पारिवारिक मजबूरी या पार्टी में आत्मसम्मान को ठेस पहुंचना? क्या है BJP के कद्दावर नेता डॉ. देवेंद्र बजाज के इस्तीफे की वजह; जानें क्या कहा कैमरे के सामने…

- पिछले 21 साल से विभिन्न पदों पर सेवा दे रहे डॉ. देवेंद्र बजाज ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा को सोशल मीडिया पर बताई पारिवारिक व्यस्तताएं
महावीर झोंक/फिरोजपुर
मिशन 2024 को लेकर पंजाब के मैदान में अकेले उतरने का मन बना चुकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राह आसान नहीं है। वजह, पार्टी में पुराने नेताओं के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचना है। पार्टी में सभी पदों से इस्तीफा दे देने के बाद दो दशक से भी ज्यादा वक्त से पार्टी की सेवा कर रहे फिरोजपुर के कद्दावर नेता डॉ. देवेंद्र बजाज ने शब्द चक्र न्यूज के साथ बात करते हुए कैमरे के सामने यह बात मानी है। देखें डॉ. बजाज की शब्द चक्र न्यूज के साथ बातचीत का ये वीडियो
बता दें कि मंगलवार को पंजाब के सरहदी जिला फिरोजपुर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने एक रैली की थी। इस रैली को लेकर तमाम जिम्मेदारियां पार्टी के कर्मठ नेता डॉ. देवेंद्र बजाज के कंधों पर थी। मीडिया के साथ-साथ राजनैतिक गलियारों में भी यह बात आम है कि भाजपा की यह रैली गुटबंदी की भेंट चढ़ गई। गजब तो उस वक्त हो गया, जब रैली के अगले दिन ही यानि बुधवार को डॉ. देवेंद्र बजाज ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। पिछले 21 साल से विभिन्न पदों पर सेवा दे रहे डॉ. देवेंद्र बजाज ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी शर्मा को सोशल मीडिया के माध्यम से पारिवारिक व्यस्तताएं बताते सभी पदों से इस्तीफा भेजा है। हालांकि उन्होंने पार्टी से जुड़े रहने की बात भी साथ लिखी है। बता दें कि जब विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा में कुछ नेता कांग्रेस और अकाली दल छोड़कर शामिल हुए हैं, तब से ही टकसाली नेता पार्टी से नाराज चल रहे है। ऐसे में डॉ. देवेंद्र बजाज के इस्तीफे के पीछे भी इसी बात को वजह माना जा रहा है।
ये है डॉ. देवेंद्र बजाज का राजनैतिक सफर
उधर, जहां तक डॉ. देवेंद्र बजाज के राजनैतिक सफर की बात है, फिरोजपुर से ताल्लुक रखते बजाज हॉस्पिटल के मालिक डॉ. देवेंद्र बजाज 2002 में भाजपा युवा मोर्चा के जिला प्रधान बने। 2003 से लगातार 4 बार पार्टी की टिकट पर नगर पार्षद बने। 2014 से 2019 तक भाजपा के जिला प्रधान रहे। 2020 में लोकल बॉडी सैल इंचार्ज पंजाब, अब प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रहे। मुहिम 9 साल बेमिसाल में भी उन्हें इंचार्ज लगाया गया था। फिलहाल संसदीय हलके में श्वेत मलिक के साथ सह प्रभारी लगाया हुआ था और गुरु हरसहाय विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी थे।
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