Uncategorized

रिटायरमैंट के 39 साल बाद Papa बना ये शख्स, जानें क्यों और किसी के साथ नहीं हो सकता ऐसा करिश्मा

अलवर (राजस्थान). राजस्थान के अलवर में एक शख्स को रिटायरमैंट के पूरे 39 साल बाद पिता बनने की खुशी नसीब हुई है। 75 साल की उम्र में यह खुशी देने वाली इनकी पत्नी की उम्र भी कुछ कम नहीं, बल्कि पूरी 70 साल है। इस उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि अपने आप में बहुत बड़ी है। अब रिटायर्ड फौजी और इनका परिवार फूला नहीं समा रहा। दूसरी ओर इस मामले में दो और रोचक पहलू हैं। एक तो दावा किया जा रहा है कि इस तरह का यह राजस्थान का पहला मामला है और दूसरा ये कि इतनी उम्र में ऐसा करिश्मा अब और किसी के साथ नहीं हो सकता। ऐसा क्यों है, इस पर बात करने से पहले आइए रिटायर्ड फौजी के अरमान पूरे होने की कहानी को थोड़ा विस्तार से समझते हैं…

मिली जानकारी के अनुसार झुंझुनूं के नुहनिया गांव के रहने वाले गोपीचंद सेना से रिटायर्ड हैं। 75 साल के गोपीचंद ने बताया कि वह अपने पिता नैनू सिंह के इकलौते बेटे हैं। 1968 से घर-आंगन में एक संतान का इंतजार था। साल 1983 में सेना से रिटायर हो गया। तब से पत्नी की देश भर के डॉक्टरों से जांच करा चुका था, लेकिन संतान नहीं मिली। इस तरह शादी के तकरीबन 54 साल गुजर गए। पिछले साल रिश्तेदारों के जरिये इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के बारे में पता लगा तो उसके बाद अलवर के IVF सेंटर में डॉक्टर पंकज गुप्ता से मिलकर सारा केस डिस्कस किया। करीब 9 महीने पहले उनकी पत्नी चंद्रवती के साथ यह प्रक्रिया शुरू हुई और अब सोमवार 8 अगस्त को उन्हें पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई है। अलवर के 60 फीट रोड पर RR हॉस्पिटल में 70 साल की चंद्रवती ने पुत्र को जन्म दिया है। बच्चे का वजन करीब पौने 3 किलो है। बेटा इतना सुंदर है कि डॉक्टर बार-बार गोद में लेकर खिलाने लगते हैं। अब न सिर्फ दंपति, बल्कि तमाम सगे-संबंधी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। गोपीचंद का कहना है, अब वह भी दुनिया में सबके बराबर हो गए। घर में संतान आ गई तो उनकी कुनबा भी आगे बढ़ सकेगा। चंद्रवती की आंखों से तो बार-बार खुशी के आंसू निकल आते हैं।

रिटायरमैंट के 39 साल बाद Papa बना ये शख्स, जानें क्यों और किसी के साथ नहीं हो सकता ऐसा करिश्मा

यह है IVF तकनीक

बता दें कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) को पहले टैस्ट ट्यूब बेबी तकनीक के नाम से जाना जाता था। 25 जुलाई 1978 को पहला टैस्ट ट्यूब बेबी इंग्लैंड में पैदा हुआ था। इस ट्रीटमेंट में महिला के अंडाणुओं और पुरुष के शुक्राणुओं को मिलाया जाता है। जब भ्रूण बन जाता है तो उसे महिला के गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया काफी जटिल और महंगी है, लेकिन बरसों से गर्भाधान में कामयाब नहीं हो पा रहे लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। इनमें ओवेरियन स्टिमुलेशन, महिला की ओवरी से एग निकालना, पुरुष से स्पर्म लेना, फर्टिलाइजेशन और महिला के गर्भ में भ्रूण को रखना शामिल हैं। IVF के एक साइकल में दो से तीन सप्ताह लग सकते हैं। चंद्रवती के साथ भी यह प्रक्रिया करीब 9 महीने पहले शुरू की गई थी।

रिटायरमैंट के 39 साल बाद Papa बना ये शख्स, जानें क्यों और किसी के साथ नहीं हो सकता ऐसा करिश्मा

अब इसलिए इतिहास हो जाएगा गोपीचंद दंपति का मामला

गोपीचंद और चंद्रवती की संतानप्राप्ति अपने आप में एक ऐतिहासिक पहलू बन गया है। इस मामले में खास बात यह है कि RR हॉस्पिटल की इस तरह की यह पहली डिलीवरी थी। वहीं इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक से संतान पैदा कराने वाले डॉक्टर पंकज गुप्ता का कहना है कि देशभर में इस उम्र में बच्चे पैदा होने के गिने-चुने ही केस हैं। राजस्थान का शायद यह पहला केस है, जब 75 साल के पुरुष और 70 साल की महिला को संतान प्राप्ति हुई है। इनकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी होने के बाद अब टैस्ट ट्यूब बेबी को लेकर देश की सरकार ने ART (असिस्टेड रीप्रोडेक्टिव टेक्नीक) कानून बना दिया है। जून 2022 से यह कानून लागू भी हो चुका है, जिसके चलते आगे 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को टैस्ट ट्यूब बेबी पैदा नहीं कराया जा सकता।

Show More

Related Articles

Back to top button
Hacklinkholiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
marsbahis
tarafbet
marsbahis giriş
tarafbet giriş
extrabet
extrabet giriş
didim escort
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
https://www.oceancityboardwalkhotels.com/
https://guvenilir-secilmis-liste.com/
adana escort
Betpas
Vaycasino Güncel Giriş
Vaycasino
Tarafbet güncel giriş
Tarafbet
Marsbahis
Marsbahis güncel giriş