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Tragedy Of Life: क्यों इस लड़की को कोई बिस्तर पर चाहता है तो कोई देखते ही भाग जाता है दूर

मुंबई. अक्सर आपने सुना होगा कि सूरत में क्या रखा है, आदमी की सीरत अच्छी होनी चाहिए। ये शब्द Entertainment इंडस्ट्री में पैर जमाने की कोशिश कर रही एक लड़की के लिए एकदम बेमानी हैं। कोई इसे अपने बिस्तर पर देखना चाहता है तो कोई शक्ल देखते ही दूर भाग जाता है। इसी परेशानी में पहले Air Hostess की नौकरी छोड़नी पड़ी, फिर Boyfriend ने इसे छोड़ दिया। अब Entertainment इंडस्ट्री में भी काम नहीं मिलता। इससे भी बड़ी बात तो यह भी रही कि इसे पागलखाने तक में रहना पड़ा। कौन है यह लड़की और क्या है इसकी जिंदगी की परेशानी, आइए इसी की जुबानी जानते हैं…

नॉर्थ ईस्ट के खूबसूरत राज्य मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग की रहने वाली शैरॉन लामारी बताती हैं कि वह आसमान में उड़ना चाहती थी। मेहनत से AIR एयर होस्टेज बन गई, लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था। बकौल शेरॉन, बारहवीं के बाद मैंने गुवाहाटी के एक टॉप इंस्टीट्यूट से Air Hostess का कोर्स किया था। कोर्स के दौरान एक एयरलाइंस में नौकरी के इंटरव्यू के लिए मुंबई लेकर आए। रात में इंस्टीट्यूट के एमडी ने मुझे जुहू अपने होटल के कमरे में बुलाया, मैं नहीं गई। गुवाहाटी जाने के बाद वहां एमडी के साथ काम करने वाली एक महिला कर्मचारी कहने लगी कि मुझे (शेरॉन को) एमडी के कमरे में चले जाना चाहिए था। मैंने कहा कि मुझे कमरों में जाकर नौकरियां नहीं चाहिए, मैं खुद कर लूंगी।

Tragedy Of Life: क्यों इस लड़की को कोई बिस्तर पर चाहता है तो कोई देखते ही भाग जाता है दूर

मैं पहले सहारा एयरलाइंस रही और बाद में कतर एयरलाइंस में। पांच साल के बाद यह लाइन छोड़नी पड़ी। इस पर बात करते हुए शेरॉन ने बताया कि वह सहारा एयरलाइंस में काम करते वक्त गुवाहाटी में रैस्टॉरैंट चला रहे एक पंजाबी लड़के के साथ रिलेशन में भी रही। जब कभी छुट्टी मिलती तो उसके पास गुवाहाटी चली जाती। पैरेंट्स और भाई-बहन भी वहीं मेरे पास जा जाते थे, जिसके चलते वो लड़का भाई का भी अच्छा दोस्त बन गया था। खाली वक्त में मेरे काम करने की वजह से घाटे में चल रहा रैस्टॉरैंट प्रॉफिट में आ गया था। फिर धीरे-धीरे Boyfriend किनारा करने लग गया। शादी की बात से वह टलता था। एक दिन दोनों कहीं जा रहे थे तो उसने शराब पीकर तेज रफ्तार से गाड़ी चलाई और जान-बूझकर ऐसे भिड़ा दी, जिसमें शेरॉन का सिर फट गया। शरीर के दूसरे हिस्सों में भी गहरी चोटें आई। टांग में रॉड डलने की वजह से शेरॉन एयरलाइंस में काम करने लायक नहीं रही। उसी दौरान हाइपर होने की वजह से Boyfriend के कहने पर परिवार ने पागलखाने में भर्ती करवा दिया। 21 दिन बाद वहां से बाहर निकल सकी। इंसोमेनिया की शिकायत के चलते भूख लगने की दवाएं, सोने के नींद की दवाएं ही नहीं, और भी कई तरह की दवाइयां खानी पड़ती थी। वो सब छोड़ने का फैसला करके योग साधना शुरू की।

बकौल शेरॉन, उस हालत से निकलने के बाद मैं गुवाहाटी के एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स में ट्रेनिंग देने लग गई, लेकिन रात में मुंबई के इतने सपने आते थे कि मुझे लगा कि मुझे मुंबई चले जाना चाहिए। एयरलाइंस सैक्टर की वजह से पहले से मेरे दोस्त मुंबई में रहते थे, सो बिना फिक्र किए मैं यहां चली आई। एक कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझसे नाप-तोल में विज्ञापन का काम देने का कहा। एक विज्ञापन के 15 हजार रुपए मिलने थे। महीने में कुल तीन विज्ञापन शूट होने थे। मुझे लगा कि मुंबई में मेरा गुजारा हो जाएगा। जब मुंबई आई तो महीने में सिर्फ एक ही विज्ञापन शूट करने के लिए मिला।

कई किस्से हैं बड़े ऊट-पटांग से

  • शेरॉन के मुताबिक एक बार मुंबई का एक नामी वकील कहने लगा, ‘मैंने नॉर्थ ईस्ट की लड़कियों की जिंदगी बना दी है, तुम्हारी भी बना दूंगा। तुम्हें चाहिए ही क्या अच्छा पैसा और अच्छा सैक्स?’ यानी हम नॉर्थ ईस्ट की हैं तो हम सिर्फ सैक्स करने के लिए ही पैदा हुई हैं।
  • फिर जब एक बार शेरॉन को पासपोर्ट रिन्यू करवाना था तो पुलिस वाला एकदम Call Girl की तरह बात करने लगा। शेरॉन ने उसे जवाब दिया-अरे भाई मैं पढ़ी-लिखी और आत्मनिर्भर हूं। एयर होस्टेस रही हूं। कोई तवायफ नहीं।
  • कास्टिंग डायरेक्टर का कहना था कि मेरे लुक्स ऐसे हैं कि सभी राज्यों और इलाके के लोगों को ठीक नहीं लगेगा। मैं काफी मायूस हुई।
  • इसके अलावा 2006 का एक किस्सा शेयर करते हुए शेरॉन ने बताया कि सहारा एयर होस्टैस के तौर पर काम करते वक्त दिल्ली से मुंबई जा रहे मौजूदा सांसद रवि किशन ने पूरे क्रू के बीच पूछा कि आप चाइनीज हो। सोचने वाली बात है कि जब रवि किशन जैसे लोग ऐसे बेइज्जती करेंगे तो फिर आम आदमी का क्या? कोरोना संक्रमण की दोनों लहरों में मुंबई में लोग चाइना-चाइना कहकर दूर भागने लग गए।

Tragedy Of Life: क्यों इस लड़की को कोई बिस्तर पर चाहता है तो कोई देखते ही भाग जाता है दूर

खुला कल्चर है सारे फसाद की जड़

बकौल शेरॉन, यही सब बातें मुझे सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि मैं कहीं भी चली जांऊ, अलग दिखाई देती हूं। टीवी-फिल्म में मुझे काम इसलिए नहीं मिल रहा है कि मेरी शक्ल की किसी की बेटी या बहू नहीं हो सकती। मुझे यहां सब चाइनीज बोलते हैं। मेरे हाथों से बहुत से विज्ञापन निकल गए। ऑडिशन में  सलैक्शन भी होता है, लेकिन बाद में कहा जाता है कि अर्द्धनग्न (Semi Nude) कर लोगे। कई जगह तो मैंने मुंह पर बोल दिया कि नॉर्थ ईस्ट की हूं तो क्या नंगी हो जाऊं? मेरे लुक्स ने प्यार से लेकर कॅरिअर तक में मुझे आगे नहीं बढ़ने दिया। असल में नॉर्थ ईस्ट का समाज महिला प्रधान है। हमारे यहां औरतें वो सारे काम करती हैं, जो मर्द करते हैं। वाइन पीना, पार्टी में नाचना या देर रात घर आना, मेकअप करना, फैशनेबल कपड़े पहनना हमारे समाज का हिस्सा हैं। यही सारी परेशानी की जड़ है। किसी से अच्छे से बात कर लो तो उसे लगता है कि यह मेरे साथ सोएगी ही, किसी के साथ पार्टी में डांस कर लो तो उसे लगता है कि हम प्रॉस्टिट्यूट हैं, वाइन पी लो तो उसे लगता है कि हम आसानी से उनके लिए अवेलेबल हैं, लेकिन मेरे अंदर बहुत हिम्मत है। मैंने तय किया कि मैं मुंबई से जाऊंगी तो नहीं।

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