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कहीं सच में ISI का मोहरा बन मानव बम तो तैयार नहीं कर रहा था अमृतपाल, क्या बीवी पर सख्ती हुई तो टूटी ‘रीढ़’; पढ़ें ऐसे ही कई बड़े खुलासे और सरैंडर की बड़ी वजहें

नई दिल्ली/चंडीगढ़. 37 दिन की फजीहत के बाद पुलिस के शिकंजे में आए खालिस्तानी अमृतपाल को लेकर सुरक्षा एजैंसियों ने बड़े खुलासे किए हैं। अगर इन खुलासों पर गौर करें तो अमृतपाल पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी ISI के मोहरे के रूप में भारत में मानवबम तैयार कर रहा था। उसके तन पर दिखाई दे रहा धार्मिक लबादा तो सिर्फ भारतविरोधी मिशन का एक हिस्सा मात्र था। जहां तक गिरफ्तारी की बात है। रविवार को सामने आए तीन वीडियो पुलिस के गिरफ्तारी संबंधी दावे की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। ये सरैंडर की बात को बल दे रहे हैं, वहीं बावजूद इसके कुछ बड़ी वजहें अच्छी-खासी चर्चा में हैं, जिनके चलते वह सरैंडर करने के लिए मजबूर हो गया। इतना ही नहीं, इनमें सबसे बड़ी वजह उसकी बीवी पर बढ़ती सख्ती को माना जा रहा है। तो आइए शब्द चक्र न्यूज के साथ देश की सुरक्षा के लिए खतरा माने जा रहे अमृतपाल को लेकर हो रहे खतरनाक खुलासों और सरैंडर के पीछे की बड़ी वजहों को समझते हैं…

अभी तक की जांच में सामने आ चुकी बातें

  1. सुरक्षा एजैंसियों के सूत्रों के मुताबिक अमृतपाल भारत में युवाओं को देशविरोधी गतिविधियों में शामिल करने के ISI के मिशन का हिस्सा है। दुबई में आंखों के इलाज के दौरान अमृतपाल की ISI एजेंटों से मुलाकात हुई थी, जिनमें पाकिस्तान में रह रहे कुछ खालिस्तान समर्थक भी थे। खालिस्तान समर्थक ISI एजैंटों ने अमृतपाल को एक बड़े फायदे के रूप में देखा। जहां तक वजह की बात है, यही पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी ISI पहले पाकिस्तान में बैठे घोषित आंतकी रिंदा और अर्शदीप सिंह डल्ला को इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन वो दोनों लोगों तक सीधी पहुंच दे पाने में नाकाम रहे। इसी के चलते अमृतपाल को तैयार किया गया। जॉर्जिया में आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग देकर अगस्त 2022 में दुबई के रास्ते इसे भारत भेज दिया। यही वो वक्त था, जब जींस पैंट और टी शर्ट पहनने वाला अमृतपाल धार्मिक पहनावा पहनने लग गया। दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की कमान संभालकर अपने कार्यक्रमों में भड़काऊ भाषण देने लगा और देखते-देखते उसके समर्थकों की संख्या बढ़ने लग गई।
  2. नशामुक्ति की आड़ में अमृतपाल ने पंजाब के युवाओं को मानवबम बनाना शुरू कर दिया। नशा छुड़ाने के अभियान, धर्मप्रचार और अमृतपान के नाम पर युवाओं को इकट्ठा करके नशा छुड़ाओ केंद्रों में उनका ब्रेन वॉश करता था। इन्हीं के सहारे आनंदपुर खालसा फौज (AKF) और आनंदपुर टाइगर फोर्स (ATF) खड़ी करनी शुरू कर दी। इसके गांव जल्लूपुर खेड़ा के गुरुद्वारे में चल रहे नशा छुड़ाओ केंद्र में 36 युवाओं को भर्ती किया गया था। अमृतपाल की ‘खालसा वहीर (एक प्रकार का धार्मिक जुलूस)’ के सदस्य युवाओं की काउंसलिंग करते थे। नशा न मिलने के कारण शारीरिक समस्या या दर्द आदि की मुश्किल आती तो अमृतपाल के युवा साथी नशेड़ियों की मालिश करते। उन्हें ड्राई फ्रूट और दूध आदि देते। जिन युवाओं की तबीयत ज्यादा खराब होती, उनका डॉक्टर बुलाकर फ्री में चैकअप कराकर पेन किलर और ताकत की दवाएं दी जाती थीं। एक युवक को चार-पांच दिन तक गहन निगरानी में रखा जाता था। उन्हें अमृतपान करवाकर भविष्य में नशा न करने की सख्त हिदायतें भी दी जाती थी। इन सबकी आड़ में भावनात्मक प्रभाव डालकर युवाओं को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा था कि जरूरत पड़ने पर वह जान देने को भी तैयार हो जाएं। पुलिस और देश की आर्मी की तरह AKF में शामिल होने वाले युवाओं को बैल्ट नंबर और वेतन तक भी दिए जाने की बात अभी तक की जांच में सामने आ चुकी है।
  3. सुरक्षा एजंसियों की तरफ से बीते दिनों एक खुलासा यह भी किया जा चुका है कि पहले यूनाइटेड किंगडम में बैठकर तो अब शादी करके यहां रहकर अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ही अमृतपाल के लिए फंड जुटाती थी। पता चला है कि कट्टरपंथी अमृतपाल को 158 विदेशी अकाउंट से फंडिंग की जा रही थी। इनमें से 28 खातों से पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम भेजी गई थी। इन खातों का संबंध पंजाब के माझा और मालवा से है।

…तो क्या इसलिए टूट गया खालिस्तानी का मनोबल?

  1. धर्म ग्रंथ की आड़ लेकर 23 फरवरी को अजनाला थाने पर हजारों की भीड़ के साथ हमला करने के आरोपी अमृतपाल को गिरफ्तार करने के लिए पंजाब पुलिस ने 18 मार्च को जालंधर-मोगा के बीच मलसियां में नाकाबंदी कर ली। यहां दिनभर अमृतपाल की गिरफ्तारी की बातें खबरों आदि में चलती रही, लेकिन देर रात पुलिस ने इसके भाग जाने की बात कह डाली। इसके बाद से इसके गांव जल्लूपुर खेड़ा में पुलिस पूरी चौकसी बरत रही थी। सादे कपड़ों में अमृतपाल के परिवार और उसके करीबियों पर पैनी नजर रख रही थी। माना जा रहा है कि इसी दबाव में आकर आत्मसर्मण जैसा कदम उठाया है।
  2. अमृतपाल ने फरारी के 12वें दिन सोशल मीडिया पर काली पगड़ी पहन और शॉल ओढ़कर एक वीडियो के जरिये सरकार और पुलिस को चुनौती दी थी, ‘मेरा कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता’। उसने अकाल तख्त के जत्थेदार से बैसाखी पर सरबत खालसा बुलाने की अपील की और कहा कि इसमें देश-विदेश की सिख संगत बढ़-चढ़कर हिस्सा ले। दमदमा साहिब के तख्त पर हर साल की तरह बैसाखी मेला तो लगा लेकिन अमृतपाल की अपील का कोई असर नहीं हुआ। यहां भी इसके सरैंडर की संभावना जताई गई।
  3. बताया जा रहा है कि ‘पंजाब शील्ड’ नामक एक वैबसाइट चला रहे अमृतसर के कथित पत्रकार पपलप्रीत को 2015 में पुलिस ने ISI के साथ संपर्क मिलने के चलते गिरफ्तार किया था। अब फिर से ISI से पंजाब में खालिस्तान का हौवा खड़ा करने के निर्देश ले रहा पपलप्रीत 18 मार्च को अमृतपाल के साथ ही फरार हुआ। भागने से लेकर रहने और खाने-पीने का जुगाड़ करने वाले पपलप्रीत को जब बीते दिनों पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया तो सबसे भरोसेमंद सहयोगी और संरक्षक माने जाते इस साथी की गैरमौजूदगी में अमृतपाल अकेला पड़ गया। यही भी अमृतपाल के सरैंडर के फैसले की एक वजह हो सकती है।
  4. ध्यान रहे, अभी 4 दिन पहले बुधवार को ही अमृतपाल के लिए और विदेश से चल रहे बब्बर खालसा इंटरनैशनल (BKI) के लिए फंड जुटाने की आरोपी अमृतपाल की नई-नवेली दुल्हन किरणदीप कौर को सुरक्षा एजैंसियों ने अमृतसर के राजा सांसी एयरपोर्ट से उस वक्त हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी, जब वह लंदन भागने की फिराक में थी। अमृतपाल की फरारी के बीच किरणदीप के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया जा चुुका था। उसकी फ्लाइट रद्द करवाकर पूछताछ के बाद उसे जल्लूपुर खेड़ा स्थित घर पर छोड़ दिया गया। एजेंसियों ने किरणदीप कौर के कुछ दस्तावेज भी अपने कब्जे में ले रखे हैं, वहीं कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उस पर  का भी आरोप है। हो सकता है कि इस वजह भी अमृतपाल टूट गया हो।
  5. इसके अलावा शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैंगलुरु में कहा कि पंजाब में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। अमृतपाल की गिरफ्तारी किसी भी वक्त की जा सकती है। कोई भी भारत की एकता पर हमला नहीं कर सकता। उन्होंने पंजाब सरकार की भी तारीफ की और कहा था कि पहले वह (अमृतपाल) खुलेआम घूमता था, लेकिन अब अपनी गतिविधियों को जारी नहीं रख सकता। इस बयान को अमृतपाल को चारों तरफ से घेरने वाला माना जा रहा है और इस बात से इनकार नहीं किय ाजा सकता कि वाकयी अमृतपाल खुद को घिरा देखकर घबरा गया हो।

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