CCTNS डैशबोर्ड रैकिंग में फिर बजा हरियाणा का डंका, दिल्ली-UP को पछाड़ पाया 99.9% का स्कोर

- 99.43 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे, 97.87 प्रतिशत के साथ दिल्ली तीसरे, 95.03 फीसदी अंक ले पंजाब चौथे और 94.48 प्रतिशत अंक ले महाराष्ट्र पांचवें स्थान पर रहे
- हरियाणा पुलिस ने हर प्रकार की इन्फोर्मेशन का डिजिटलाइजेशन का काम कर लिया 100 प्रतिशत, मार्च में राज्य में प्रदेश में 13602 एफआईआर हुई दर्ज
पंचकूला. हरियाणावासियों के लिए एक अच्छी खबर है और वो ये है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में हरियाणा में अपराध पर नियंत्रण कहीं ज्यादा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की मार्च 2023 की रैंकिंग में हरियाणा के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) को फर्स्ट रैंकिंग मिली है। खास बात यह भी है कि इससे पहले फरवरी में भी हरियाणा पुलिस फर्स्ट रैंंकर रही है। अब फिर से वही टॉप रैंकिंग हासिल करने पर हरियाणा स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो निदेशक ओपी सिंह ने समस्त राजपत्रित अधिकारियों और CCTNS शाखा में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही आने वाले महीनों में और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित भी किया।
दरअसल, CCTNS के माध्यम से हरियाणा पुलिस प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण, डाटाबैंक सेवाएं आदि पर काम करती है। इसे निर्देशित कर रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के अनुसार CCTNS को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों पर नजर रखने की सुविधा के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है।
इस बारे में जानकारी सांझा करते हुए हरियाणा के पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि CCTNS का उपयोग पुलिस की तरफ से अपराध और अपराधियों के डाटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है। इसके अतिरिक्त आम जन को भी कई प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाता है। जैसे कि सीसीटीएनएस पर एफआईआर दर्ज होते ही उसकी प्रति घर बैठे डाउनलोड करने की सुविधा मिल जाती है। हर प्रकार के एनओसी इसी के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। करैक्टर सर्टिफिकेट या मकान किराये पर देने के लिए किरायेदार की पुलिस वेरिफिकेशन की सुविधा भी इसी डाटा से आसान हो जाती है। इस परियोजना का उद्देश्य विशेष रूप से पुलिस थाने स्तर पर पुलिसिंग की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए एक व्यापक और एकीकृत ई-सिस्टम बनाना है।
प्रवक्ता ने बताया कि CCTNS प्रगति डैशबोर्ड में विभिन्न मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाते है और उसी आधार पर प्रति माह रैंकिंग तय की जाती है। CCTNS प्रोजैक्ट की परफॉर्मेंस की रैंकिंग में प्रदेश की पुलिस लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। वर्तमान में जारी की गई रैंकिंग में हरियाणा 99.98 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहा, वहीं उत्तर प्रदेश 99.43 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहा। इसके अतिरिक्त दिल्ली 97.87, पंजाब 95.03 और महाराष्ट्र 94.48 प्रतिशत अंक प्राप्त कर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे।
हरियाणा पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक प्रदेश पुलिस ने हर प्रकार की इन्फोर्मेशन का डिजिटलाइजेशन का काम 100 प्रतिशत पूर्ण कर लिया है। मार्च माह में प्रदेश में 13602 एफआईआर सभी थानों में दर्ज की गई थी, जो की हर समय पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त 14000 से अधिक क्राइम डिटेल फॉर्म भरे गए।