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फरीदकोट के आखिरी राजा HS बराड़ की वसीयत Supreme Court में भी झूठी साबित, शाही परिवार में ऐसे बंटेगी 25 हजार करोड़ की Property

नई दिल्ली/फरीदकोट. Supreme Court’s Verdict On Faridkot Riyasat: पंजाब के एक राजघराने का विवाद बुधवार को अंजाम तक पहुंच गया। मसला फरीदकोट रियासत के राजा हरिंदर सिंह बराड़ (Harinder Singh Brar) की वसीयत के मुताबिक 25 हजार करोड़ की संपत्ति (Big Treasure Of Worth 25 Crore Rupees) पर अधिकार का है। आज इस मामले में राजा की बेटी अमृतपाल कौर के दावे की जीत हुई। उनके पिता की वसीयत झूठी साबित हुई और अब महारावल खेवाजी ट्रस्ट (Maharawal Khewaji Trust) कुछ ही दिनों (30 सितंबर तक) का मेहमान है। उसके बाद इस प्रॉपर्टी का 37.5 प्रतिशत राजकुमारी अमृतपाल कौर को, 37.5 प्रतिशत दीपइंदर कौर को जाएगा तो बाकी 25 प्रतिश में से कुंवर मनजीत सिंह (बेटे) और भानजी को आधा-आधा बंट जाएगा। इस तरह से समझें पूरे मामले को…

Faridkot Riyasat, King Harinder Singh Brar

  • दरअसल, दावा है कि 1 जून 1982 को महाराजा हरिंदर सिंह बराड़ ने 67 साल की उम्र में अपनी पहली वसीयत को रद्द करके नई वसीयत लिखी थी।
  • दावे के मुताबिक राजा ने उल्लेख किया था कि अगर अब उनके घर लड़का जन्म लेता है तो वह अकेला ही रियासत की तमाम जायदाद का मालिक होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो यह जायदाद छोटी बेटी दीपइंदर कौर की देखरेख में चल रहे महारावल खेवा जी ट्रस्ट के नाम हो जाएगी।
  • 16 अक्टूबर 1989 को राजा हरिंदर सिंह का निधन हो गया। 1992 में बड़ी बेटी अमृतपाल कौर ने बेदखली के खिलाफ वसीयत को चंडीगढ़ लोअर कोर्ट चुनौती दी।
  • 2013 में अमृतपाल कौर के हक में आए फैसले को महारावल खेवा जी ट्रस्ट ने चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट एंड सैशन कोर्ट में चुनौती दी तो अमृतपाल कौर की जीत हुई।
  • ट्रस्ट ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी। 3 जुलाई 2020 को वहां भी फैसला ट्रस्ट के खिलाफ ही आया।
  • इसके बाद ट्रस्ट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी रखी गई तो 26 जुलाई 2022 को दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो जाने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
Faridkot, Harinder Singh Brar's Daughter Amritpal Kaur
राजा हरिंदर सिंह बराड़ की बड़ी बेटी अमृतपाल कौर, जिसने खुद को साबित करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी है।
  • बुधवार को सुरक्षित फैसला सुनाया गया, जिसके मुताबिक महाराजा हरिंदर सिंह द्वारा लिखी गई वसीयत साबित नहीं हो पाई।
  • वरिष्ठ वकील जसवंत सिंह जस ने बताया कि 30 सितंबर तक अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार महाराजा हरिंदर सिंह की बेटी अमृतपाल कौर और स्व. दीपइंदर कौर के बेटे जयचंद्र और स्व. कुंवर मनजीत सिंह के वंशज आपस में समझौता करके संपत्ति बांट नहीं लेते तो 30 सितंबर के बाद सरकार द्वारा रियासत की संपत्ति पर रिसीवर तैनात करेगी।

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