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खर्राटों की वजह से आ सकती है तलाक तक की नौबत, जानें क्या है इसकी वजह और उपाय

हैल्थ डैस्क. आए दिन की भागदौड़ भरी जीवनशैली और बदलते खानपान की वजह से आजकल खर्राटे आना आम सी बात हो गई है। हालांकि कुछ लोग इसे कतई बर्दाश्त नहीं कर पाते और कई बार तो नौबत पति-पत्नी के संबंध विच्छेद (Divorce) की भी आ जाती है। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों उत्तर प्रदेश से सामने आया था, जिसमें महिला ने पति की थ्रोटल प्रॉब्लम की वजह से उससे तलाक लेना चाहा था। काउंसलर के बहुत समझाने के बाद भी पत्नी को यह लग रहा था कि उसके साथ धोखा हुआ है। शादी के पहले यह बात उसे बतानी चाहिए थी। खैर इस मामले का तो निचोड़ पता नहीं क्या निकला, लेकिन आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि कहीं आप भी सोते वक्त खर्र-खर्र की आवाज तो नहीं करते। अगर हां तो आइए सबसे पहले इसकी वजह और फिर इसके इलाज पर बात करते हैं…

ये है समस्या की जड़

गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस अस्पताल के इंटरनल मैडिसन स्पैशलिस्ट डॉ. पी वैंकट कृष्णन के मुताबिक हालांकि खर्राटे आना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन वक्त रहते उपाय नहीं करने पर यह दूसरी कई तरह की बीमारियों को बुलावा दे सकता है। एक सवाल के जवाब में डॉ. वैंकट ने बताया कि बहुत से लोगों के सोते वक्त आरामदेह स्थिति नहीं होने की वजह से हवा को अंदर-बाहर होने के लिए जोर लगाना पड़ता है और नाक के रास्ते, टॉन्सिल और मुंह के ऊपरी हिस्से में मौजूद मुलायम उत्तकों में कंपन पैदा होता है। इसी की वजह से खर्र-खर्र की आवाज आती है। बड़ी गजब स्थिति होती है कि आदमी शरीर से तो सो जाता है, लेकिन ऑक्सीजन सही तरह से नहीं मिल पाने की वजह से दिमाग जाग रहा होता है। दूसरे दिन उसे हैंगओवर होता है। एनर्जी लैवल कम हो जाता है। ऑफिस में वो सोता रहता है। ऐसे लोग ड्राइव करते वक्त एक्सीडैंट तक भी कर सकते हैं। इसके दूसरी तरफ बगल में सोने वाले व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ता है। जैसा कि उत्तर प्रदेश की उस महिला के साथ हुआ, जो पति के खर्राटों से तंग आकर तलाक तक लेने पहुंच गई। नींद डिस्टर्ब होने से ब्लड में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है, जो चिड़चिड़ेपन को जन्म देता है।

…तो फिर क्या करें कि आपकी वजह से दूसरे परेशान न हों?

अब सवाल पैदा होता है कि आखिर क्या करें? इस सवाल के जवाब में डॉ. वैंकट कृष्णन की राय है कि आपको बिना किसी देरी के आंख, नाक और गला विशेषज्ञ (ENT Specialist) को दिखाकर ट्रीटमैंट करवाना चाहिए। इसके साथ ही कुछ आसान उपाय भी हैं। इनमें सिगरेट और अल्कोहल से दूरी बनाकर रखना, वजन को कंट्रोल रखना, दांतों का नकली सैट को निकालकर सोना, बाईं करवट लेकर सोना आदि। ऐसा करने से मांसपेशियां नैचुरल पोजिशन में रहती हैं और सांस की नली में प्रॉब्लम के चांस न के बराबर होते हैं। ऐसी समस्या से परेशान व्यक्ति अपने दोनों नुथुनों में देसी गाय के घी की दो-दो बूंद नियमित रूप से टपकाएं, इससे सांस एकदम हल्की आएगी। वहीं जब पति-पत्नी साथ सोते हैं तो एंड्रोफिन हार्मोन बढ़ता है। इसके रिलीज होने की वजह से तनाव और दर्द कम होता है। मूड अच्छा रहता है।

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