Mulayam Singh Yadav: राजनीति के पहलवान मुलायम सिंह की जिंदगी का सफर खत्म
गुरुग्राम. गुरुग्राम से सोमवार को बड़ी खबर आई है। यहां मेदांता अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सांसारिक सफर खत्म हो गया। मुलायम सिंह यादव उर्फ नेता जी को यूरिन इनफैक्शन, ब्लड प्रैशर और सांस लेने में तकलीफ थी। 82 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव ने सोमवार सुबह मेदांता के CCU में अंतिम सांस ली। मुलायम सिंह यादव की शख्सयित पार्टी की सीमाओं से पार हर दल और विचारधारा के लोगों को आकर्षित करती थी, जिसके चलते हर तरफ शोक की लहर है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता मुलायम सिंह ने सैफई से सत्ता के शिखर तक का सफर बड़े ही संघर्षों के साथ तय किया था। हर कोई जानता है कि पहले वह पहलवानी करते थे। इसके बाद राजनीति में कदम रखा तो 1967 में पहली बार विधायक बने थे। मुलायम सिंह यादव 8 बार विधायक, 7 बार सांसद और तीन बार मुख्यमंत्री रहे। दो बार केंद्र में मंत्री भी बने। देश के रक्षा मंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने सीमा पर जाकर सेना का दिल जीत लिया था। इसी की वजह से उन्हें नेता जी के नाम से संबोधित किया जाने लग गया था।
बीती 2 अक्टूबर को 82 साल के मुलायम सिंह यादव उर्फ नेता जी को यूरिन इनफैक्शन, ब्लड प्रैशर और सांस लेने में परेशानी की वजह से गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्प्ताल में भर्ती कराया गया था। वहां तब से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। नौ दिन तक ICU और क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में मौत के साथ कुश्ती लड़ने के बाद सोमवार सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांस ली।
मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे – श्री अखिलेश यादव
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 10, 2022
समाजवादी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडलर पर मुलायम सिंह यादव के पुत्र और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नेताजी के निधन की पुष्टि की। ट्वीट में लिखा है- ‘मेरे आदरणीय पिताजी नहीं रहे-अखिलेश यादव।’
देशभर में थी चिंता
उधर, पिछले कई दिनों से मुलायम सिंह की सेहत को लेकर देशभर में चिंता जताई जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित देश की तमाम राजनीतिक हस्तियां लगातार उनकी सेहत का हाल जान रही थी। अब निधन के बाद देशभर में उनके समर्थकों और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर राजनैतिक विचारधाराओं से जुड़कर काम करने वाले विभिन्न राजनैतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। मेदांता अस्पताल पर उनके समर्थकों, परिवार के नजदीकी लोगों और राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटने लगी है। बड़ी संख्या में आ रहे लोगों को देखते हुए अस्पताल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।