चंडीगढ़ : हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) को लेकर चल रहा सस्पैंश खत्म हो गया। शुक्रवार को भारतीय चुनाव आयोग ने पूरे शैड्यूल का ऐलान कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली में प्रैस कॉन्फ्रैंस के जरिये बताया कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक ही फेज में होगा। इसके नामांकन के लिए नोटिफिकेशन 5 सितंबर को होगा और 12 सितंबर तक नामांकन भरने के बाद 1 अक्टूबर मतदान के लिए निर्धारित किया गया है। चुनाव का परिणाम4 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में 3 फेज में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। इसके मुताबिक अब यह साफ हो गया है कि राज्य में चुनावी रण तय वक्त से पहले ही होगा। जानें किस दिन क्या होगा…
शुक्रवार को चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव एक ही फेज में होगा। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 3 फेज में होगी। जम्मू-कश्मीर में पहले फेज के लिए 20 अगस्त को नामांकन की अधिसूचना जारी होगी, जो 27 अगस्त अंतिम होगी। इसके बाद 18 सितंबर को होगी। दूसरे फेज के लिए नामांकन की अधिसूचना 29 अगस्त को जारी होगी। 5 सितंबर तक नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और फिर फिर इसके बाद 25 सितंबर को मतदान होगा। तीसरे फेज के नामांकन की अधिसूचना चुनाव आयोग 5 सितंबर को जारी करेगा। 12 सितंबर नामांकन की आखिरी तारीख होगी, वहीं इसके बाद 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 4 अक्टूबर नतीजे का दिन 4 अक्टूबर तय किया गया है।
उधर, यह प्रक्रिया खत्म होते-होते हरियाणा में भी चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाएगी। एक ही फेज में कराए जा रहे हरियाणा के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन की अधिसूचना 5 सितंबर को जारी होगी। 12 सितंबर तक नामांकन भरने के बाद 1 अक्टूबर मतदान के लिए निर्धारित किया गया है। फिर दोनों ही राज्यों यानि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में 4 अक्टूबर को चुनावी नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।
सीएम सैनी ने कहा था-समय पर ही होंगे चुनाव
दूसरी तरफ यह बात भी विशेष तौर पर उल्लेखनीय है कि हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव अक्टूबर में हुए थे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर तक है। बावजूद इसके संशय का माहौल बना हुआ था। एक ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव अपने निर्धारित समय पर ही होने की बात कही थी तो दूसरी ओर चुनाव आयोग की तरफ से आज प्रैस कॉन्फ्रैंस रखी गई थी और अंदाजा लगाया जा रहा था कि चुनाव आयोग हरियाणा में जम्मू-कश्मीर के साथ चुनाव कराने का ऐलान कर सकता है। इसी बीत को लेकर एक सवाल के जवाब में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर आयोजित एक समारोह में कहा कि कौन कहता है-विधानसभा समय से पहले भंग होगी। चुनाव समय पर ही होंगे।
पिछली बार किसी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत
इसी के साथ बता देना जरूरी है कि हरियाणा की मौजूदा विधानसभा में कोई भी पार्टी बहुमत में नहीं है। कुल 90 विधानसभा सीटों वाली प्रदेश की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में इन 90 में से सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हिस्से 40 सीटें आई। 31 सीटें कांग्रेस ने जीती, 10 जननायक जनता पार्टी (JJP) ने जीती तो 9 सीटें अन्य के खाते में चली गई। इनमें से हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा की भी एक सीट रही, जो बाद में विरोध के चलते बाहरी तौर पर समर्थन देकर किंग मेकर की भूमिका में रहे। हालांकि भाजपा के साथ सरकार में निर्दलीयों के अलावा जजपा भी मिली हुई थी। अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 12 मार्च को भाजपा ने जजपा से गठबंधन तोड़ लिया।