Uncategorized

आजादी दिवस पर बेटों की कैद से आखिर आजाद हुआ 75 साल का लाचार बाप

सूरत (गुजरात). 75 साल पहले देश भले ही फिरंगियों की गुलामी से आजाद हो गया, लेकिन आज भी बहुत से लोग अपनी छोटी सोच के गुलाम हैं। इसी छोटी सोच वाले दो बेटों ने अपने बूढ़े बाप को 7 महीने से कमरे में कैद करके रखा हुआ था। भले ही एक संस्था की मदद से सही, पर इस आजादी दिवस पर उसे आखिर आजादी मिल ही गई। इसके बाद जिंदगी खुलकर मुस्कराई। ऐसे समझें अपनों की कैद की इस पूरी कहानी को…

मामला गुजरात के उधना का है। मिली जानकारी के अनुसार पुष्पा नामक एक बुजुर्ग महिला को सालभर पहले वृद्धाश्रम वालों ने जिल्लत की जिंदगी से आजाद कराया था। अब उसके पति भी अपनों की कैद से रिहा कराकर यहीं पर छोड़े गए हैं। दो बेटों के पिता 75 साल के माणिकलाल ने बताया कि दोनों बेटे शराब के बड़े आदी हैं। डेढ़ साल पहले बेटों ने इतना प्रताड़ित कर दिया कि माणिकलाल और उनकी पत्नी पुष्पा खाने के मोहताज हो गए। उन्हें कचरे से खाना बीनकर पेट भरना पड़ रहा था। करीब 1 साल पहले किसी ने डिंडोली में वृद्धाश्रम चला रहे अनिल भाई को फोन कर दिया, जिसके बाद वह दोनों को वृद्धाश्रम ले आए। कुछ दिन बाद माणिकलाल वहां से थोड़ा-बहुत टहलने के लिए निकले थे कि बाहर घूम रहे बेटों ने पकड़ लिया। उसके बाद उनसे घर भी अपने नाम करवा लिया।

आजादी दिवस पर बेटों की कैद से आखिर आजाद हुआ 75 साल का लाचार बाप

पिछले 7 महीने से बेटे घर में ही बंधक बनाकर रखते थे। न ठीक से खाने को देते थे और मारपीट भी करते थे। घर से जाते वक्त बाहर ताला भी लगा देते थे। माणिकलाल मानसिक तौर पर बीमार होने लग गए, लेकिन बेटों के डर से पड़ोसी भी ज्यादा दखलंदाजी नहीं कर सकते थे। हां कभी-कभार खिड़की से कुछ थोड़ा-बहुत खाने को दे देते थे। रविवार को भी बुजुर्ग माणिकलाल के साथ बेटों ने मारपीट की तो जयेश नाम के व्यक्ति ने स्वयंसेवी संस्था हैल्पड्राइव फाउंडेशन (Help Drive Foundation) को सूचना दे दी। सोमवार को फाउंडेशन के लोगों ने मौके पर पहुंचकर ताला तोड़ा और माणिकलाल को अपन-परायों की कैद से आजाद कराया। इसके बाद उन्हें डिंडोली के वृद्धाश्रम में ले गए। वृद्धाश्रम में माणिकलाल को काफी लोग देखने आए, जिनमें से एक उनकी पत्नी पुष्पा की तो बाछें खिल गई। माणिकलाल की मानें तो वह हर पल खिड़की पर ही टकटकी लगाए देखते रहते थे कि कब आजादी का कोई फरिश्ता आए और उन्हें इस कैद से आजाद करवाकर ले जाए। रोज ऐसे ही मुंह धोकर सो जाता था। कब सुबह हो जाती, पता नहीं चलता था। मन हो चुका था कि आत्महत्या कर ले, लेकिन अब बेहद खुश हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Hacklinkbetsat
betsat
betsat
holiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
kavbet
extrabet
extrabet giriş
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
ısparta escort
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
https://www.oceancityboardwalkhotels.com/
https://guvenilir-secilmis-liste.com/
adana escort
Betpas
Casibom
vaycasino
Hata: Bu domaine ait aktif link bulunamadı
Hacklinkbetsat
betsat
betsat
holiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
kavbet
extrabet
extrabet giriş
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
ısparta escort
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
child porn
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
deneme bonusu veren siteler
https://www.oceancityboardwalkhotels.com/
https://guvenilir-secilmis-liste.com/
adana escort
Betpas
Casibom
vaycasino
Hata: Bu domaine ait aktif link bulunamadı