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आजादी दिवस पर ‘चोर’ को मिला सम्मान, इस तरह से समझें Strange लग रहे इस पूरे मसले को

कानपुर. एक मशहूर सा गाना है, ‘रामचंद्र जी कह गए सिया से, ऐसा कलियुग आएगा-हंस चुगेगा दाना तिनका, कौआ मोती खाएगा…’। देश के 76वें आजादी दिवस पर उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऐसा ही कुछ देखने को मिला। यहां एक ‘चोर’ को सम्मानपत्र दिया गया है। अब न सिर्फ इस चोर का प्रशस्ति पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, बल्कि इसकी वजह से पूरी कानपुर पुलिस का सिर शर्म से झुकता दिख रहा है।    

इस ‘चोर’ की पहचान प्रदीप सिंह के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार आजादी दिवस समारोह में प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया प्रदीप सिंह कर्नलगंज थाने में हैड कॉन्स्टेबल के पद तैनात है। बड़ी हैरानी की बात है कि अवैध वसूली के मामले में गिने-चुने 4 दिन पहले ही इसे लाइन हाजिर किया गया है और आज डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।

आजादी दिवस पर ‘चोर’ को मिला सम्मान, इस तरह से समझें Strange लग रहे इस पूरे मसले को

मामला कुछ इस तरह से है कि बीती 26 जुलाई को कानपुर के कर्नलगंज निवासी चूड़ी कारोबारी लियाकत अपने घर पर दोस्त बबलू, सीबू और सलमान के साथ ताश खेल रहे थे। अचानक कर्नलगंज थाने का हैड कॉन्स्टेबल प्रदीप सिंह, कॉन्स्टेबल बलवेद्र पाल, श्याम सिंह और धीरेंद्र वहां पहुंचे। आरोप के मुताबिक इन पुलिस वालों ने चूड़ी कारोबारी और उसके दोस्तों से एक लाख रुपए की मांग की और जब लियाकत ने असमर्थता जताई तो पुलिस वालों ने नई सड़क बवाल मामले में जेल भेजने की धमकी दे डाली। इसके बाद जैसे-तैसे 40 हजार रुपए में सौदा हुआ। 40 हजार रुपए लेकर भ्रष्ट पुलिस वालों ने लियाकत को छोड़ दिया। इसके बाद उसने शिकायत की तो संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने जांच के आदेश दिए। शुरुआती जांच में आरोप सही पाए जाने पर 11 अगस्त को ही हैड कॉन्स्टेबल प्रदीप सिंह समेत चार पुलिस वालों को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इस मामले की जांच एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा कर रहे हैं।

इन्हीं में से एक हैड कॉन्स्टेबल प्रदीप सिंह को रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। इस मौके पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड समेत आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। हालांकि इस घटनाक्रम को लेकर संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि पुरस्कारों की घोषणा काफी पहले हो गई थी।

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