Himachal Pradesh

मंत्री के साथ बैठक के बाद मिला 15 दिन में तमाम विसंगतियां दूर करने का भरोसा; कलम छोड़ हड़ताल खत्म करने का आह्वान

चंबा (राजेंद्र ठाकुर). प्रदेश में पंचायती राज विभाग के अधीन जिला परिषदों में लगभग 4700 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, कनिष्ठ अभियन्ता, सहायक अभियन्ता, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, कनिष्ठ लेखापाल, कनिष्ठ आशुलिपिक व सेवादार तैनात हैं, जिन्हें विभाग में विलय किया जाना है, जिसके लिए यह सभी कर्मचारी 30 सितंबर से कलम छोड़ हडताल पर हैं। यह सभी कर्मचारी पिछले 24 वर्षों से विभाग में समायोजन करने की राह देख रहे हैं। इसके चलते पंचायती राज मन्त्री अनिरुद्ध सिंह ने 3 अक्टूबर को जिला परिषद कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ सचिवालय में एक बैठक रखी थी। इसमें कर्मचारियों की समस्याओं को सुनकर आश्वासन दिया गया कि 15 दिन के भीतर समस्त विसंगतियों को दूर किया जाएगा। विभाग में समायोजन के लिए अगली कैबिनेट बैठक में कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किए जाने के आश्वासन के साथ कलम छोड़ हड़ताल को खत्म करने का अनुरोध किया गया।

  • प्रदेश में पंचायती राज विभाग के अधीन जिला परिषदों में लगभग 4700 कर्मचारी, समस्याओं को लेकर 30 सितंबर से जारी है हड़ताल

इसके बाद राज्य कार्यकारिणी द्वारा समस्त जिलाध्यक्षों से चर्चा की गई व जिला अध्यक्षों द्वारा खण्ड अध्यक्षों से चर्चा की गई, लेकिन उसमें सभी कर्मचारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया कि सरकार जब तक हमें विभाग में समायोजित नहीं करती वह अपनी कलम छोड़ हडताल वापस नहीं लेंगे, इसकी मुख्य वजह विभाग द्वारा पिछले वर्ष कर्मचारियों को गुमराह करना है। पिछले वर्ष कर्मचारियों द्वारा 13 दिन की कलम छोड़ हड़ताल की गई थी व निदेशक पंचायती राज द्वारा लिखित में कई प्रकार के आश्वासन दिए थे, परन्तु उसके बाद एक भी आश्वासन पर कोई कार्यवाही पिछले एक वर्ष में नहीं की गई व जो छठे वेतन आयोग की अधिसूचना दिनांक 23 सितंबर 2022 को की गई थी उसे भी रोक दिया गया।

कर्मचारियों के सभी वित्तीय लाभ जैसे कि कर्मचारियों का नियमितिकरण, DA, 5th Pay Commission बाकी कर्मचारियों की तरह जनवरी 2016 से दिया जाना शामिल हैं। इन सभी लाभ नहीं मिल रहे हैं। इससे कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो गया और वह कलम छोड़ हडताल को मजबूर हो गए। अब सरकार और पंचायती राज मन्त्री से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें बार-2 प्रताड़ित होने से बचाया जाए, जिसका एक ही हल है विभाग में विलय जब तक विभाग में विलय नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन कलम छोड़ हड़ताल जारी रहेगी।

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