राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
देश में लेडी डॉक्टर के साथ रेप और फिर मर्डर जैसी एक के बाद एक घटना सामने आने के बाद भड़की आक्रोश की ज्वाला ठंडी होने का नाम ही नहीं ले रही। पूर्व से पश्चिम और दक्षिण से उत्तर तक पूरे देश के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। हिमाचल प्रदेश का चम्बा भी इससे अछूता नहीं है। नाराज मैडिकल स्टाफ का कहना है कि देश की सरकार नारा देती है, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मगर यहां तो पढ़ाने के बाद भी बेटियों को बचाया नहीं जा सकता’। ऐसे में देश के सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए न्याय और बेहतर सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए। दूसरी ओर इस हड़ताल की वजह से तमाम अस्पतालाें में आउटडोर पेशेंट डिपार्टमैंट (OPD) बंद पड़ी हैं और अपने-अपने दर्द का मरहम ढूंढने आ रहे करोड़ों लोग परेशान हैं।
प्राइवेट पार्ट में मिला 151 मिली लीटर सीमन
बता देना जरूरी है कि बीती 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मैडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर स्थित सैमिनार हॉल से चैस्ट डिपार्टमैंट की ट्रेनी डॉक्टर की लाश बरामद की गई थी। अखिल भारतीय सरकारी चिकित्सक संघ के अतिरिक्त महासचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी के मुताबिक पोस्टमॉर्टम जांच के दौरान मृतक ट्रेनी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट में 151 मिली लीटर सीमन मिलना इस बात का सबूत है कि उसके साथ एक नहीं, बल्कि कई राक्षसों ने अत्याचार किया है। इसी के साथ हैवानियत की हद तो देखिए कि शरीर का एक अंग ऐसा नहीं, जिस पर जख्म न हो। पश्चिमी बंगाल हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई है, वहीं इसके सामने आने के बाद देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं।
उत्तराखंड में नर्स के साथ भी हुई ऐसी ही दरिंदगी
उधर, इसी तरह की हैवानियत 1351 किलोमीटर दूर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में देखने को मिली। बिलासपुर कॉलोनी में अपनी 11 साल की बेटी के साथ रह रही उत्तर प्रदेश के इस्लामनगर मूल की एक महिला नैनीताल में एक निजी अस्पताल में नर्स थी। परिवारजनों की तरफ से पुलिस में दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक 30 जुलाई को घर के लिए निकली थी, लेकिन नहीं पहुंची। 31 जुलाई को गुमशुदगी दर्ज करते हुए पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की तो पता चला कि वह टैंपो में बैठकर गई थी। इसके बाद उसकी तलाश का क्रम जारी ही था कि 8 अगस्त को झाड़ियों में मृत पाई गई। गिरफ्तार कर लिए गए धर्मेंद्र नामक हत्या के आरोपी ने पूछताछ में बताया कि काशीपुर रोड स्थित वसुंधरा अपार्टमैंट के अंदर जाते वक्त अकेली महिला पर उसकी नीयत डगमगा गई। उस पर हमला कर दिया। पहले लूटपाट करनी चाही, लेकिन इतने में संतोष न करके खाली जगह ले जाकर उसके साथ गलत काम किया। गला दबाकर हत्या कर दी। फिर पर्स में मौजूद 3 हजार रुपए और गहने लेकर फरार हो गया। आखिर चोरी हुए मोबाइल फोन के जरिये पुलिस उस तक पहुंच गई।
ये हैं गुस्साए डॉक्टर्स की मांगें
अब इन दोनों ही मामलों को लेकर देशभर के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। इसी बीच चम्बा के पंडित जवाहर लाल नैहरू मैडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के असिस्टैंड प्रोफैसर एसोसिएशन ने निश्चित किया कि ओपीडी चलती रहेगी, लेकिन मैडिकल स्टाफ के बाकी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे और जो काम करेंगे, वो काली पट्टियां बांधकर काम करेंगे। देश की सरकार नारा देती है, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मगर यहां तो पढ़ाने के बाद भी बेटियों को बचाया नहीं जा सकता’। 16 अगस्त का दिन भारत के समस्त चिकित्सा जगत के लिए काला दिन होगा।
जहां तक इनकी मांग की बात है, इस बारे में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. माणिक सहगल, जनरल सैक्रेटरी डॉ. विनोद भारद्वाज, पैट्रन डॉ. एसएस डोगरा और अन्य ने बताया कि देश के सभी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए न्याय और बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग की जा रही है। इनका कहना है कि सभी स्वास्थ्य पेशेवरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम बनाया जाना चाहिए।डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा के लिए जल्द से जल्द सख्त कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कार्यस्थल पर डॉक्टरों को पर्याप्त सुरक्षा और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान किया जाना चाहिए। मैडिकल कॉलेज चम्बा में तैनात सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए। देश के अन्य मैडिकल कॉलेजों की तर्ज पर चौगान स्थित मैडिकल कॉलेज परिसर में एक पुलिस चौकी स्थापित की जानी चाहिए।