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किसान 15 जुलाई तक करवा सकते हैं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी चम्बा अमित मैहरा की अध्यक्षता में हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक

राजेन्द्र ठाकुर/चंबा

वर्ष 2024 के खरीफ मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मौसम आधारित फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी चम्बा अमित मैहरा की अध्यक्षता में दिनांक 27 जून को संपन्न हुई। बैठक के उपरांत अमित मैहरा ने बताया कि वर्ष 2024 के खरीफ मौसम में मक्की व धान की फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 15 जुलाई तक किया जाएगा।

अमित मैहरा ने कहा कि इस खरीफ मौसम में जिला चम्बा में मक्की व धान की फसल का बीमा कृषि विभाग से मान्यता प्राप्त क्षेमा जनरल इंस्योरैंस लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जाएगा। अगर किसान फसल की बिजाई से पहले फसल का बीमा करवाते हैं तो प्राकृतिक कारणों से बिजाई न कर पाने की स्थिति में भी किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई की जाती है। इसके अतिरिक्त खड़ी फसल में और फसल की गहाई करने तक सूखा, बाढ़, प्राकृतिक कारणों से आगजनी, भू-संखलन, ओलावृष्टि, तूफान इत्यादि से होने वाले नुकसान की भरपाई भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में की जाती है।

उन्होंने बताया कि मक्की और धान की फसल का बीमा करवाने के लिए 96 रुपए प्रति बीघा की दर से प्रीमियम देना पड़ता है और अगर प्राकृतिक कारणों से फसल को नुक्सान हो जाए तो नुकसान का आंकलन करने के बाद अधिकतम 4800/- रुपए प्रति बीघा की दर से भरपाई की जाती है, इसलिए सभी किसान किसी भी लोक मित्र केंद्र या जन सेवा केंद्र में जाकर या सीधा पोर्टल के माध्यम से अपनी मक्की व धान की फसलों का बीमा करवा सकते हैं।

पंजीकरण कराना बेहद आसान : मैहरा

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा ने बताया कि पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत बेमौसमी सब्जियों में मटर की फसल का बीमा 30 जून तक और टमाटर की फसल का बीमा 31 जुलाई तक तक करवाया जा सकता है। किसान 800 रुपए प्रति बीघा का प्रीमियम देकर अपनी मटर और टमाटर की फसल का बीमा भी करवा सकते हैं और प्राकृतिक कारणों से नुकसान होने पर अधिकतम 16 हजार रुपए प्रति बीघा का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दोनों योजनाओं के अंतर्गत पंजीकरण करवाना बहुत आसान है, क्योंकि इस योजना में पंजीकृत करवाने के लिए किसी भी लोक मित्र केंद्र में जाकर किसान को केवल अपनी एक फोटो, आधार कार्ड की प्रतिलिपि, खेत के खसरा नंबर का सबूत देना होता है, जबकि ऋणी किसानों की फसल का बीमा किसान की इच्छा जानने के वाद बैंक द्वारा स्वतः ही कर दिया जाता है।

बैठक में कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. कुलदीप धीमान, साहिल स्वांगला जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड, जगदीश चंद्र संख्यान जिला राजस्व अधिकारी, आरती कृषि विकास अधिकारी, अग्रणी बैंक प्रबंधक की ओर से विवेक चौहान, राज्य सहकारी बैंक से जिला प्रबधक हेमराज, एग्रीकल्चर इंस्योरैंस कंपनी से भुवनेश कुमार और क्षेमा जनरल इंश्योरैंस लिमिटेड की ओर से मदन लाल भी उपस्थित थे।

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