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केंद्र सरकार पर हमलावर हुए कॉन्ग्रेस नेता डॉ. जोगेन्द्र मोर; कहा, गाली बन गया ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश

  • कॉन्ग्रेस के हरियाणा प्रदेश प्रवक्ता बोले-झूठ-प्रपंच के दम पर विफलताओं को छिपाकर देश की राजनीति को मुख्य मुद्दों से भटका रही है भाजपा
  • लम्बे समय तक कर कॉन्ग्रेस ने जरूरत और क्षमता के अनुरूप देश में हर उस संस्था का निर्माण किया, लेकिन भाजपा ने सौंप दिया पंजीवादी हाथों में

रोहतक. यौन उत्पीड़न के मामले में विरोध कर रहे पहलवानों के साथ हुए बर्ताव को लेकर जहां केंद्र की मोदी सरकार की हर तरफ आलोचना हो रही है, वहीं हरियाणा के कॉन्ग्रेस नेता डॉ. जोगेन्द्र मोर ने भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व पर हमला बोला है। कॉन्ग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मोर ने कहा कि भाजपा की तरफ से दिया जा रहा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश अब सकारात्मक संदेश या एक नारा न रहकर गाली बन गया है। इतना ही नहीं भाजपा नेतृत्व हर मोर्चे पर फेल साबित हो रहा है। फिर चाहे बात केंद्र की सत्ता की हो या हरियाणा प्रदेश की। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में कॉन्ग्रेस ने सत्ता में रहते हुए जो विकास कार्य किए थे, उन सभी के समाजवादी स्वरूप को बदलकर पूंजीवादी हाथों में देने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है। यह ठीक नहीं है, क्या ऐसे ही होते हैं अच्छे दिन?

भाजपा, खासकर केंद्र की मोदी सरकार की कड़े शब्दों में आलोचना करते हुए कॉन्ग्रेस के हरियाणा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. जोगेन्द्र मोर ने कहा कि जनता जिसको भी सरकार चलाने के लिए बहुमत देती है, उसकी ज़िम्मेदारी बनती है-विकास की प्रक्रिया को निरन्तर आगे बढ़ाना। कॉन्ग्रेस के रणनीतिकारों ने ‘इस देश की समस्याओं को कैसे सुलझाया जा सके’, इसके लिए चिंतन किया और उनको मुद्दों के रूप में अपने चुनाव प्रचार में लेकर लाई। हर वर्ग की इच्छा होती है कि और अधिक विकास हो। और 2014 के चुनाव में इतने सुन्दर सपने दिखाए गए कि देश की आवाम को लगा, जैसे भाजपा ही इस देश और अधिक विकास दे सकती है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी, लेकिन अच्छे दिन लाने का दावा सिर्फ ख्याली पुलाव साबित हुआ। कालाधन और भी गहरे में दफन हो गया। बेरोजगारी ने युवा को बदतर हालात में पहुंचा दिया। कॉन्ग्रेस के समय में जो राष्ट्रीय संस्थान खड़े किए गए थे, उनका निजीकरण कर दिया गया। सरकार के समाजवादी स्वरूप से बदलकर पूंजीवाद के हाथों में दे दिया गया। महंगाई ने सबका जीना हराम कर दिया। मध्यमवर्गीय तबका गरीबी रेखा की तरफ़ जाने लगा, सुशासन की जगह तानाशाही शासन ने ले ली। किसानविरोधी कानून पास करके उनकी फसल-नस्ल को बर्बाद करके रोटी को पूंजीपतियों की तिजोरी में बंद करने का कृत्य इस सरकार ने किया है। एक साल से अधिक समय तक आंदोलन और हज़ारों किसानों की शहादत के बाद वो कानून वापस लेने पड़े। फिर अग्निवीर के नाम पर सेना के स्वरूप को बर्बाद करने का कार्य किया गया। इनके बहुत से नेता बड़े अपराधों में नामजद हुए और सरकार उन पर कार्रवाई की बजाय, उन्हें बचाने मे लगी रही। कार्रवाई हुई तो आंदोलनों और न्यायालयों के हस्तक्षेप के बाद ही संभव हो सकी। इसके उलट कॉन्ग्रेस की सरकार के समय में लगाए गए भ्रष्टाचार के सारे आरोप बेबुनियाद साबित हुए।

उधर, हालिया मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए डॉ. जोगेन्द्र मोर ने कहा कि आज देश की शान महिला पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाकर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए आंदोलन कर रही हैं। उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को भी कुचल दिया जाता है। पदक विजेता महिला पहलवान देश की बेटियों को सड़क पर घसीटा जाता है। यही वजह है कि भाजपा का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा अब एक गाली से बढ़कर कुछ नहीं लग रहा। तानाशाही चरम पर है। सरकार हर मोर्चे पर विफल हो चुकी है। इतना ही नहीं, अपनी घोर विफलता को छिपाने के लिए भाजपा के रणनीतिकारों की टीम इस काम में जुटी हुई कि कैसे इस देश के आवाम को मुख्य मुद्दों से भटकाया जाए। यहीं से ही इस देश की लोकतांत्रिक मर्यादाओं और सार्थक राजनैतिक चिंतन के पतन की शुरुआत होती है। सत्ता में बने रहने के लिए धर्म का सहारा लिया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर जातीय विद्वेष फैलाया जा रहा है। राष्ट्रवाद की नई परिभाषाएं गढ़ी जा रही हैं। जो भी सरकार की विफलताओं पर बोलता है, पूरा तंत्र उसे राष्ट्रविरोधी बताने में जुट जाता है। मार्गों और नगरों के नाम बदले जा रहे हैं। नए-नए प्रतिमान ढूंढे और गढ़े जा रहे हैं, जिनसे इस देश के आवाम को गुमराह किया जा सके।

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