NSA से घिरे खालिस्तानी अमृतपाल का UP कनैक्शन आया सामने, नेपाल बॉर्डर पर स्थित एक गुरुद्वारे के ग्रंथी की है फगवाड़ा में मिली Scorpio

फगवाड़ा/लखनऊ. Amritpal Latest News: पुलिस पर हमले समेत कई मसलों की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) खालिस्तानी अमृतपाल की फरारी में उत्तर प्रदेश (UP) कनैक्शन सामने आया है। बीते दिनों कपूरथला जिले के फगवाड़ा शहर में मिली स्कॉर्पियो गाड़ी उत्तर प्रदेश के एक गुरुद्वारे के ग्रंथी की है और यह गुरुद्वारा नेपाल बॉर्डर से सटा हुआ है। ऐसे में बीते दिनों जताई गई उसके नेपाल भाग जाने की आशंका बलवती होती नजर आ रही है। यह अलग बात है कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना जा रहा खालिस्तानी समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल अभी पंजाब में होने के भी संकेत मिल रहे हैं, इस बात में कोई दो राय नहीं कि अगर पहले नहीं की तो क्या अब भी वह उत्तर-प्रदेश उत्तराखंड के रास्ते नेपाल नहीं भाग जाएगा।
दरअसल, रूपनगर जिले के बरिंदर सिंह नामक युवक को किडनैप करके मारपीट के मामले में ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान गिरफ्तार किए जाने के बाद संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने हजारों समर्थकों के साथ 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। बड़ा आरोप यह भी है कि यह हमला धर्म ग्रंथ की आड़ लेकर किया गया, ताकि पुलिस कोई सख्त एक्शन न ले सके। हालांकि इस वारदात के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के दाहिने हाथ तूफान को छोड़ दिया था, लेकिन बाद में कड़ी आलोचना के बाद शनिवार 18 मार्च को जालंधर-मोगा नैशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके में फिर से घेरने की कोशिश की गई। यहां से भी पुलिस की आंखों में धूल झोंककर अमृतपाल भागने में कामयाब रहा। एक दावे के मुताबिक अब तक पुलिस 400 के करीब लोगों को पकड़ और इनमें से 198 को रिलीज कर चुकी है। अमृतपाल समेत 7 पर NSA लगाया गया है। इससे पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब की सरकार से जवाब मांग चुका है कि आपके 80 हजार पुलिस वाले आखिर कर क्या रहे हैं?
अब एक बार फिर खालिस्तानी अमृतपाल सुर्खियों में है। एक ओर पंजाब पुलिस जगह-जगह उसकी तलाश कर रही है, वहीं उसका UP कनैक्शन भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को पंजाब में नोटिस की गई उत्तराखंड की स्कॉर्पियो (UK06AR1313) को अमृतपाल ने इस्तेमाल किया। वह इस स्कॉर्पियो को फगवाड़ा में छोड़कर एक इनोवा कार से फरार हो गया। हालिया पड़ताल में पुलिस ने पाया कि उत्तराखंड और नेपाल बॉर्डर से सटे उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के बड़ेपुरा गुरुद्वारे के ग्रंथी मोहन सिंह की है।
सूत्रों के मुताबिक इस बारे में ग्रंथी की मानें तो यह गाड़ी पिछले 5-6 महीने से डेरे पर थी। वहां के सेवादार ने सिर्फ पंजाब जाने की जानकारी दी थी। उसके बाद कोई बात नहीं हो रही। फोन तक भी नहीं लग रहा। हालांकि गुरुद्वारे के पास मौजूद 20-25 और गाड़ियां भी जरूरत के हिसाब से डेरे में जाती रहती हैं। सामान्य तौर पर इनका इस्तेमाल सामान लाने-ले जाने के लिए किया जाता है। अभी तक यह भी साफ नहीं हो पाया है कि पुलिस की ग्रंथी से मुलाकात क्यों नहीं हो पाई है। पुलिस इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि पंजाब में नोटिस की गई स्कॉर्पियो गाड़ी कैसे पहुंची?
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Rodolfo