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हरियाणा की साइबर क्राइम पुलिस ने एक महीने में बचाए 6.73 करोड़ रुपए; बैंकों को ADGP ने दिए कड़े निर्देश

चंडीगढ़. साइबर फ्रॉड से निपटकर लोगों को राहत देने की दिशा में काम कर रही हरियाणा की साइबर क्राइम पुलिस ने बीते एक महीने में 6.73 करोड़ रुपए बचाए हैं। इस काम की तारीफ करते हुए एडीजीपी साइबर क्राइम ओपी सिंह का कहना है कि बैंकों को ऑनलाइन ठगी के प्रति अपनी बैंकिंग सुरक्षा प्रणाली को तुरंत मजबूत करने की जरूरत है। पुलिस अधिकारी की मानें तो अधिकतर मामलों में पीड़ित 14 घंटे लगा रहे हैं, कभी-कभी तो 38 घंटे तक भी लग जा रहे हैं, जिससे रिकवरी की संभावना कमजोर हो जाती है।

दरअसल, पुलिस ने 20 दिसंबर 2023 से 20 जनवरी 2024 तक दर्ज साइबर ठगी की सभी शिकायतों का विश्लेषण किया। इस अवधि में, बैंकों को तुरंत कार्रवाई करने के लिए 26.8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले रिपोर्ट किए गए थे। इसमें से केवल 6.73 करोड़ रुपए को सफलतापूर्वक ब्लॉक किया गया। इसका मतलब है कि पुलिस द्वारा रिपोर्ट की गई राशि का 75% बैंकों की देरी के कारण ब्लॉक नहीं किया जा सका। इस बारे में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओपी सिंह ने बताया कि हरियाणा पुलिस की साइबरक्राइम एजेंसी द्वारा किये गये विश्लेषण में पता चला है कि जब लोग साइबर ठगी की रिपोर्ट हेल्पलाइन 1930 पर करते हैं, तब तक ठगी को 14 घंटे से अधिक का समय बीत गया होता है, और बैंकों की धीमी प्रतिक्रिया के कारण ठगी गई राशि को ब्लॉक करने में 5-11 घंटे तक की देरी हो जाती है।

रिपोर्ट करने में लग रहे औसतन 14 घंटे

विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि डेटा विश्लेषण से यह खुलासा होता है कि पुलिस ने cybercrime.gov.in पोर्टल पर साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करने के बाद बैंकों को तुरंत अलर्ट भेजा लेकिन इसके बाद बैंकों ने कार्रवाई करने में करीब 5-11 घंटे लगाए। इसका नुकसान ये हुआ कि उस समय तक ठगी गई राशि को ठगों ने फर्जी खातों में भेजकर एटीएम से या तो नकदी के रूप में निकाल लिया गया या शॉपिंग के लिए इस्तेमाल कर लिया गया। शिकायत के पहले स्तर पर बैंकों ने कार्रवाई करने में पांच घंटे लगाए, वहीं जब ठगों ने धनराशि को अगले बैंक में भेजा तो इसमें बैंकों को प्रतिक्रिया करने में 11 घंटे लगे। डेटा विश्लेषण से साफ-साफ पता चलता है कि जहां पुलिस को साइबर ठगी की शिकायत बैंकों तक पहुंचाने में औसतन आठ मिनट लगते हैं वहीं बैंक के नोडल अधिकारी भेजे गए अलर्ट पर कार्रवाई करने में काफी समय लेते हैं। अधिकांश शिकायतों में, पीड़ितों ने साइबर अपराध की रिपोर्ट करने में औसतन 14 घंटे लगाए, और कभी-कभी 38 घंटे तक लग जा रहे हैं।

बैंकों से की पुलिस अधिकारी ने अपील

इस चिंताजनक परिस्थिति का उल्लेख करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बैंकों को ऑनलाइन ठगी के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया पर कार्य करने पर करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने बैंकों से अपील की कि नागरिकों द्वारा साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग और बैंकों के रिस्पांस मैकेनिज्म पर कार्य करें।

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