्म की नर्स थी। अक्सर ड्यूटी बंक करके शूटिंग में चली जाती थी। विभाग ने सस्पैंड कर दिया तो तत्कालीन नेताओं मलखान सिंह और महिपाल मदेरणा (मंत्री थे) ने उसका सस्पैंशन रद्द करवा दिया। इसके बाद दोनों नेताओं से करीबियां बढ़ी तो ग्लैमर का चस्का छोड़कर राजनीति का खुमार चढ़ने लग गया। चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिली तो वह नेताओं को धमकाने लग गई और आखिर इसी की वजह से उसे बड़ी मोटी प्लानिंग के तहत निपटा दिया गया। इस मामले में एक नहीं, बल्कि पूरे 17 लोगों को आरोपी बनाया गया था। हाल ही में हरियाणा की भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट की मौत का किस्सा कुछ-कुछ इससे मेल खाता है।
ध्यान रहे 2008 से हरियाणा की राजनीति और एक ही दल में सक्रिय सोनाली 2019 में आदमपुर विधानसभा सीट से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के मुकाबले हार गई थी। अब जबकि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते आदमपुर विधानसभा हलके पर माहौल गर्म हो चुका है। कांग्रेस में जलील होने के बाद भाजपा ज्वायन कर चुके कुलदीप बिश्नोई गुरुवार 18 अगस्त को सोनाली के फार्म हाउस पर मिलने पहुंचे थे। एक बार तो सोनाली ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन बाद में सोशल मीडिया पर शे’र-ओ-शायरी के जरिये भड़ास निकालती दिखी। अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘मेरी मेहनत का असर तो देख ए जमाने, जमीं जो खिसकाई उसके पैरों तले से, आसरा मांगने उसे मेरे ही दर पे आना पड़ा’। इसके अगले दिन सोनाली ने मीडिया से बात करते हुए साफ कर दिया था कि आदमपुर पर दावा वह अभी नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने बताया कि वह जिस प्रकार से पिछले दो वर्षों से क्षेत्र में काम कर रही हैं, ठीक उसी प्रकार से आगे भी करती रहेंगी। पहले भी वह वर्ष 2024 के चुनाव को लक्ष्य के रूप में रखी हुई थी, अब भी उनका लक्ष्य वही है।
राजनीति से इतर ससुराल परिवार में भी बहन और जीजा के साथ सोनाली के संबंध अच्छे नहीं थे। इसके अलावा और भी बहुत सारे विवादों से नाता जुड़ा रहा है। न जाने किसने किस तरीके से साम, दाम, दंड और भेद की राजनीति अपनाकर सोनाली की सारी महत्वाकांक्षाओं को एक ही झटके में निपटा दिया हो, ठीक भंवरी देवी की तरह। यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे पहले मायके वालों ने मामले की जांच की मांग कर डाली है।
सोनाली की बहन रूपेश की मानें तो रविवार को वह अपने फार्म हाउस पर बिल्कुल ठीक थी, लेकिन मां से बात करते हुए उसने कहा था कि उसे अपना शरीर ठीक नहीं लगता। जैसे किसी ने कुछ कराया हो। कुछ गड़बड़ लग रही है। सोमवार को शाम को फिर से मां से सोनाली की इसी टॉपिक पर बात हुई। तब भी उसने कहा कि कोई साजिश रची जा रही है। सुबह मैसेज आया कि उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इसी के चलते परिवार को शक है कि उसकी हत्या की गई है। इस मामले की जांच CBI से कराई जानी चाहिए। उधर, आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद ने भी ट्वीट किया है कि सोनाली फोगाट का निधन दुख की बात है, मगर उनके निधन को लेकर जांच होनी चाहिए।