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द्रौपदी की लाज भले ही न बचा सके, पर काली के अपमान पर खौल उठा भीष्म पितामह का खून; कहा-हिंदुओं को कट्‌टर होने की जरूरत

मुंबई. आज से करीब 6 हजार साल पहले जब महारानी द्रौपदी का अपमान हुआ था तो भीष्म पितामह को भले ही गुस्सा नहीं हो, पर अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है। शायद इसीलिए भीष्म का भीषण क्रोध जाग उठा। मामला दुष्ट संहारिणी माता काली के अपमान का है। इस पर भीष्म पितामह ने कहा है कि हर हिंदू को आजकल आए दिन बिगड़ रहे माहौल के खिलाफ कट्टर होने की जरूरत है।

बता दें कि फिल्म ‘काली’ पर छिड़ा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस फिल्म की प्रोड्यूशर लीना मणिमेकलाई के खिलाफ एक के बाद एक देशभर में विरोधीस्वर मुखर हो रहे हैं। बहुत सी जगह लीना के खिलाफ FIR दर्ज हो रही हैं, वहीं रेप और कत्ल जैसी धमकियां भी मिल रही हैं। असल में मसला ही कुछ ऐसा है। इसी के चलते बीते दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुप्पी तोड़नी पड़ी। उन्होंने कहा कि माता काली के आशीर्वाद से ही यह देश चल रहा है। उनका इस तरह अपमान सहन करने योग्य नहीं है। इसी बीच भीष्म पितामह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

जनाब कहां कनफ्यूज हो गए। कहीं ऐसा तो नहीं आप सदियों पहले कुरुवंश के इतिहास में खो गए हों। भई खोना भी चाहिए। याद करो उस एक शख्सियत को, जो चाहता तो कुरुक्षेत्र की धरती खून से लाल नहीं हुई होती। हो सकता है कि उस वक्त यही विधि का विधान हो, शायद इसीलिए भीष्म राजद्रोह पर नहीं उतर सके और चुपचाप अपने ही कुल की वधु द्रौपदी की बेइज्जती को सह गए। बीआर चोपड़ा द्वारा निर्मित मशहूर धारावाहिक ‘महाभारत’ में भीष्म की इस भूमिका को हमारे अद्वितीय अभिनेता मुकेश खन्ना ने निभाया था।

 द्रौपदी की लाज भले ही न बचा सके, पर काली के अपमान पर खौल उठा भीष्म पितामह का खून; कहा-हिंदुओं को कट्‌टर होने की जरूरत

अब जबकि काली फिल्म को लेकर विवाद गहराया हुआ है और हर तरफ से प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं तो फिर मुकेश खन्ना भला कैसे चुप रह सकते हैं। लीना पर निशाना साधते हुए मुकेश खन्ना ने कहा है, ‘इतनी हिम्मत!’। हमें ऐसे फिल्ममेकर्स पर रोक लगानी चाहिए। बल प्रयोग न करें, लेकिन कुछ ऐसा जरूर करना चाहिए, जिससे इन सब पर रोक लगे। खास बात यह भी है कि मुकेश की यह प्रतिक्रिया पहली नहीं है। इससे पहले भी Youtube के जरिये एक वीडियो जारी करके लीना का नाम लिए बिना कहा था, कोई तमीज नहीं है, कोई देशभक्ति नहीं है। मुझे नहीं पता वह हिंदू है या मुस्लिम? अगर हिंदू है तो उसे शर्म आनी चाहिए। यहां तो कोई भी कुछ भी बोलकर निकल जाता है। लक्ष्मी बॉम्ब बनाते हो आप, तांडव जैसी फिल्में बनाते हो।

मुकेश खन्ना की मानें तो किसी भी फिल्ममेकर को बस एक ही लालच होता है कि उसे किसी भी तरह ऑस्कर मिल जाए, लेकिन इस वक्त जब देश में कई घटनाओं से यह संकेत दिए जा रहे हैं कि यदि आपने धर्म के खिलाफ बोला तो सही नहीं होगा। उस वक्त ऐसा पोस्टर लाना और उसे प्राउडली पेश करना सही नहीं है। उन्होंने फिर वही बात दोहराई और कहा कि हम हिंदुओं को इसके खिलाफ खड़े हो जाना चाहिए, लेकिन हमारे अंदर एकता नहीं है। मैंने पहले भी कहा था और आज भी कहता हूं कि हर मंगलवार शाम साढ़े सात बजे अपने नजदीक के मंदिर में जाकर ध्यान लगाएं। इस वक्त हम हिंदुओं को एक होने की जरूरत है। इस माहौल में कट्टर होने की जरूरत है।

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