यमुनानगर. हरियाणा पुलिस की यमुनानगर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने गुम हुई दो महिलाओं को उनके परिवार से मिलवाया है। इनमें से एक राजस्थान की है तो दूसरी बिहार की। बिहार की महिला न सिर्फ 3 बच्चों की मां है, बल्कि इस वक्त चौथा उसके पेट में पल रहा है। वह अप्रैल में अम्बाला में रेलवे स्टेशन से रैस्क्यू की गई थी। तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों के परिवार इन्हें यहां से लेकर चले गए हैं।
बता दें कि हरियाणा के सभी जिलों में स्थापित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स बिछड़े लोगों को मिलाने का काम कर रही हैं। कई ऐसे संवेदनशील केस भी आ जाते हैं, जहां टीम को ऐहतियात बरतने के साथ-साथ उसके अपनों से संबंधित जानकारी जुटाने के लिए लगातार कॉउन्सलिंग करते रहना होता है। हाल ही में स्टेट क्राइम ब्रांच के अंतर्गत काम कर रही यमुनानगर जिले की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने मानवता की मिसाल पेश की है।
इस बारे में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अप्रैल में मानसिक बीमार प्रतीत हो रही एक महिला को सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस ने मैडिकल चैकअप करवाकर एक निजी आश्रम में शिफ्ट करवा दिया था। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इंचार्ज एएसआई जगजीत सिंह ने कॉउन्सलिंग की तो पता चला कि यह महिला बार-बार अपने तीन बच्चों को याद करके रो रही थी। मैडिकल चैकअप में इसके 5 माह की गर्भवती होने का पता चला, जिसके चलते और ज्यादा गंभीरता से इस मामले को हल किया गया। महिला ने बताया कि उसके दो बेटे और एक बेटी हैं। उसे अपने बच्चों के नाम के अलावा और कुछ याद नहीं था।
एएसआई जगजीत सिंह ने 15 दिन बाद दोबारा कॉउन्सलिंग का फैसला किया तो महिला ने अपना नाम बताया और कहा कि वह अम्बाला रेलवे स्टेशन पर अपने परिवार से बिछड़ गई थी। उसका पति मलखा बठिंडा के माल गोदाम में पल्लेदारी करता है। उसके और बच्चों के साथ वह ट्रेन में सफर कर रही थी। स्थायी पता और कोई फोन नंबर उपलब्ध नहीं होने के कारण परिवार कों ढूंढने में काफी समस्या आई। कुछ दिन बाद तीसरी काउंसलिंग में महिला ने मदनपुर में अपना ससुराल बताया। बिहार के खगरिया जिले में मदनपुर को लगते थाना मुरकाही के एसएचओ से बात की तो उन्होंने कुछ वक्त मांगा। थोड़े ही दिन बाद वहां की पुलिस ने महिला के ससुराल से संपर्क हो जाने की सूचना दी और वहां पति मलखा के भाई जितेंद्र से बात हुई। उसने महिला को पहचाना और मलखा से संपर्क साधा। मलखा तीनों बच्चों के साथ अपनी पत्नी को लेने यमुनानगर आया।
ऐसे ही एक और मामले के बारे में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एएचटीयू इंचार्ज जगजीत सिंह को लगभग 48 वर्षीय एक मानसिक दिव्यांग महिला के 5 महीने से यमुनानगर के एक निजी आश्रम में रह रहे होने की जानकारी मिली। काउंसलिंग में सिर्फ इतना पता चला कि राजस्थान की अजमेर दरगाह से उनके घर के लिए 7 नंबर टैम्पो जाता है। उस रास्ते पर पड़ते सभी गांवों के मुखियाओं को महिला की फोटो भेजी गई। इसी बीच अजमेर के धरती वीर चौक इलाके के निवासी उसके दो बेटों राहुल और चेतन को जानकारी मिली तो दोनों ने यमुनानगर एएचटीयू के साथ वीडियो कॉल में अपनी मां का पहचान लिया।