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खेदड़ में एक बार फिर हो सकता है टकराव: प्रदर्शनकारियोें ने ट्रैक्टर से खींचे बैरिकेड्स, अब नजर आज की महापंचायत पर

खेदड़/सुलखनी (हिसार). हिसार जिले के गांव खेदड़ में भारी टकराव की आशंका न सिर्फ लगातार बनी हुई है, बल्कि बढ़ती ही जा रही है। एक ओर पिछले 3 महीने से अपनी मांग को लेकर धरने पर डटे ग्रामीण पीछे कदम हटाने को तैयार नहीं है, दूसरी ओर प्रशासन इनसे निपटने के लिए पूरी तैयारी में है। बीते दिनों एक ग्रामीण प्रदर्शनकारी की मौत के बाद मामला और भी गहरा गया और इसके चलते संयुक्त किसन मोर्चा ने अपना कार्यक्रम टालकर खेदड़ धरने का समर्थन करके आग में घी का काम किया है। आज प्रदर्शनकारियों की तरफ से महापंचायत का आह्वान है, जिस पर सबकी नजर टिकी हुई है। इससे पहले प्रशासन ने धरनास्थल पर बैरिकेड्स लगा दिए, लेकिन इन्हें ग्रामीणों ने ट्रैक्टरों की मदद से घसीटकर एक साइड कर दिया। यही वजह है कि अब टकराव की पूरी आशंका है।

खेदड़ में महासंगाम की आशंका: प्रशासन के लगाए बैरिकेड्स ट्रैक्टर से खींचे प्रदर्शनकारियोें ने, अब नजर महापंचायत पर

बता दें कि खेदड़ स्थित स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट (Rajiv Gandhi Thermal Power Plant) की राख उठाने का काम गोशाला को दिए जाने की मांग को लेकर यहां चल रहे ग्रामीणों के धरने का बुधवार को 91वां दिन है। इसी आंदोलन के बीच 8 जुलाई को थर्मल पावर प्लांट में आने वाले रेलवे ट्रैक जाम करके यहां कोयले की सप्लाई ठप करने के लिए किसान आगे बढ़े तो पुलिस के साथ टकराव हो गया। उस दौरान गांव के धर्मपाल नामक एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई।

हालांकि प्रशासन की तरफ से धर्मपाल की मौत प्रदर्शनकारियों के ट्रैक्टर के नीचे कुचले जाने की वजह से होने की बात कही जा रही है, लेकिन ये लोग इसके लिए पुलिस प्रशासन को ही गलत बता रहे हैं। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का आरोप है कि उनके साथी की मौत पुलिस की लाठियों से हुई है, जबकि 10 नामजद सहित उनके ही 810 साथियों पर 302, 307 की धाराओं के तहत केस दर्ज कर दिए गए। चार को जेल में भी बंद कर दिया। प्रशासन की मानसिकता में खोट है। प्रशासन के इसी रवैये के खिलाफ एक ओर बुधवार को महापंचायत का ऐलान किया हुआ है, वहीं खरीफ की फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर हिसार कमिश्नरी के 4 जिलों हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और जींद के किसानों के लिए संघर्षरत संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से भी खेदड़ धरने को समर्थन प्राप्त है। यहां सैकड़ों की संख्या में किसान जमा होना शुरू हो गए हैं और इन्होंने प्रशासन की तरफ से लगाए गए बैरिकेड्स को उखाड़ फैंका है।

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