हरिभूमि

24 लाख की लूट से उठ गया पर्दा; कैश कलैक्शन कंपनी का कर्मचारी ही निकला मास्टरमाइंड, अफसोस-साढ़े 15 लाख ही हुए रिकवर

गुरुग्राम. हरियाणा के गुरुग्राम में बीते दिनों हुई 24 लाख रुपए की लूट की वारदात को पुलिस ने बहुत हद तक हल कर लिया है। पता चला है कि इस पैसे को हजम करने के लिए कैश कलैक्शन कंपनी के कर्मचारी ने ही साजिश रची थी। अब पुलिस ने इस वारदात के लिए जिम्मेदार 4 युवकों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अफसोस कि अभी तक कथित लूट की 24 लाख में से सिर्फ साढ़े 15 लाख रुपए की रकम ही बरामद की जा सकी है। पुलिस का दावा है कि आगे की कार्रवाई का क्रम जारी है।

बता दें कि बीती 26 दिसंबर को गुरुग्राम में बाइक सवार दो बदमाशों ने कलैक्शन एजैंट को लूट लिया था। कंपनी के कर्मचारी राजीव रंजन ने सैक्टर-29 थाने में शिकायत दी थी कि वह एक अन्य कर्मचारी अंकुर के साथ कैश कलैक्शन करने के लिए गांव चकरपुर में पहुंचे थे। श्री बालाजी स्टोर से लगभग 24 लाख रुपए बैग में डालकर चले थे। कुछ ही दूरी पर गांव चकरपुर में बाइक सवार दो बदमाश सिर पर पत्थर मारकर पैसों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए। मामला दर्ज करने के बाद जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की डीएलएफ फेज-4 की टीम ने इस लूट की गुत्थी सुलझा ली। पुलिस के मुताबिक कंपनी का कर्मचारी अंकुर ही मामले का मास्टर माइंड निकला। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गांव भीमा छपरा के रहने वाले अंकुर को पकड़ने के बाद पूछताछ की तो इसके आधार पर इसमें शामिल उसके सगे भाई उज्ज्वल समेत 4 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। बाकी तीन की पहचान बिहार के सहरसा जिले में गांव सोहा के चंद्रभानु प्रताप, उत्तर प्रदेश के एटा जिले में गांव कसौलिया के विनीत कुमार और गुरुग्राम में गांव सिरहौल के रहने वाले प्रवीण कुमार उर्फ पम्मी के रूप में हुई है।

सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रीतपाल ने बताया कि पुलिस को अंकुर पर शक हुआ। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसने ही अपने सगे भाई उज्ज्वल को कैश लेकर चकरपुर के नजदीक से गुजरने की बात बताई थी। इसके बाद दोनों भाइयों ने चंद्रभानु, विनित और प्रवीण के साथ मिलकर लूट की साजिश रची। चंद्रभानु और विनित ने वारदात को अंजाम दिया। जिस बाइक से वारदात को अंजाम दिया गया, वह प्रवीण की है। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी ने पैसे बांट लिए थे।

वारदात को अंजाम देने के बाद चंद्रभानु बिहार चला गया था। उसे 30 दिसंबर को खगरिया रेलवे स्टेशन से, विनित को उसके गांव कसौलिया से गिरफ्तार किया, जबकि अंकुर, उज्ज्वल और प्रवीण को शनिवार को गांव सिरहौल से गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से बाइक और 15 लाख 53 हजार रुपए बरामद कर लिए गए हैं। पांच लाख तीन हजार रुपए अकेले चंद्रभानु के कब्जे से बरामद किए गए हैं। रिमांड के दौरान बाकी पैसों की बरामदगी की जाएगी। साजिश के पीछे की वजह के बारे में पता चला है कि उज्ज्वल की पत्नी के बीमार होने के चलते उसे पैसों की जरूरत थी। चंद्रभानु की भी मां बीमार चल रही है। इसमें कितनी सच्चाई यह भी पूछताछ के दौरान पता किया जाएगा।

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